WHO के वैज्ञानिक की चेतावनी- कोरोना के इलाज में आइवरमेक्टिन दवा का न करें इस्तेमाल

punjabkesari.in Tuesday, May 11, 2021 - 04:02 PM (IST)

एक तरफ जहां देश में कोरोना माहामारी फैली हुई वहीं दूसरी तरफ इस बीमारी से बचने के लिए लोग और डाॅक्टर अन्य बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां का इस्तेमाल कर रहे हैं। दरअसल, सोमवार को गोवा सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज में आइवरमेक्टिन दवा के इस्तेमाल की मंजूरी दे थी। लेकिन अब इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने इस दवा को लेकर एक ट्वीट किया है। उनका कहना है कि ये दवाई सुरक्षित नहीं है।
 

सौम्या स्वामीनाथन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि WHO आइवरमेक्टिन दवाई के इस्तेमाल के खिलाफ है। किसी भी दवा की सुरक्षा और साथ ही वो कितनी प्रभावी है इसका ध्यान भी रखा जाना चाहिए। स्वामीनाथन के मुताबिक इस दवा का इस्तेमाल सिर्फ क्लीनिकल ट्रायल में होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अपने ट्वीट में मर्क नाम की कंपनी का एक बयान भी अटैच किया है जिसमें इस दवा के बारे में बताया गया है।


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कितनी सुरक्षित है यह दवा?

बता दें कि इस साल फरवरी में मर्क ने कोरोना के मरीजों पर आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल को लेकर रिपोर्ट छापी थी। इसके मुताबिक क्लीनिकल ट्रायल में इस बात के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि ये दवाई कोरोना के मरीजों पर काम करती है। साथ ही कंपनी की तरफ से वैज्ञानिकों ने भी कहा था कि ये दवा क्लीनिकल ट्रायल में कितनी सुरक्षित है इसके डेटा भी नहीं मिले हैं। 


कोरोना संक्रमण नहीं रोक सकती यह दवा

बतां दें कि इससे पहले गोवा के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि, आइवरमेक्टिन 12 MG दवा का इस्तेमाल पांच दिनों तक करना होगा।  वहीं, यूके, इटली, स्पेन और जापान के एक्सपर्ट्स ने इस दवा को कोरोना मृत्यु दर कम करने में कारगर पाया है। न सिर्फ मृत्यु दर बल्कि रिकवरी कम करने में भी बेहद कारगार है। ये दवा कोरोना संक्रमण नहीं रोक सकती लेकिन बीमारी को गंभीर होने से बचाने में कारगर है।

 


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Content Editor

Anu Malhotra

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