खून की 1 बूंद बनने में लगता है कितना समय? पढ़िए खून तेजी से बढ़ाने का सबसे फास्ट तरीका
punjabkesari.in Thursday, Apr 17, 2025 - 09:16 PM (IST)

नारी डेस्कः खून की कमी के चलते धीरे-धीरे शरीर को कई तरह की बीमारियां घेरने लगती है। इसे मेडिकल भाषा में एनीमिया (Anemia) कहते हैं। ऐसा तब होता है जब शरीर में खून की लाल कोशिकाएं (Red Blood Cells) या हीमोग्लोबिन कम हो जाता है तो उसे "खून की कमी" कहा जाता है। खून की ये कमी शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने की क्षमता को कम कर देती है, जिससे कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं जैसे कि आयरन की कमी, फोलिक एसिड की कमी और विटामिन बी 12 की कमी इत्यादि।
खून की कमी क्यों होती है? | Blood Deficiency Reason
खून की कमी होने के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं। चलि उन्हीं के बारे में आपको बताते हैं।
पोषक तत्वों की कमी: आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन B12 की कमी खून की कमी का सबसे बड़ा कारण होती है।
ज्यादा खून बह जाना: दुर्घटना, सर्जरी या ज्यादा मासिक धर्म के कारण शरीर से अधिक खून निकल जाना।
बीमारियां और संक्रमण: मलेरिया, टाइफाइड, हेपेटाइटिस, थालसीमिया जैसी बीमारियों से खून की कोशिकाएं नष्ट हो सकती हैं।
ऑटोइम्यून डिज़ीज़: जैसे लुपस, सेलिएक डिज़ीज़ और रेक्टम अर्थराइटिस, जिनमें शरीर अपनी ही रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है।
खून की कमी के लक्षण | (Symptoms of Anemia)
अगर आपके शरीर में खून की कमी है, तो कुछ ऐसे संकेत दिख सकते हैं:
हर वक्त थकान और कमजोरी
सांस लेने में दिक्कत
बार-बार चक्कर आना
दिल की धड़कन तेज होना
सिरदर्द या नींद न आना
चेहरे की रंगत पीली या फीकी लगना
मांसपेशियों में कमजोरी
भूख में कमी या खाने में स्वाद न आना
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खून की कमी का इलाज (Treatment of Anemia)
सही खानपान अपनाएं
आयरन से भरपूर चीज़ें: पालक, चुकंदर, गुड़, हरे पत्तेदार सब्जियां, अनार, किशमिश
विटामिन B12 और फोलिक एसिड: अंडा, दूध, दही, फलियां, अंकुरित अनाज
विटामिन C: आंवला, नींबू, संतरा – ये आयरन को शरीर में अच्छे से सोखने में मदद करते हैं।
सप्लीमेंट्स और दवाएं
डॉक्टर की सलाह से आयरन, विटामिन B12, फोलिक एसिड की टैबलेट्स या सिरप लेना शुरू कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक उपाय
शिलाजीत, अश्वगंधा और मकरध्वज जैसे आयुर्वेदिक नुस्खे शरीर की ताकत और खून की मात्रा बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा एलोपैथिक दवाओं का उपयोग भी खून की कमी के इलाज में किया जाता है। एलोपैथिक दवाएं खून की कमी से होने वाले खतरों की संभावना को कम करते हैं।
गंभीर मामलों में इलाज
अगर बहुत ज्यादा खून की कमी हो तो डॉक्टर खून चढ़ाने (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) की सलाह भी दे सकते हैं लेकिन कोई भी देसी नुस्खा, सप्लीमेंट्स या दवा खाने से पहले डॉक्टरी सलाह लेनी जरूरी है।
खून की कमी से बचाव कैसे करें? (Ways to avoid Blood Deficiency)
अपने भोजन में पौष्टिक चीजें शामिल करें।
समय पर खाना खाएं और पर्याप्त नींद लें।
नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराएं।
सबसे ज्यादा खून बढ़ाने वाला फल कौन सा है?
अनार, सेब, और चुकंदर जैसे फल हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करते हैं। इनमें आयरन, विटामिन, और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं। इसलिए हफ्ते में दो बार गाजर, अनार और चुकंदर का जूस पीएं।
10 दिन में खून कैसे बढ़ाएं?
यदि आप केवल 10 दिनों में खून यानी हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाना चाहते हैं, तो अपने आहार में आयरन, विटामिन C और फोलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले हरी पत्तेदार सब्ज़ियां जैसे पालक, सरसों, सेलेरी और ब्रोकली को अपने रोज़ के भोजन में शामिल करें। चुकंदर, अनार, सेब, अमरूद, केला, गाजर, संतरा और टमाटर जैसे फलों व सब्जियों का सेवन करें, क्योंकि ये शरीर में खून बनाने की प्रक्रिया को तेज़ करते हैं। साथ ही बादाम, किशमिश और खजूर जैसे ड्राय फ्रूट्स भी बहुत फायदेमंद होते हैं, इन्हें नाश्ते या स्नैक्स में लिया जा सकता है। मांसाहारी लोग अंडा, चिकन और मछली को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं क्योंकि इनमें आयरन और विटामिन B12 भरपूर मात्रा में होता है। गुड़ का सेवन करना भी बहुत कारगर होता है, आप चाहें तो गुड़ की चाय भी ले सकते हैं। इसके अलावा, विटामिन C से भरपूर चीज़ें जैसे पपीता, संतरा, नींबू, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली, अंगूर और टमाटर आयरन के अवशोषण को बेहतर बनाते हैं। वहीं, फोलिक एसिड पाने के लिए स्प्राउट्स, बीन्स, मूंगफली, हरी सब्ज़ियां और अनाज का सेवन करें। अगर इन सभी चीज़ों को नियमित रूप से संतुलित मात्रा में लिया जाए, तो 10 दिनों में ही खून की कमी से राहत पाई जा सकती है।
खून की कमी में क्या नहीं खाना चाहिए?
खून की कमी में आयरन का शरीर में सही से अवशोषण होना बेहद ज़रूरी होता है। लेकिन कुछ खाद्य और पेय पदार्थ ऐसे होते हैं जो आयरन के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं, इसलिए इनसे बचना चाहिए। सबसे पहले, दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन आयरन युक्त भोजन के साथ नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनमें मौजूद कैल्शियम आयरन के अवशोषण को रोकता है। इसलिए दोपहर या रात के खाने में, जब आप आयरन युक्त भोजन कर रहे हों, तो दूध या दही लेने से बचें। इसके अलावा, कॉफी, काली चाय, और ग्रीन टी जैसे पेयों में टैनिन और फाइटेट्स पाए जाते हैं, जो आंतों में आयरन के अवशोषण को घटा सकते हैं। इन्हें आयरन युक्त भोजन से कम से कम 1-2 घंटे पहले या बाद में ही पीना चाहिए। इसी तरह, रेड वाइन, सोडा या कोल्ड ड्रिंक्स, जिनमें फॉस्फेट और अन्य बाधक तत्व होते हैं, उनका सेवन भी आयरन के अवशोषण को कम करता है।
याद रखेंः खून की कमी में आयरन युक्त आहार के साथ दूध, दही, कॉफी, चाय, ग्रीन टी, और सोडा जैसे पेयों का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि इन्हें लेना हो तो भोजन से कुछ घंटों का अंतर ज़रूर रखें ताकि आयरन ठीक से अवशोषित हो सके और खून की कमी दूर हो सके।
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एक बूंद खून बनने में कितना समय लगता है?
हमारे शरीर में खून लगातार बनता रहता है। जब हम यह पूछते हैं कि "एक बूंद खून बनने में कितना समय लगता है," तो इसका सीधा जवाब है कि एक बूंद खून (लगभग 0.05 मि.ली.) बनने में कुछ ही मिनटों से लेकर कुछ घंटे तक का समय लग सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर की जरूरत क्या है और पोषक तत्व (जैसे आयरन, विटामिन B12, फोलिक एसिड) कितनी मात्रा में मिल रहे हैं।
असल में, शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) का निर्माण बोन मैरो (हड्डी के गूदे) में होता है, और एक नई RBC को पूरी तरह बनने में करीब 7 दिन लगते हैं। लेकिन अगर बात सिर्फ खून की मात्रा की हो (जैसे डोनेशन के बाद रिकवरी), तो शरीर 24 से 48 घंटे में तरल हिस्सा (प्लाज़्मा) और 4 से 6 हफ्तों में RBCs को सामान्य स्तर पर ला देता है।
एक बूंद खून के बनने में शरीर को कुछ ही मिनट से लेकर कुछ घंटे लग सकते हैं, बशर्ते जरूरी पोषक तत्व उपलब्ध हों लेकिन पूरी तरह से खून की कोशिकाएं बनने में कुछ दिन लगते हैं। यदि आप खून बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, तो आयरन, विटामिन C, B12 और फोलिक एसिड से भरपूर भोजन लेना ज़रूरी होता है।
कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
अगर लगातार थकान, चक्कर, सांस फूलना या त्वचा पीली लगे।
अगर आपकी मासिक धर्म बहुत अधिक आती है या बार-बार कमजोरी महसूस होती है।
अगर किसी बीमारी के चलते लंबे समय से शरीर कमजोर महसूस कर रहा हो।
नोटः अगर आप या आपके परिवार में किसी को ये लक्षण दिखते हैं, तो इसे हल्के में न लें। खून की कमी का समय रहते इलाज बहुत जरूरी है, वरना इससे दिल, दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों पर बुरा असर पड़ सकता है।