एक ही साल में तीन मौतों के दर्द ने सेलिना को कर दिया था डिप्रेशन का शिकार
punjabkesari.in Wednesday, Apr 15, 2020 - 12:52 PM (IST)
स्टाइल और खूबसूरती की मिसाल सेलिना जेटली ने बॉलीवुड में अपना बहुत नाम कमाया है। उनकी निजी जिंदगी की वजह से उन्हें काफी दुख झेलने पड़े। एक ही साल में उन्होंने अपने सबसे करीबी पिता, पुत्र और मां को खोया है। यह दुख किसी के लिए ले पाना आसान नहीं है। सेलिना इस कारण कई समय तक डिप्रेशन में चली गयी थी। लेकिन कहते है न भगवान सबकी जिंदगी में एक फरिश्ता जरुर भेजता है। सेलिना की जिंदगी में उनके लिए उनके पति पीटर हाग एक फरिश्ता बनकर आए। उनका साथ देने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी थी।
8 साल बाद करने जा रही है फिल्मों में वापसी
बतादें कि सेलिना 45 मिनट की फिल्म 'सीजंस ग्रीटिंग' का प्रीमियर स्ट्रीमिंग सर्विस जी- 5 पर आज रिलीज़ होने वाली है। वप 8 साल बाद फिल्मों में दिखने वाली है। खास बात तो यह है कि यह फिल्म उन्होंने अपनी अपनी दिवंगत मां की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए की है।
यह फिल्म के लिए एक्टिंग करना था बेहद मुश्किल
सेलिना ने कहा कि "तब कैमरे को फेस करना बहुत मुश्किल होता है, जब आप डिप्रेशन से गुजर रहे हों और आपने अपने माता-पिता और एक बेटे को खोया हो। इस फिल्म की शूटिंग करना मेरी जिंदगी का सबसे मुश्किल काम था।"
एक ही साल में खोया अपना परिवार
पहले उनके किसी बीमारी के चलते उनके पिता की मौत हुई। फिर उनके जुड़वे बेटों में से एक बेटे की मौत हुई। कुछ टाइम के ही बाद उनकी मां मीता का कैंसर की वजह से निधन हुआ। वो कहती है कि "लगभग एक ही समय में माता-पिता और अपने बच्चे को खोने की दुखद परिस्थितियों से उबरना, ठीक वैसा है, जैसे कि आप कोई बुरा सपना देख रहे हों। मैं कुछ इसी हाल में जी रही थी।"
पिता भी खोया पुत्र भी
वो कहती है कि "अपनी जिंदगी की सबसे कीमती चीजों को खोने के बाद आपको कभी क्लोजर नहीं मिल सकता। डैडी गुजरे ही थे कि जल्दी ही मम्मा भी चली गईं। मेरे पैरेंट्स जीवन से भरे हुए थे, जवान थे, मिलिट्री आर्मी कपल थे। सच्चाई यह है कि आप अपने पैरेंट्स की मौत के गम से कभी नहीं उबर सकते। लेकिन इस फिल्म ने कई इमोशंस को बाहर निकालने में मेरी मदद की। पिछले एक साल से मुझे ऑस्ट्रिया में इलाज नहीं मिल रहा है।"
पति ने डिप्रेशन से निकालने के लिए छोड़ दी थी नौकरी
सेलिना ने कहा "पीटर ने जॉब छोड़ दिया, क्योंकि मैं बहुत ही डिप्रेशन में थी। हमारे पास दुबई छोड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। उन्होंने कहा कि चलो हम तब तक के लिए ऑस्टिया चलते हैं, जब तक कि तुम हर चीज से डिस्कनेक्ट होकर ठीक नहीं हो जातीं। उन्होंने वाकई मेरी बहुत मदद की। पति का सपोर्ट मिलना बहुत मायने रखता है। एक तरह से 'सीजंस ग्रीटिंग' ने भी मुझे ठीक करने और अच्छा महसूस कराने में एक अहम भूमिका निभाई है।"
मां की वजह से की है यह फिल्म
बतादें कि सेलिना ने खुद कहा है कि उन्होंने यह फिल्म अपनी मां के लिए की है। उन्होंने कहा "मैंने यह फिल्म (सीजंस ग्रीटिंग) इसलिए की, क्योंकि यह मेरी मां की अंतिम इच्छा थी। वे चाहती थीं कि मैं सिनेमा में वापसी करूं। रामकमल मुखर्जी(फिल्म के डायरेक्टर) ने मुझे दुबई की एक पार्किंग में कहानी सुनाई। उन्होंने मुझसे कहा कि कहानी का सबसे महत्पूर्ण पहलू मां-बेटी के बीच का रिश्ता है। कहीं न कहीं यह मेरे लिए बड़ा संकेत था। मम्मा फिल्मों में मेरी वापसी चाहती थीं, इसलिए मैंने इसे कर लिया।"