बच्चा पढ़ने से करता है मना तो Parents इन ट्रिक्स के साथ बढ़ाएं रुची

punjabkesari.in Wednesday, May 18, 2022 - 12:33 PM (IST)

हर बच्चा एकजैसा नहीं होता। कई बच्चे बहुत ही शार्प होते हैं तो कई ठीक-ठीक। कई बच्चे माता-पिता के बोले बिना ही पढ़ाई पर फोकस कर लेते हैं। ऐसे बच्चों को माता-पिता को ज्यादा फोर्स करने की भी जरुरत नहीं पढ़ती। परंतु जो बच्चे पढ़ाई से कतराते हैं उनके लिए माता-पिता अक्सर चिंतित रहते हैं। ऐसे बच्चों की पढ़ाई में रुची बढ़ाना कोई ज्यादा मुश्किल नहीं है। आइए आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं जिनसे बच्चा मन लगाकर पढ़ाई करेगा। तो चलिए जानते हैं उसके बारे में...

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बच्चों के साथ खुद बैठें

बच्चे जब भी पढ़े तो आप उनके साथ खुद ही बैठें। उनसे पढ़ाई के बारे में पूछते रहें। आप खुद उन्हें पढ़ाने का प्रयास करें। इससे बच्चे की पढ़ने में रुचि और भी ज्यादा बढ़ेगी। आप उसे उसके फेवरेट विषय को लेकर प्रशन उत्तर पूछें। बच्चे पढ़ने में दिलचस्पी लेने लगेंगे। 

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नंबरों पर न करें फोकस 

आप बच्चे को जब भी तैयार करें तो उसे नंबरों के लिए न कहें। आप बच्चों को नंबर लाने की जगह नई-नई चीजें सिखाने पर जोर दें। नंबर बच्चे के आत्मविश्वास को कमजोर कर सकते हैं। इससे वह सिर्फ नंबर लेने पर ही जोर देंगे। आप उन्हें हर एक चीज के बारे में जानकारी देने का प्रयास करें। 

पढ़ाई का एक शैड्यूल तैयार करें 

आप बच्चे के पढ़ने का एक समय निर्धारित करें। ताकि बच्चा टाइम पर अपना हर एक काम खत्म कर सके। इससे बच्चे के अंदर खुद ही पढ़ने की इच्छा जागरुक होगी। आप बच्चों के स्टडी शैड्यूल के अलावा उसके खाने-पीने और खेलकूद का भी एक निश्चित समय तय करें। इससे उन्हें समय की अहमियत भी पता चलेगी। 

बच्चे की क्षमता को समझें 

जब भी आप बच्चे को पढ़ाएं तो उसकी क्षमता को समझने का प्रयास करें। आप देखें कि बच्चा पढ़ने से अच्छे से याद कर पा रहा है या फिर लिखने से। इससे आप बच्चे को उसकी क्षमता के अनुसार ही पढ़ाएं। 

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बच्चे को मोटिवेट करें 

आप बच्चे को मोटिवेट भी जरुर करें। यदि  बच्चा परिक्षा में अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर पाता तो आप उसे डांटे नहीं। आप उसे अच्छा परफॉर्म करने के लिए प्रेरित जरुर करें। इससे उनका हौंसला बढ़ेगा। बच्चे पढ़ाई में भी अच्छे से मन लगा पाएंगे। 

बच्चे को लालच देकर न पढाएं 

कई माता-पिता बच्चे को लालच देकर पढ़ाना शुरु कर देते हैं। लेकिन यह आइडिया रोज काम नहीं आ सकता । साथ ही इससे बच्चे रोज पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते। बच्चे बाहरी मन से ही पढ़ेंगे। इसलिए आप उन्हें प्यार से समझाएं और उनकी बात भी समझने की कोशिश करें।  

 


 


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palak

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