मेरे डोनेटेड स्पर्म से पैदा हुए बच्चों का भी मेरी संपत्ति पर होगा हक, जानें कौन हैं 106 बच्चों के पिता
punjabkesari.in Friday, Dec 26, 2025 - 12:42 PM (IST)
नारी डेस्क : पॉपुलर मैसेजिंग ऐप Telegram के अरबपति फाउंडर पावेल दुरोव एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। दुरोव ने दावा किया है कि उनके स्पर्म डोनेशन से पैदा हुए बच्चों को भी उनकी संपत्ति में पूरा हक मिलेगा, बशर्ते वे DNA मैच साबित कर सकें। बता दें की सोशल मीडिया पर उनका यह बयान तेजी से वायरल हो रहा है।
पावेल दुरोव के हैं 106 बच्चे!
41 वर्षीय रूसी टेक मैग्नेट पावेल दुरोव ने खुलासा किया कि स्पर्म डोनेशन के जरिए उनके कम से कम 100 बच्चे पैदा हो चुके हैं। इसके अलावा उनकी तीन अलग-अलग पार्टनर्स से 6 संतानें भी हैं। इस तरह दुरोव खुद को 106 बच्चों का पिता बताते हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, दुरोव इस कदम को अपना “नागरिक कर्तव्य” मानते हैं। उनका कहना है कि दुनिया में “हाई क्वालिटी डोनर मटेरियल” की कमी है और स्पर्म डोनेशन से जुड़े सामाजिक टैबू को खत्म किया जाना चाहिए।

DNA मैच होगा जरूरी, तभी मिलेगी संपत्ति
अक्टूबर में दिए एक इंटरव्यू में पावेल दुरोव ने साफ कहा, अगर कोई बच्चा DNA टेस्ट के जरिए यह साबित कर देता है कि वह मेरा है, तो मेरी मौत के 30 साल बाद भी उसे मेरी संपत्ति में हिस्सा मिलेगा। फ्रेंच मैगजीन Le Point को दिए इंटरव्यू में दुरोव ने यह भी कहा कि वह अपने सभी बच्चों के बीच कोई भेदभाव नहीं करते, चाहे वे किसी भी तरीके से पैदा हुए हों।
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IVF का खर्च उठाने को भी तैयार
दुरोव ने यह भी दावा किया कि वह 37 साल से कम उम्र की अविवाहित महिलाओं के IVF खर्च को उठाने के लिए तैयार हैं, अगर वे उनके स्पर्म से मां बनना चाहती हैं। उनकी मौजूदा नेट वर्थ करीब 17 बिलियन डॉलर आंकी जाती है। मॉस्को की अल्ट्राविटा क्लिनिक में दुरोव के स्पर्म की इतनी ज्यादा डिमांड थी कि दर्जनों महिलाओं ने फ्री डोनेशन ऑफर पर रिस्पॉन्स किया। क्लिनिक ने उनके स्पर्म को “हाई जेनेटिक कम्पैटिबिलिटी” वाला बताया था। हालांकि अब दुरोव डायरेक्ट स्पर्म डोनेट नहीं करते, लेकिन उनके पुराने सैंपल्स स्टोर किए गए हैं। कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए यह सुविधा सिर्फ अविवाहित महिलाओं को और 37 साल की उम्र सीमा के साथ दी जाती है।

पर्यावरण को मानते हैं वजह
पावेल दुरोव का मानना है कि प्लास्टिक प्रदूषण और पर्यावरणीय कारणों की वजह से दुनिया भर में स्पर्म काउंट गिर रहा है और बांझपन के मामले बढ़ रहे हैं। इसी के खिलाफ लड़ाई को वह अपनी जिम्मेदारी मानते हैं।

