Labor Pain 80% होगा कम लेकिन ये महिलाएं भूलकर भी ना लें Epidural Analgesia

punjabkesari.in Friday, Sep 24, 2021 - 11:31 AM (IST)

मां बनना हर महिला के लिए वरदान है। मगर, कई महिलाएं डिलीवरी पेन से बचने के लिए प्रेगनेंसी प्लान नहीं करती। वहीं, कुछ प्रसव पीड़ी को कम करने के लिए बिना सलाह घरेलू नुस्खे अजमाती रहती है जो नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। ऐसे में आप एपिड्यूरल एनाल्जेसिया का ऑप्शन चुन सकती हैं जो डिलीवरी पेन को 80% तक कम करने में मदद करता है। जो महिलाएं प्राकृतिक प्रसव पीड़ा का अनुभव नहीं करना चाहती और दवाएं भी नहीं लेना चाहती, उनके लिए एपिड्यूरल एनाल्जेसिया बेहतरीन विकल्प बन गया है।

क्या है एपिड्यूरल एनाल्जेसिया?

एपिड्यूरल एनाल्जेसिया एक इंजेक्शन है, जिसे रीढ़ की एपिड्यूरल जगह (पीठ के निचले हिस्से) में इंजेक्ट किया जाता है। यह एपिड्यूरल स्पेस से नसों तक पहुंचता है और फिर मस्तिष्क तक दर्द के संकेतों को पहुंचने से रोकता है। 

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किन महिलाओं को नहीं दिया जाता एपिड्यूरल?

. जिन्हें रक्त के थक्के विकार
. जो महिला खून पतला करने वाली दवाले रही हो
. तंत्रिका संबंधी विकार
. योनि से भारी रक्तस्राव
. जिनकी पीठ के निचले हिस्से की सर्जरी हुई है।

चलिए आपको बताते हैं एपिड्यूरल के फायदे

. प्रसव के दौरान अन्य दर्द निवारक विकल्पों की तुलना में अधिक प्रभावी होते हैं।
. इससे महिलाओं को प्रसव आसान और बच्चे को बाहर निकालने की ताकत मिलती है।
. प्रसव के दौरान जागते और सतर्क रहने में मदद मिलती है।
. यह सी-सेक्शन के मामले में केवल शरीर के निचले हिस्से को सुन्न करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
. आराम और ध्यान केंद्रित रहने में मदद करता है, खासकर जब महिलाएं थका हुआ महसूस करती हैं।

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एपिड्यूरल के साइड-इफेक्ट

एपिड्यूरल आमतौर पर सुरक्षित होते हैं लेकिन कई महिलाओं में इसके कुछ साइड-इफेक्ट्स देखने को मिलती है। बता दें कि 100 में से सिर्फ 15 महिलाएं ही इन समस्याओं का सामना करती हैं।

. एपिड्यूरल लेबर पेन के दूसरे चरण को लंबा कर सकते हैं।
. इससे ब्लड प्रेशर में गिरावट आ सकती है, जिससे चक्कर और मिचली आ सकती है। इस स्थिति में डॉक्टर IV तरल पदार्थ, ऑक्सीजन और दवा देते हैं।
. 100 में से 23 महिलाओं को एपिड्यूरल के कारण बुखार हो जाता है।
. अगर सुई गलती से सबराचनोइड स्पेस में डाल दी जाए तो सिरदर्द हो सकता है।
. पैर की मांसपेशियों में कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, निचले शरीर में सुन्नपन, बार-बार पेशाब आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 
. एपिड्यूरल खुजली पैदा कर सकता है, जिसका इलाज एंटीहिस्टामिनिक्स से किया जा सकता है।
. एपिड्यूरल कैथेटर तंत्रिका को अस्थायी नुकसान पहुंचा सकता है।

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ध्यान रखें कि इसे चुनने से पहले एपिड्यूरल एनाल्जेसिया की सटीक प्रक्रिया के बारे में भी पता होना चाहिए।


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Content Writer

Anjali Rajput

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