100 रू. की एक गोली देगी कैंसर को मात, टाटा इंस्टीट्यूट ने ढूंढा स्टेज-4 कैंसर का इलाज

punjabkesari.in Wednesday, Feb 28, 2024 - 03:11 PM (IST)

कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का इलाज ढूंढने के लिए दुनिया भर में कई सारी रिसर्च हो रही हैं। अब इसी रिसर्च के दौरान मुंबई के डॉक्टरों ने एक ऐसी थेरेपी विकसित की है जो कैंसर का इलाज करेगी। दावा किया जा रहा है कि ये कैंसर के खिलाफ कारगार साबित होगी। टाटा मेमोरियल सेंटर के डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने मेटास्टेटिक कैंसर का जोखिम कम करने के लिए न्यूट्रॉस्युटिकल थेरेपी (Nutraceutical Therapy) विकसित की है। इस थेरेपी में रेसवेरेट्रॉल और कॉपर संयुक्त प्रो-ऑक्सिडेंट टैबलेट का इस्तेमाल करके कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है। 

टाटा अस्पताल के डॉक्टरों का दावा

टाटा अस्पताल के खारघर में स्थित एडवांस सेंटर फॉर ट्रीटमेंट रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर अस्पताल के डॉक्टर इंद्रनील मिश्रा ने रिसर्च पर जानकारी देते हुए कहा कि - 'हमने चूहों पर शोध किया और उनके शरीर में  कुछ कैंसर के सेल डाले। कुछ दिनों बाद हमने देखा कि चूहों में ट्यूमर का निर्माण हुआ जिसके बाद हमने रेडिएशन, कीमो और सर्जरी के जरिए उनका इलाज किया। इससे कैंसर के सेल्स नष्ट होकर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट गए लेकिन शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंच गए। ऐसे में इससे दूसरी बार कैंसर होने के खतरा बढ़ गया।' 

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न्यूट्रॉस्युटिकल थेरेपी और 100 रुपये की दवा आएगी काम

डॉक्टर्स के अनुसार, इस समस्या का हल खोजते हुए उन्होंने चूहों को रेसवेरेट्रॉल और कॉपर की संयुक्त प्रो ऑक्सीडेंट टैबलेट दी। इस टैबलेट के परिणाम अच्छे आए। शोध में रिसर्चस ने दावा किया कि यह टेबलेट क्रोमोसोम को बेअसर करने में मददगार है। अब इस टैबलेट की मंजूरी के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया से मंजूरी का इंतजार है। डॉक्टर्स की मानें तो कॉपर रेसवेरेट्रॉल की संयुक्त प्रो-ऑक्सीडेंट का एक घरेलू नुस्खा है जो कि कैंसर के इलाज को बेहतर बनाने और इलाज के दौरान होने वाले दुष्परिणामों को कम करने में मददगार माना जाता है। जानकारी की मानें तो गोली की कीमत सिर्फ 100 रुपये है। यह दवाई कैंसर को खत्म करने वाली कीमोथैरेपी के साइड इफेक्ट भी कम करेगी और दूसरी बार कैंसर होने की आशंका भी रोकेगी। यदि दवाई को मंजूरी मिलती है तो 3-4 महीने में यह बाजार में उपलब्ध हो पाएगी। 

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क्या होता है मेटास्टेटिक कैंसर? 

इस कैंसर में कैंसर कोशिकाएं शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैलती हैं। मेटास्टेटिक कैंसर एक ऐसी स्थिति है जब कैंसर अपने प्राइमरी स्पॉट से अलग होकर लिम्फ सिस्टम या फिर खून के जरिए शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल जाता है। मेटास्टेटिक एक गंभीर स्टेज है जिसे स्टेज 4 कैंसर या फिर सैकेंडरी कैंसर भी कहते हैं। 

. हड्डियों में दर्द 
. उल्टी 
. दस्त 
. कमजोरी
. सिरदर्द

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. दौरे पड़ना 
. देखने में समस्या होना 
. सांस लेने में दिक्कत 
. पीलिया 
. मल-मूत्र पर कंट्रोल खो देना

इस कैंसर के ही लक्षण हैं। 


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Content Writer

palak

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