विवाह पंचमी पर ये मंत्र जपने से खत्म होंगी सारी समस्याएं,  इस दिन जरूर सुनें राम- सीता की विवाह कथा

punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2024 - 06:56 PM (IST)

नारी डेस्क: विवाह पंचमी का दिन हिंदू धर्म में बहुत खास माना जाता है। विवाह पंचमी का पर्व प्रभु श्रीराम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ का प्रतीक है, जो हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।। यह दिन वैवाहिक जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए खास माना जाता है।  इस दिन भगवान राम और माता सीता के विवाह की कथा पढ़ने का विशेष महत्व माना गया है, कहा जाता है कि हर पति- पत्नी को यह कथा जरूर सुननी चाहिए। 

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विवाह पंचमी की कथा


प्राचीन कथा के अनुसार, एक बार राजा जनक हल चला रहे थे उस समय उन्हें धरती से एक कन्या की प्राप्ति हुई इस कन्या का नाम ही उन्होंने सीता रखा। राजा जनक देवी सीता को बेटी के रूप में पाकर बहुत खुश  हुए और बहुत ही प्यार के साथ उन्होंने माता सीता का पालन-पोषण किया। एक बार माता सीता ने भगवान शिव का धनुष उठा लिया। इस धनुष को उठाने का सामर्थ्य परशुराम जी के अलावा किसी और में नहीं था। ये देख राजा जनक समझ गए कि ये कोई साधारण लड़की नहीं है और उन्होंने उसी समय ठान लिया कि जो भी शिव जी के इस धनुष को उठा लेगा उसी के साथ वे अपनी बेटी सीता का विवाह करेंगे।


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जब सीता माता विवाह के योग्य हुई तो राजा जनक ने उनके लिए स्वयंवर रखा और यह घोषणा कर दी कि जो भी शिवजी के धनुष को उठाकर उसे तोड़ देगा, वही सीता से विवाह करेगा। राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता को पृथ्वी से पाया था और उन्हें धनुष तोड़ने योग्य योग्य वर की तलाश थी। भगवान श्रीराम ने गुरु वशिष्ठ और लक्ष्मण के साथ स्वयंवर में भाग लिया और शिवधनुष तोड़कर सीता का वरण किया। इस दिन को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है।  


विवाह पंचमी के उपाय


इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा करके उनका आशीर्वाद लें। इससे दांपत्य जीवन में प्रेम और समर्पण बढ़ता है।  विवाह में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए हनुमानजी का स्मरण और सुंदरकांड का पाठ करें।  इस दिन केले के पेड़ का पूजन करना शुभ माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है।  विवाहित महिलाएं इस दिन सुहाग की वस्तुएं जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर आदि का दान करें। इससे वैवाहिक संबंध मजबूत होते हैं।  
 

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वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने के लिए मंत्र
 
इस दिन निम्न मंत्र "ॐ सीता रामाय नमः"  का जप करें, यह मंत्र दांपत्य जीवन में मधुरता और समर्पण लाने में सहायक होता है।  विवाह पंचमी का पर्व केवल पूजा-पाठ का नहीं, बल्कि अपने जीवनसाथी के साथ प्रेम, आदर और समर्पण का संकल्प लेने का भी दिन है।


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vasudha

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