चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की प्रतिमा करनी है स्थापित तो इन नियमों को न करें नजरअंदाज
punjabkesari.in Thursday, Mar 16, 2023 - 01:51 PM (IST)
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है। इस बार चैत्र महीने के नवरात्रि 22 मार्च से शुरु होने वाले हैं। नौ दिन भक्त पूरे भक्ति भाव के साथ मां दुर्गा की पूजा करते हैं। पहले दिन कलश स्थापना के साथ नवरात्रि की शुरुआत होती है और आखिर में कन्या पूजन के साथ भक्त अपने नौ दिनों का उपवास खोलते हैं। ऐसे में यदि इस नवरात्रि आप भी मां दुर्गा की प्रतिमा घर में स्थापित करने वाले हैं तो इन नियमों का खास ध्यान रखें। आइए जानते हैं इनके बारे में...
दिशा का रखें ध्यान
वास्तु मान्यताओं के मुताबिक, मूर्ति स्थापित करने से पहले आप दिशा का खास ध्यान रखें। आप मां की मूर्ति उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित कर सकते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस दिशा में मूर्ति रखने से शारीरिक और मानसिक परेशानियां दूर होती हैं।
कितनी बड़ी होनी चाहिए मूर्ति
इसके अलावा मां दुर्गा की मूर्ति कितनी बड़ी होनी चाहिए। इस बात का भी खास ध्यान रखें। मां की मूर्ति आप 3 इंच से बड़ी न लेकर आएं। इसके अलावा मूर्ति का रंग पीला, हरा, गुलाबी होना चाहिए।
स्थापना से पहले करें ये काम
मूर्ति घर में रखने से पहले आप यहां पर मूर्ति रखने वाले हैं वहां पर सिंदूर, साबुत चावल जरुर डालें। इसके बाद ही मूर्ति स्थापित करें। जब मूर्ति उठानी है तो स्थापित किए हुए चावलों को घर की तिजोरी या फिर रसोई में रख दें।
पश्चिम दिशा में भी रख सकते हैं मूर्ति
ईशान कोण के अलावा आप मूर्ति उत्तर दिशा या फिर पश्चिम दिशा में भी रख सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि मूर्ति का मुंह पूर्व या फिर दक्षिण दिशा में हो। मान्यताओं के अनुसार, इस दिशा में मूर्ति रखने से मन में इच्छा पैदा होती है।
अच्छे से साफ करें मंदिर
मंदिर में मूर्ति स्थापित करने से पहले इसे अच्छे से साफ कर लें। सबसे पहले एक चौकी पर लाल या फिर पीला कपड़ा बिछाएं। इसके बाद मूर्ति को रखने से पहले उस जगह पर लाल सिंदूर और थोड़े से चावल डालें फिर मूर्ति स्थान पर स्थापित करें। इससे घर में सुख-समृद्धि आएगी।
यहां पर न रखें मूर्ति
वास्तु मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा की प्रतिमा आप दक्षिण दिशा में भूलकर भी न रखें, क्योंकि यह दिशा यम की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में मूर्ति रखने से घर में नेगेटिव शक्तियां आती है और घर की सुख-शांति पर भी प्रभाव पड़ता है।