भारत की सबसे छोटी Yoga Brand Ambassdor अब मलेशिया में करेगी मुक़ाबला
punjabkesari.in Monday, Jul 07, 2025 - 03:50 PM (IST)

नारी डेस्क: दिल्ली की सात वर्षीय योग साधिका वान्या शर्मा ने योग के क्षेत्र में अपनी असाधारण प्रतिभा और मेहनत से एक नई उपलब्धि हासिल की है। वान्या का चयन 3rd UYSF एशिया पैसिफिक योग स्पोर्ट्स चैंपियनशिप 2025 के लिए हुआ है, जो इस वर्ष 3 सितंबर को मलेशिया में आयोजित होगी। इस प्रतियोगिता में वान्या आर्टिस्टिक योग और ट्रेडिशनल (गर्ल्स) श्रेणियों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
वान्या, जो कि दिल्ली के एस.डी. पब्लिक स्कूल, पीतमपुरा की छात्रा हैं, तीन वर्ष की उम्र से योगाभ्यास कर रही हैं। उनकी लचीली योग मुद्राएं, कठोर अभ्यास और मंच पर आत्मविश्वास ने उन्हें योग की दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई है। अब तक उन्होंने 100 से अधिक पुरस्कार और 14 विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं, जो उनकी योग के प्रति गहरी लगन और समर्पण को दर्शाता है।
हाल ही में 14 जून 2025 को आयोजित ऑनलाइन चयन प्रतियोगिता में वान्या ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिससे निर्णायकों के बीच उनकी योग क्षमताओं का प्रभाव स्पष्ट हुआ। उनकी इस सफलता ने उन्हें इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चुना गया।
वान्या 2 सितंबर को मलेशिया के लिए रवाना होंगी और प्रतियोगिता के समापन के बाद 5 सितंबर को वापस दिल्ली लौटेंगी। आयोजकों द्वारा यात्रा, आवास और कार्यक्रम से जुड़ी विस्तृत जानकारी जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी।
UYSF इंटरनेशनल की कार्यकारी समिति सदस्य ज्योति पाल और फेडरेशन के अध्यक्ष श्री सुरेश कुमार ने वान्या को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि वान्या का चयन न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह भारत में योग खेलों की बढ़ती लोकप्रियता और वैश्विक मान्यता का भी प्रतीक है।
भारत के दिल्ली में रहने वाली @vanya_yogini भारत की सबसे छोटी Yoga Brand Ambassdor अब मलेशिया में करेगी मुक़ाबला#Vanyasharma #yogabrandambassador pic.twitter.com/v9a7RSmZof
— Nari (@NariKesari) July 7, 2025
यूनिवर्सल योगा स्पोर्ट्स फेडरेशन ने वान्या शर्मा को अपना ब्रांड एम्बेसडर भी नियुक्त किया है, जो उनके उत्कृष्ट योगदान और समर्पण को सम्मानित करने का एक बड़ा सम्मान है।
पूरा भारत गर्व महसूस कर रहा है कि इतनी छोटी उम्र में वान्या ने योग के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम ऊंचा कर रही हैं। उनकी यह सफलता युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है और यह स्पष्ट करती है कि सच्ची मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।