लाइफस्टाइल की इन गलतियों से बढ़ता है पैनक्रियाटिक कैंसर खतरा, जानें कारण और इलाज
punjabkesari.in Tuesday, Mar 18, 2025 - 11:19 AM (IST)

नारी डेस्क: बदली हुई लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों से कई गंभीर बीमारियां हो रही हैं, जिनमें पैनक्रियाटिक कैंसर भी एक प्रमुख खतरा बन चुका है। यह कैंसर पैनक्रियाज में होता है और पैनक्रियाटिक कैंसर का सबसे डरावना पहलू यह है कि यह बीमारी अक्सर बहुत देर से पता चलती है, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है। इसलिए इस बीमारी के कारणों के बारे में जानकारी होना और समय रहते इसका पता लगाना बहुत जरूरी है। धूम्रपान, अस्वस्थ आहार, मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज जैसी आदतें इस कैंसर के जोखिम को बढ़ाती हैं। समय रहते इन आदतों को सुधारकर और सही जीवनशैली अपनाकर इस खतरनाक बीमारी से बचाव किया जा सकता है। जानिए इसके कारण, लक्षण और इससे बचने के उपाय।
पैनक्रियाटिक कैंसर के लक्षण
पैनक्रियाटिक कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के होते हैं और धीरे-धीरे बढ़ते हैं, जिससे इसका पता देर से चलता है। इसके कुछ सामान्य लक्षणों में पेट में दर्द, वजन में अचानक कमी, पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना), थकान, और भूख कम लगना शामिल हैं।
पैनक्रियाटिक कैंसर के प्रमुख कारण
धूम्रपान
पैनक्रियाटिक कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है। शोध से पता चलता है कि धूम्रपान करने वालों में इस बीमारी का खतरा दोगुना हो जाता है। तंबाकू में मौजूद रसायन पैनक्रियाज की कोशिकाओं के डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। हालांकि, अगर आप धूम्रपान छोड़ देते हैं, तो कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।
क्रोनिक पैनक्रियाटाइटिस
पैनक्रियाटिक कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाला एक अन्य कारण क्रोनिक पैनक्रियाटाइटिस है, जो पैनक्रियाज में लंबे समय तक सूजन का कारण बनता है। यह स्थिति अधिक शराब पीने से या पित्त में पथरी जैसी समस्याओं से हो सकती है। इसके अलावा, यदि पैनक्रियाटाइटिस का पारिवारिक इतिहास है, तो कैंसर का जोखिम अधिक हो सकता है।
मोटापा और अनहेल्दी डाइट
मोटापा और अस्वस्थ आहार भी पैनक्रियाटिक कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। शोध से यह पता चलता है कि मोटे लोगों में इस बीमारी का खतरा अधिक होता है। बहुत अधिक रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट खाने से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा, अत्यधिक मीठे ड्रिंक और अनहेल्दी फैट खाने से मोटापा बढ़ता है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके विपरीत, फल, सब्जियां और साबुत अनाज से भरपूर आहार कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
ये भी पढ़ें: कोलकाता में कोरोना जैसा वायरस HKU1: छींकने से फैल रहा, लक्षण दिखते ही अस्पताल जाएं
टाइप 2 डायबिटीज
टाइप 2 डायबिटीज (मधुमेह) पैनक्रियाटिक कैंसर के लिए एक महत्वपूर्ण कारण है। शोध से पता चलता है कि मधुमेह के रोगियों में इस कैंसर का खतरा अधिक होता है। हालांकि, वैज्ञानिक अभी भी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन यह निश्चित है कि उच्च रक्तचाप और इंसुलिन प्रतिरोध जैसे कारक इसका कारण हो सकते हैं। हालांकि, सही डाइट, दवाइयां और एक्सरसाइज के माध्यम से डायबिटीज का जोखिम कम किया जा सकता है।
पैनक्रियाटिक कैंसर का जोखिम बढ़ाने वाले अन्य कारण
परिवार में कैंसर का इतिहास: जिन लोगों के परिवार में पैनक्रियाटिक कैंसर का इतिहास है, उन्हें नियमित रूप से चेकअप कराना चाहिए।
रसायन और केमिकल का संपर्क: कुछ रसायनों और केमिकल्स से संपर्क करने से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है, खासकर जब लोग लंबे समय तक इनका संपर्क करते हैं।
पैनक्रियाटिक कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाली लाइफस्टाइल गलतियों को पहचानना और उन्हें सुधारना बेहद जरूरी है। धूम्रपान, मोटापा, खराब आहार, और टाइप 2 डायबिटीज जैसे कारक इस कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। समय रहते अपनी सेहत का ध्यान रखें और नियमित चेकअप कराते रहें, खासकर यदि आपके परिवार में इसका इतिहास हो। अगर इन कारकों से बचा जाए, तो पैनक्रियाटिक कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।