ठंडा सोडा और एनर्जी ड्रिंक पीना पड़ सकता है महंगा, भूलने की बीमारी और डायबिटीज का खतरा बढ़ा
punjabkesari.in Monday, Jun 16, 2025 - 11:20 AM (IST)

नारी डेस्क: भोपाल सहित देशभर में ठंडा सोडा, एनर्जी ड्रिंक्स और मीठे पेय पदार्थों का चलन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन हाल ही में आई एक नई रिपोर्ट ने लोगों को सावधान कर दिया है। इसमें खुलासा हुआ है कि ऐसे पेय पदार्थ न सिर्फ टाइप-2 डायबिटीज (मधुमेह) का खतरा बढ़ाते हैं, बल्कि इससे याद्दाश्त कमजोर होने की गंभीर बीमारी, जैसे अल्जाइमर का खतरा भी हो सकता है।
क्या कहती है स्टडी?
‘एडवांस इन न्यूट्रिशन’ नाम की एक प्रसिद्ध स्वास्थ्य रिपोर्ट में बताया गया है कि जो लोग रोजाना ठंडे मीठे पेय जैसे कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, फ्लेवर्ड जूस या मलाईरहित दूध का सेवन करते हैं, उनके शरीर में ब्लड शुगर लेवल (रक्त शर्करा) बढ़ने लगता है। इससे इंसुलिन रेसिस्टेंस भी बढ़ता है, जो दिमाग तक ग्लूकोज पहुंचाने में रुकावट पैदा करता है। और यहीं से अल्जाइमर जैसी भूलने की बीमारी का खतरा शुरू हो जाता है।
डॉक्टरों की चेतावनी
रोजाना सिर्फ 350 मिलीलीटर मीठे शीतल पेय या स्पोर्ट्स ड्रिंक लेने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 25% तक बढ़ जाता है। यहां तक कि सिर्फ एक ग्लास पीने से ही यह खतरा शुरू हो सकता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति रोज 250 मिलीलीटर फलों का रस (भले ही वह 100% शुद्ध हो) पीता है, तो डायबिटीज का खतरा 5% तक बढ़ जाता है।
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शोधकर्ताओं ने बताया कि डायबिटीज और अल्जाइमर के बीच सीधा संबंध है। जब खून में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है और इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता, तो दिमाग को ऊर्जा नहीं मिल पाती। इससे याददाश्त पर असर पड़ता है और धीरे-धीरे अल्जाइमर जैसी बीमारी विकसित हो सकती है।
समय पर पहचान और नियंत्रण जरूरी
अगर ब्लड शुगर लेवल को समय रहते कंट्रोल किया जाए और डायबिटीज का जल्दी पता चल जाए, तो भूलने की बीमारी को रोका जा सकता है। इसके लिए स्वस्थ खानपान और नियमित जांच जरूरी है।
ठंडा सोडा और एनर्जी ड्रिंक्स पीने से ताजगी तो मिल सकती है, लेकिन यह धीरे-धीरे शरीर के लिए जहर बन सकते हैं। इसलिए सोच-समझकर और सीमित मात्रा में ही इनका सेवन करें, वरना यह आपको ‘गजनी’ जैसा बना सकते हैं -यानी आपकी याददाश्त ही छिन सकती है।