वट सावित्री व्रत: पति की लंबी उम्र के लिए ये खास उपाय जरूर करें सुहागिनें
punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 06:24 PM (IST)

नारी डेस्क: वट सावित्री व्रत का हिंदू संस्कृति में बहुत खास महत्व है। यह व्रत खासतौर पर विवाहित महिलाएं रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से न केवल पति की उम्र लंबी होती है, बल्कि दांपत्य जीवन में शांति और प्रेम बना रहता है।
वट सावित्री व्रत 2025 की तिथि और शुभ समय
इस साल वट सावित्री व्रत 26 मई 2025, सोमवार को रखा जाएगा।
अमावस्या तिथि की शुरुआत — 26 मई को दोपहर 12:11 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त — 27 मई को सुबह 8:31 बजे
उदय तिथि के अनुसार व्रत 26 मई को ही मनाया जाएगा, क्योंकि हिन्दू पंचांग में उदय तिथि को प्राथमिकता दी जाती है।
वट सावित्री व्रत का महत्व क्यों है खास?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लेकर उन्हें नया जीवन दिया था। यह चमत्कार वट वृक्ष (बरगद के पेड़) के नीचे हुआ था। इसीलिए इस दिन वट वृक्ष की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास माना जाता है। इसलिए इस पेड़ की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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वट सावित्री व्रत पर क्या करें खास उपाय?
वट वृक्ष की पूजा करें विधिपूर्वक: इस दिन वट वृक्ष के नीचे जाकर पूजा करें। व्रत रखने वाली महिलाएं भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और उनके सामने घी का दीपक जलाएं।
पति के साथ करें वट वृक्ष की परिक्रमा: पति के साथ मिलकर वट वृक्ष की 11 बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय मौन रहना और मन में प्रार्थना करना शुभ माना जाता है। यह उपाय पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम और एकता बढ़ाता है।
आर्थिक उन्नति के लिए करें ये उपाय
इस दिन बरगद के पेड़ के नीचे जाकर पीले या सफेद रंग की 11 कौड़ियां चढ़ाएं। यह उपाय देवी लक्ष्मी की कृपा पाने और आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए किया जाता है।
वैवाहिक जीवन में मिठास लाने के लिए
इस दिन 11 सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार का सामान (जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, कंघी आदि) भेंट करें। यह परंपरा आपके वैवाहिक जीवन में मधुरता और सुख-शांति लाती है।
जरूरतमंदों को भोजन कराएं
वट सावित्री व्रत के दिन किसी जरूरतमंद को वट वृक्ष के नीचे भोजन कराना भी बहुत पुण्यदायी होता है। ऐसा करने से पति की दीर्घायु के लिए शुभ फल मिलता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
वट सावित्री व्रत सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह नारी शक्ति, प्रेम, त्याग और आस्था का प्रतीक है। इस दिन यदि आप पूरे विधि-विधान और विश्वास के साथ व्रत रखें और बताए गए उपाय करें, तो निश्चित ही आपके वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहेगी।