भारत पहुंचीं रूसी वैक्सीन की पहली खेप, कोविशील्ड को लेकर भी बड़ी खुशखबरी!
punjabkesari.in Friday, Nov 13, 2020 - 10:21 AM (IST)
दुनियाभर के लोग संक्रमण को खत्म करने के लिए वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खुशखबरी आई है। दरअसल, दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-वी (Sputnik V) खेप भारत पहुंच चुकी है। दिग्गज भारतीय फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज वैक्सीन का ट्रायल शुरू करेंगे। हालांकि रूस में भी वैक्सीन का आखिरी ट्रायल अभी चल रहा है।
भारत पहुंची स्पुतनिक-वी की पहली खेप
खबरों के मुताबिक, फार्मा कंपनी ने भारत में ह्यूमन ट्रायल की अनुमति ले ली है, जिसके बाद टीम अब क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की तैयारी में है। मल्टी-सेंटर और रैंडम तकनीक द्वारा स्पुतनिक-वी का अध्ययन किया जाएगा, ताकि इसके सुरक्षा इम्यूनोजेनिक होने का पता किया जाएगा। साझेदारी के तहत, विनियामक अनुमोदन पर RCMR डॉ. रेड्डी को वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगा।
कोविशील्ड ने भी पार की तीसरी चुनौती
वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड वैक्सीन ने भी आखिरी ट्रायल की बड़ी चुनौती पार कर ली है। कंपनी और RCMR ने ऐलान किया है कि कोविशील्ड के लिए क्लिनिकल ट्रायल के आखिरी चरण का पंजीकरण हो गया है। फिलहाल ICMR की निगरानी में इसका ट्रायल चल रहा है। कंपनी के CEO अदार पूनावाला ने कहा था, "मुझे उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में कोरोना की सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन लॉन्च हो सकती है। ट्रायल सफल और नियामक संस्था से अप्रूवल मिलने के बाद जनवरी 2021 में वैक्सीन आ जाएगी।"
कैसे काम करती है स्पुतनिक-वी?
अभी तक हो चुके ट्रायल के मुताबिक, वैक्सीन सेल्युलर और एंटीबॉडी रिस्पांस जेनरेट करके शरीर को कोरोना से लड़ने की ताकत देती है। अक्टूबर-नवंबर तक वैक्सीन ट्रायल के सटीक नतीजे सामने आ जाएंगे। इसके बाद अगले साल फरवरी तक वैक्सीन का अधिक प्रोडक्शन हो पाएगा।
कोविशील्ड कैसे करती है काम?
रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई 'कोविशील्ड' शरीर में प्रोटेक्टिव एंटीबॉडीज और T-सेल्स का निर्माण करती है। इससे शरीर को कोरोना वायरस से लड़ने में मदद मिलती है और वो खत्म भी हो जाता है। हालांकि इसका आखिरी ट्रायल अभी चल रहा है।
बता दें, हाल ही में रूस ने दावा किया था कि स्पुतनिक-वी कोरोना के इलाज में 92% कारगार और सुरक्षित है। ऐसे में यह कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए उम्मीद की किरण है।