जगन्नाथ रथ यात्रा से जरूर लाएं ये 4 शुभ चीजें, कभी नहीं होगी पैसों की कमी
punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 11:59 AM (IST)

नारी डेस्क: हिन्दू धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा एक बहुत ही पवित्र और महान पर्व माना जाता है। यह पर्व भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा जी की रथ यात्रा के रूप में मनाया जाता है। यह अवसर भक्तों के लिए बहुत खास होता है क्योंकि इस दिन भगवान खुद रथ में बैठकर भक्तों के बीच आते हैं और उन्हें अपना आशीर्वाद देते हैं। ऐसी मान्यता है कि रथ यात्रा में शामिल होकर और कुछ विशेष वस्तुएं घर लाकर भगवान की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है। इससे मां लक्ष्मी और माता अन्नपूर्णा की कृपा भी बनी रहती है जिससे घर में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती।
2025 में रथ यात्रा की तिथि
इस वर्ष 2025 में जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून से शुरू हो रही है। यदि आप इस पवित्र यात्रा में भाग लेने जा रहे हैं या किसी स्थान पर आयोजित हो रही रथ यात्रा में शामिल हो रहे हैं, तो नीचे दी गई पवित्र वस्तुएं अपने घर जरूर लेकर आएं।
निर्माल्य (सूखा चावल)
निर्माल्य एक विशेष प्रकार का सूखा चावल होता है, जो पुरी के जगन्नाथ मंदिर में पकाया जाता है। यह चावल भगवान को भोग लगाने के बाद तेज धूप में सुखाया जाता है। इसके बाद इसे लाल रंग की छोटी पोटली में बांधकर भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में निर्माल्य होता है, वहां कभी अन्न की कमी नहीं होती। यह चावल अत्यंत पवित्र माना जाता है और घर में सुख-समृद्धि बनाए रखता है।
इसे कहां और कैसे रखें: आप इसका एक दाना चावल के डिब्बे (अन्न भंडार) में डाल सकते हैं। कोई भी शुभ काम शुरू करते समय इसका एक दाना उस कार्य में शामिल करें। मृत्यु के समय इसका सेवन करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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मंदिर का बेंत (छड़ी)
बेंत का धार्मिक महत्व रथ यात्रा के दौरान भक्तों को भगवान जगन्नाथ जी की बेंत (छड़ी) का स्पर्श कराया जाता है। यह भगवान की ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस बेंत को घर में रखने से मां लक्ष्मी का वास होता है और घर से दुख-दरिद्रता दूर होती है। यह बल, बुद्धि और यश की प्राप्ति में सहायक होती है।
इसे कहां रखें: इसे घर के पूजा स्थान या तिजोरी में रखें। कुछ परंपराओं के अनुसार, इस बेंत से परिवार के सदस्यों को हल्का स्पर्श कराना शुभ होता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
रथ की लकड़ी का छोटा टुकड़ा
भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ विशेष नीम की लकड़ी से बनाए जाते हैं। जब रथ यात्रा समाप्त हो जाती है, तो इन रथों को विधिवत तोड़ दिया जाता है। उस समय यदि आपको रथ की लकड़ी का एक छोटा टुकड़ा मिल जाए, तो वह अत्यंत शुभ माना जाता है। यह टुकड़ा घर में खुशहाली और सौभाग्य लाता है। इसे घर के पूजा स्थान या किसी पवित्र कोने में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जीवन में बाधाएं दूर होती हैं और सफलता के द्वार खुलते हैं।
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तुलसी की माला
भगवान जगन्नाथ, भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं और तुलसी उन्हें अत्यंत प्रिय है। इसलिए रथ यात्रा से तुलसी की माला लाना भी बहुत शुभ माना जाता है। इसे घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बना रहता है। यह भक्ति भाव और मानसिक शांति भी देती है।
इन सभी चीजों को लाने का क्या लाभ होता है: इन सभी पवित्र वस्तुओं को रथ यात्रा के दौरान या उसके बाद श्रद्धा से लाकर पूजा स्थान में रखने से भगवान जगन्नाथ जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे जीवन में धन, यश, शांति और सुख-समृद्धि बनी रहती है। यह सब आपकी भक्ति और विश्वास का फल होता है।
इन वस्तुओं को केवल भक्ति और श्रद्धा से ही घर लाएं। इनका अपमान न करें और घर में पवित्र स्थान पर रखें। इनका उपयोग सिर्फ शुभ कार्यों में करें, तभी इसका पूरा फल प्राप्त होगा।