Parents अभी भी ना समझें तो देर कर देंगे! आपके बच्चे के लिए जहर है ये रंग
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 05:56 PM (IST)

नारी डेस्कः कलरफुल फूड अक्सर आंखों को अधिक लुभाता है, खासकर बच्चे कलरफुल खाने के शौकीन रहते हैं इसीलिए तो मार्कीट में मिलने वाले ऐसी कई तरह की फूड्स आइटम तेजी से बिकती हैं लेकिन क्या पेरेंट्स ये जानते हैं कि ये लुभाने वाले कलरफुल फूड्स आपके बच्चे के लिए जहर के बराबर है? जाने-अनजाने में वह अपने बच्चे की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं क्योंकि ये आर्टिफिशयल कलर आपके बच्चे के बिहेवियर, इंफ्लामेंटरी डिसीज, माइग्रेन आदि जैसी ना जाने कितनी तरह की हैल्थ प्रॉब्लम्स की वजह बन रहे हैं।
बच्चों के खाने-पीने की चीज़ों जैसे कैंडी, जूस, फ्रूट स्नैक्स, चॉकलेट, आइसक्रीम, स्नैक्स और पैक्ड फूड में आर्टिफिशियल फूड कलर का इस्तेमाल किया जाता है जैसे- ऑर्टिफिशियल फूड कलर Red 3 (Erythrosine), Red 40 (Allura Red AC), Yellow 5 (Tartrazine), Yellow 6 (Sunset Yellow) और Blue1 (Brilliant Blue)। ये रंग देखने में खाने को आकर्षक बनाते हैं लेकिन इनके पीछे छिपे खतरे अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिए जाते हैं। एक बार आप इन कलर्स के खतरों को जान लेंगे तो यकीनन आज से इसे खाना और बच्चों को देना बंद कर देंगे।
आर्टिफिशियल फूड कलर्स के खतरे – विशेष रूप से बच्चों के लिए
1. रैड आर्टिफिशयल फूड कलर (Red 40-Allura Red AC)
Red 40 (Allura Red AC) एक बेहद आम आर्टिफिशियल फूड कलर है जो बच्चों के खाने में अक्सर शामिल होता है जैसे कि कैंडी, जेली, आइसक्रीम, सॉफ्ट ड्रिंक्स, शरबत और फ्लेवर ड्रिंक्स,रेड रंग की मिठाइयाँ, केक, स्नैक्स आदि जो कई तरह की हैल्थ प्रॉब्लम्स देते हैं। कुछ स्टडी इसे संभावित कैंसर के जोखिम से जोड़ कर भी देखती है जो जानवरों पर की गई थी। जानवरों पर की गई रिसर्च में Red 40 के सेवन से DNA डैमेज और ट्यूमर के संकेत मिले हालांकि इंसानों पर पक्की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन यह चिंता का विषय बना हुआ है।
इस फूड कलर का प्रभाव बच्चे के व्यवहार पर पड़ता है। बच्चों में अधिक चंचलता, ध्यान की कमी (Hyperactivity) हो सकती है। चिड़चिड़ापन, गुस्सा (Behavioral Problems) जैसे कई संकेत देखने को मिल सकते हैं। इससे स्किन प्रॉब्लम जैसे खुजली, त्वचा पर चकत्ते (Allergic Reactions) भी हो सकते हैं। इसी के साथ माइग्रेन और सिरदर्द की वजह भी बन सकती है। Red 40 बच्चों की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है, खासकर जब इसका सेवन नियमित और ज़्यादा मात्रा में हो। चलिए इस बारे में आपको पूरी डिटेल में बताते हैं।
आर्टिफिशल कलर Red 40 (Allura Red AC) के 5 बड़े नुकसान
1. Hyperactivity (बच्चों में अत्यधिक चंचलता और ADHD जैसे लक्षण)
कई स्टडीज़ में पाया गया है कि Red 40 बच्चों के व्यवहार और ध्यान पर बुरा असर डालता है।
इससे बच्चे ज़रूरत से ज़्यादा एक्टिव हो जाते हैं।
पढ़ाई और फोकस में दिक्कत आती है।
चिड़चिड़े और गुस्सैल हो सकते हैं।
नोटः UK और यूरोप में इस कारण कुछ फूड कलर्स (Red 40 सहित) को लेकर वॉर्निंग लेबल अनिवार्य कर दिया गया है।
2. नींद और मूड पर असर
Red 40 कलर के सेवन से कई बच्चों में नींद की गड़बड़ी, बेचैनी और मूड स्विंग्स देखे गए हैं। इससे बच्चे दिनभर थके हुए या झुंझलाए हुए रह सकते हैं।
3. एलर्जी और त्वचा पर रिएक्शन
Red 40 से त्वचा पर रैशेस, खुजली और सूजन हो सकती है और जिन बच्चों को अस्थमा की दिक्कत है उन्हें इसके सेवन से सांस की दिक्कत बढ़ सकती है।
4. आंतरिक अंगों पर टॉक्सिक असर
कुछ स्टडीज़ में पाया गया है कि Red 40 से शरीर के अंदरूनी अंग जैसे लिवर और किडनी को नुकसान पहुंच सकता है विशेषकर जब लंबे समय तक इस कलर का सेवन हो रहा हो।
किन बच्चों को ज़्यादा खतरा?
3 से 12 साल के बच्चे जिन बच्चों को पहले से अस्थमा, स्किन एलर्जी, या ADHD की समस्या हो।
ऑर्टिफिशियल फूड कलर Red 3 (Erythrosine)
ऑर्टिफिशियल फूड कलर Red 3 (Erythrosine) भी खाने-पीने की चीजों को गुलाबी या गहरा लाल रंग देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसका ज्यादा इस्तेमाल मिठाई, आइसक्रीम, केक, चेरी, टूथपेस्ट और बेक्ड प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। यह रंग देखने में आकर्षक होता है लेकिन इसके कई स्वास्थ्य संबंधी खतरे हो सकते हैं खासकर बच्चों और सेंसेटिव लोगों के लिए।
Red 3 (Erythrosine) के 3 प्रमुख नुकसान
1. मस्तिष्क और व्यवहार पर असर
रैड 40 कलर की तरह ही इस रंग का अधिक सेवन करने से बच्चों में Hyperactivity, यानी ज़रूरत से ज़्यादा चंचलता और ध्यान की कमी (ADHD जैसे लक्षण)। चिड़चिड़ापन, नींद की कमी और गुस्से की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।
2. कैंसर से जुड़ाव
कुछ शोधों में पाया गया कि Red 3 से चूहों में थायरॉयड कैंसर का खतरा बढ़ा। अमेरिका में FDA ने भी इसे लेकर चिंता जताई है, लेकिन कुछ उत्पादों में इसका इस्तेमाल अब भी हो रहा है।
3. एलर्जी और शारीरिक प्रतिक्रिया
कुछ लोगों को इससे त्वचा पर एलर्जी, लालपन या खुजली हो सकती है। सांस लेने में दिक्कत (खासकर अस्थमा रोगियों में)। इससे शरीर में टॉक्सिक तत्वों का बैलेंस भी बिगड़ सकता है। Red 3 (Erythrosine) फूड कलर पर आधारित कुछ रिसर्च भी हो चुकी हैं जो इस तरह है।
1. FDA (US Food and Drug Administration) की रिपोर्ट के मुताबिक, एक एनिमल स्टडी में पाया गया कि Red 3 से चूहों के थायरॉयड ग्लैंड में ट्यूमर विकसित हुए। इसके बाद FDA ने Red 3 को कॉस्मेटिक्स और कुछ अन्य प्रोडक्ट्स में बैन कर दिया था लेकिन बावजूद इसके यह आज भी कई खाने की चीजों में उपयोग होता है। FDA ने स्वीकारा कि "स्पष्ट प्रमाण हैं कि रेड नंबर 3 जानवरों में कैंसर का कारण बनता है।"👉 “There is clear evidence that Red No. 3 causes cancer in animals.”
Dr. Feingold ने कहा कि कृत्रिम रंग और फ्लेवर बच्चों में Hyperactivity (ADHD जैसे लक्षण) को बढ़ाते हैं। उनके शोध में बताया गया कि Red 3 और अन्य फूड कलर बच्चों में ध्यान की कमी,
चिड़चिड़ापन,अचानक मूड स्विंग्स का कारण बन सकते हैं।
CSPI (Center for Science in the Public Interest) – 2010 की रिपोर्ट “Food Dyes: A Rainbow of Risks” में Red 3 को संभावित रूप से कैंसरकारी (potentially carcinogenic) बताया गया।
ये भी कहा गया कि कई यूरोपीय देशों में इसे लेकर कड़ा नियंत्रण है, जबकि कहा ये भी जाता है कि अमेरिका में अभी भी कई उत्पादों में इसका इस्तेमाल जारी है। EFSA (European Food Safety Authority) का रुख यूरोपीय देशों में Red 3 के इस्तेमाल पर कड़ी निगरानी है। EFSA ने इसे लेकर चेतावनी दी है कि लंबे समय तक सेवन से टॉक्सिक इफेक्ट्स हो सकते हैं।
2. यैलो आर्टिफिशयल फूड कलर( Yellow 5 -Tartrazine)
इस कलर का इस्तेमाल मिठाई, जैली, कुकीज़, नमकीन, केक आदि में किया जाता है। ये कलर भी बच्चे को अस्थमा का रिस्क दे सकते हैं। त्वचा पर एलर्जी, जैसे रैशेस या सूजन। Hyperactivity और Attention Deficit Disorder (ADD) से जुड़ाव, कुछ बच्चों में नींद की दिक्कत और मानसिक अस्थिरता भी होती हैं।
3. यैलो आर्टिफिशयल फूड कलर (Yellow 6-Sunset Yellow)
पैक्ड जूस, स्नैक्स, डेसर्ट, चिप्स आदि में इस कलर का इस्तेमाल किया जाता है जो पेट दर्द या डायरिया, त्वचा पर जलन की संभावना बना देता है। बच्चों के व्यवहार में बदलाव, कैंसर की संभावना (कुछ रिसर्च में चूहों में ट्यूमर) को बढ़ा देता है।
4. ब्लू आर्टिफिशयल फूड कलर (Blue 1-Brilliant Blue)
जेली, कैंडी, स्पोर्ट्स ड्रिंक्स, आईसिंग में ब्लू 1 का इस्तेमाल किया जाता है। यह रंग गठिया (Arthritis) के लक्षणों को बढ़ा सकता है। कुछ स्टडी में पाया गया कि ये रंग मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं (विशेषकर बच्चों में)
बच्चों के लिए क्यों अधिक खतरनाक हैं ये रंग?
बच्चों का शरीर छोटा और संवेदनशील होता हैं।
उनका मस्तिष्क और हार्मोनल सिस्टम विकास की अवस्था में होते हैं।
रंगीन खाद्य पदार्थ अधिक खाने से व्यवहार में गड़बड़ी, ध्यान की कमी, और शारीरिक परेशानी हो सकती है क्योंकि वह ग्रोइंग एज में होते हैं।
क्या करें – कैसे बचाएं अपने बच्चों को?
कोई भी बाजारी फूड खरीदते हैं तो पहले लेबल ज़रूर पढ़ें – E Number या Colour Name लिखा होता है, उसे जरूर पढ़ें।
घर का बना खाना दें, यह आपके बच्चे की सेहत के लिए सबसे बेस्ट है जैसे– फ्रेश फल, सब्ज़ी, दाल, दूध आदि।
प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें– जैसे हल्दी, बीटरूट, पालक, केसर आदि।बच्चों के खाने को कलरफुल बनाने के लिए नेचुरल कलर का इस्तेमाल करें। जैसे लाल रंग के लिए चुकंदर (beetroot), अनार, पीला-हल्दी, केसर, हरा- पालक, धनिया, नीला/बैंगनी रंग के लिए ब्लूबेरी-जामुन रंग का इस्तेमाल करें।
बच्चों को रंगीन कैंडीज, पैक्ड स्नैक्स और सोडा ड्रिंक्स से दूर रखें।
अगर बच्चा अक्सर चिड़चिड़ा, बेचैन या असामान्य व्यवहार करता है तो डॉक्टर से जांच कराएं।
नोटः कई देशों में इन आर्टिफिशयल फूड कलर्स का इस्तेमाल हो रहा है। वहीं इसे पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं किया गया है, इसलिए लेबल पढ़ना और जागरूक रहना जरूरी है।