Badrinath Dham में बदले इस बार नियम, यात्रा करने से पहले जान लें नहीं तो होगी परेशानी

punjabkesari.in Monday, May 13, 2024 - 12:19 PM (IST)

उत्तराखंड में तो मानो यात्रियों का सैलाब से आ रहा है। केदरानाथ, गंगोत्री- यमुनोत्री के बाद अब बदरीनाथ धाम के रविवार यानी कल सुबह 6 बजे से कपाट खुल गए। इस दौरान बदरीनाथ को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। यहां पर भक्तों की लंबी कतार देखने को मिली। इस मौके पर विशेष पूजा- अर्चना भी की गई। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के शुभ मौके पर समस्त श्रद्धालुओं को बधाई दी। चारों धाम के कपाट खुलाने के बाद से यहां पर इतनी ज्यादा भीड़ है कि यात्रियों से पूडा अपडेट लेकर ही यात्रा करने की सलाह दी जा रही है। वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार बदरीनाथ में काफी कुछ बदला हुआ सा नजर आ रहा है। अगर आप भी बदरीनाथ की यात्रा करने की सोच रहे हैं तो पहले ये नियम जान लें। 

जान लें यहां पर यात्रा करने के नियम

सबसे पहले पंजीकरण जरूरी है। उसके बाद पहली बार टोकन सिस्टम से ही दर्शन होंगे। कतार में लगने से कोई फायदा नहीं है। पंजीकरण दिखाकर ही टोकन मिलेगी। इसके बाद तय समय में ही दर्शन हो सकेंगे। बदरीनाथ धाम में पहुंचने पर तीर्थयात्रियों को सबसे पहले पर्यटन विभाग की ओर से बनाए रजिस्ट्रेशन काउंटर में अपना रजिस्ट्रेशन पत्र दिखाना होगा। इसके बाद उनके रजिस्ट्रेशन नंबर क्यूआर कोड से स्कैन करने के बाद तीर्थ यात्रियों को एक टोकन दिया जाएगा। जिसमें बदरीनाथ का समय अंकित होगा। तीर्थयात्री उसी निर्धारित समय पर मंदिर में प्रवेश कर दर्शन कर सकते हैं। ये व्यवस्था पंजीकरण की संख्या और भक्तों में उत्साह को देखकर ही शुरु की गई है, ताकि यात्रियों में किसी तरह की भगदड़ की स्थिति न पैदा हो।

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हल्की बारिश में खोले गए धाम के कपाट

बता दें, बदरीनाथ की कपाट खोलने की प्रक्रिया ब्रह्म बेला में सुबह 4 बजे हुई। हल्की बारिश के बीच आर्मी बैंड की मधुर धुन एवं ढोल नगाड़े की थाप और स्थानीय महिलाओं के पारम्परिक संगीत और नृत्य के साथ भगवान बद्री विशाल की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। परंपराओं के निर्वहन के साथ कुबेर जी, श्री उद्धव जी एवं गाडू घडा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया।


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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