Women Health:  बार-बार मिसकैरेज होने के ये हो सकते हैं कारण

punjabkesari.in Tuesday, Aug 16, 2022 - 11:09 AM (IST)

बार-बार होने वाले गर्भपात के पीछे कई कारण होते हैं, जैसे आनुवांशिक कारक, पर्यावरणीय कारक, संक्रमण, हार्मोन विकार आदि। आमतौर पर गर्भपात गर्भावधि के 20 सप्ताह से पहले होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह पहले 12 सप्ताह में भी हो सकता है। लगभग 50 प्रतिशत महिलाओं की बार-बार गर्भपात के लिए सटीक जांच और उपचार हो जाता है, लेकिन शेष 50 प्रतिशत मामलों में कारण अस्पष्ट रह जाते हैं या उनकी समस्या का कोई स्पष्ट कारण नजर नहीं आता।

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क्या है कारण 

इस स्थिति का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण हो सकता है ‘पैल्विक फ्लोर’ की मांसपेशियों की कमजोरी जिसे स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भी अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। ‘पैल्विक फ्लोर’ शरीर का वह हिस्सा है, जिसमें ब्लैडर, यूटेरस, वजाइना और रैक्टम होते हैं। यह हिस्सा महिलाओं के शरीर के सबसे अहम अंगों को सहेज कर रखता है। इसकी कमजोरी की समस्या पर काबू पाने के लिए अभी तक अधिक महत्व नहीं दिया गया है। गर्भपात की समस्या से पीड़ित अधिकांश महिलाएं सटीक कारण का पता लगाने के लिए पेट की जांच और परीक्षण करवाती हैं।

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मांसपेशियों की जांच करवाना जरूरी

ऐसी सभी महिलाओं के लिए जरूरी है कि वे ‘पैल्विक फ्लोर’ की मांसपेशियों की जांच भी करवाएं ताकि इसकी कमजोरी की समस्या का भी पता चल सके। यदि यह आपके गर्भपात का कारण निकलता है तो स्त्री रोग विशेषज्ञ या पैल्विक फ्लोर रिहैबिलिटेशन स्पैशलिस्ट से उचित परामर्श लेना चाहिए। ‘पैल्विक फ्लोर’ की मांसपेशियों की कमजोरी का उपयुक्त इलाज और उसके बाद गर्भपात की समस्या का समाधान किया जा सकता है। (डा. रीमा रसोत्रा)


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vasudha

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