Body में कितने भी हो Blood Clot सब हो जाएंगे साफ, इतना असरदार हैं ये देसी इलाज!
punjabkesari.in Tuesday, Mar 25, 2025 - 08:18 PM (IST)

नारी डेस्कः बदलते और बिगड़ते लाइफस्टाइल के चलते बहुत सी हैल्थ प्रॉब्लम्स अब आम हो गई हैं। ब्लड क्लॉटिंग के मामले भी दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। ब्लड क्लॉटिंग शरीर के किसी हिस्से में भी हो सकती है लेकिन दिल और दिमाग में रक्त का थक्का जमना व्यक्ति की जान के लिए घातक साबित हो सकता है। शरीर में खून का जमाव होना भी प्रमुख रूप से खराब लाइफस्टाइल से ही जुड़ा है। इससे बचना बहुत जरूरी है चलिए इस बारे में आपको विस्तार से बताते हैं कि यह क्यों होता है और किन लोगों को इसका अधिक खतरा रहता है और इससे बचा कैसे जा सकता है?
ब्लड क्लॉट (रक्त का थक्का) क्या है?
ब्लड क्लॉट (Blood Clot) एक ठोस या जैल जैसी संरचना होती है जो खून के तरल रूप से बदलकर बनती है। यह शरीर में होने वाला एक नेचुरल प्रोसेस है, जो चोट या कट लगने पर खून को बहने से रोकने में मदद करती है लेकिन जब यह अनावश्यक रूप से नसों या धमनियों में बनने लगता है तो यह रक्त प्रवाह को बाधित करने लगता है और आगे कई तरह की हैल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बनता है।
ब्लड क्लॉट के प्रकार
ब्लड क्लॉट दो तरह के होते हैं एक फायदेमंद दूसरा खतरनाक।
अच्छे (फायदेमंद) ब्लड क्लॉटः जब शरीर को चोट लगती है या सर्जरी के दौरान रक्तस्राव (bleeding) होता है, तो शरीर स्वाभाविक रूप से रक्त के थक्के बनाकर रक्तस्राव को रोकता है। यह एक सुरक्षात्मक प्रक्रिया होती है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
हानिकारक (खतरनाक) ब्लड क्लॉटः जब रक्त का थक्का किसी नस या धमनी के अंदर अनावश्यक रूप से बन जाता है और रक्त प्रवाह को रोक देता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। इससे दिल का दौरा (Heart Attack), स्ट्रोक (Stroke) या डीप वेन थ्रोंबोसिस (DVT) जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
ब्लड क्लॉट कहां बन सकता है?
धमनियों (Arteries) में – यह ऑक्सीजन युक्त रक्त को अंगों तक पहुंचने से रोक सकता है, जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है।
नसों (Veins) में – यह खून के वापस दिल तक पहुंचने में बाधा डाल सकता है, जिससे डीप वेन थ्रोंबोसिस (DVT) हो सकता है।
फेफड़ों (Lungs) में – यदि ब्लड क्लॉट फेफड़ों में पहुंच जाए तो यह पल्मोनरी एंबोलिज्म (Pulmonary Embolism - PE) का कारण बन सकता है, जो जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है।
मस्तिष्क (Brain) में – इससे स्ट्रोक (Stroke) हो सकता है जो दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है।
ब्लड क्लॉट होने की निशानियां | Blood Clot Ke Lakshan| Blood Clot Symptoms
ब्लड क्लॉट (रक्त का थक्का) जब शरीर में गलत जगह बन जाता है तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। इसके लक्षणों को जल्दी पहचानकर समय पर इलाज लेना बहुत जरूरी है। ब्लड क्लॉट के लक्षण कैसे महसूस होते हैं और वे शरीर के किन-किन हिस्सों में प्रभावित कर सकते हैं। इस बारे में विस्तार से जानिए...
पैरों या हाथों में सूजन और दर्द
प्रभावित क्षेत्र में हल्की से तेज सूजन हो सकती है। पैरों या हाथों में भारीपन, अकड़न या अचानक तेज दर्द महसूस हो सकता है। कई बार छूने पर त्वचा गर्म महसूस होती है।
क्यों होता है?
जब रक्त का थक्का नसों में बन जाता है जैसे डीप वेन थ्रोंबोसिस - DVT), तो खून का प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे सूजन और दर्द होता है। लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहने जैसे हवाई यात्रा, ट्रेन, ऑफिस में से यह समस्या बढ़ सकती है।
क्या करें?
ज्यादा देर तक एक ही पोजीशन में न बैठें, थोड़ी-थोड़ी देर में चलें-फिरें।
अगर पैर या हाथ में सूजन और दर्द लगातार बना हुआ है तो इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
त्वचा का रंग बदलना (लाल, नीला या बैंगनी पड़ना)
त्वचा सामान्य रंग से गहरी हो सकती है जैसे लाल, नीली या बैंगनी दिख सकती है। कुछ मामलों में त्वचा पर चमक आ सकती है और छूने पर गर्म महसूस हो सकता है।
क्यों होता है?
जब ब्लड क्लॉट किसी नस में बन जाता है तो खून का प्रवाह धीमा हो जाता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित होती है। इससे त्वचा का रंग बदल सकता है, खासकर पैर, हाथ या प्रभावित क्षेत्र में।
क्या करें?
अगर आपकी त्वचा का रंग सामान्य से अलग दिखने लगे और सूजन या दर्द भी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
यह ब्लड क्लॉट का गंभीर संकेत हो सकता है, जिसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है।
अचानक सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई
अचानक सीने में तेज दर्द उठ सकता है, जो खासकर गहरी सांस लेने या खांसने पर बढ़ सकता है। सांस लेने में कठिनाई महसूस हो सकती है, ऐसा लगे कि हवा पूरी तरह अंदर नहीं जा रही। कुछ लोगों को चक्कर आ सकते हैं या बेहोशी जैसा महसूस हो सकता है।
क्यों होता है?
जब ब्लड क्लॉट फेफड़ों में चला जाता है (इसे पल्मोनरी एंबोलिज्म - Pulmonary Embolism कहते हैं), तो यह ऑक्सीजन के प्रवाह को बाधित करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। यह जानलेवा स्थिति हो सकती है, जिसे तुरंत मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत होती है।
क्या करें?
अगर आपको अचानक तेज सीने में दर्द हो और सांस लेने में परेशानी हो, तो इसे गैस या मामूली समस्या समझकर न टालें। तुरंत अस्पताल जाएं या आपातकालीन सेवा (Emergency) को कॉल करें।
सिरदर्द, बोलने में दिक्कत या कमजोरी (स्ट्रोक के लक्षण)
तेज सिरदर्द, जो आम सिरदर्द से अलग महसूस हो सकता है। अचानक बोलने में कठिनाई – शब्द ठीक से न निकलना या समझ में न आना। चेहरे, हाथ या पैर (खासतौर पर एक तरफ) में कमजोरी या सुन्नपन। देखने में धुंधलापन या एक आंख से दिखना बंद होना।
क्यों होता है?
जब ब्लड क्लॉट मस्तिष्क की नसों में बन जाता है तो यह स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है, जिससे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
क्या करें?
"FAST" नियम याद रखें
F (Face) – क्या आपका चेहरा टेढ़ा हो रहा है?
A (Arms) – क्या आपका एक हाथ कमजोर पड़ रहा है?
S (Speech) – क्या आपकी बोली अस्पष्ट हो रही है?
T (Time) – तुरंत मेडिकल हेल्प लें!
जितनी जल्दी इलाज मिलेगा, उतना ही स्ट्रोक का असर कम होगा।
दिल की धड़कन तेज होना
बिना किसी कारण दिल तेजी से धड़कने लगता है। हल्की घबराहट, बेचैनी या सीने में दबाव महसूस हो सकता है। कभी-कभी सांस फूलने या हल्का सिर घूमने जैसा महसूस हो सकता है।
क्यों होता है?
जब शरीर में ब्लड क्लॉट बन जाता है, तो दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है ताकि खून को सही तरीके से पंप किया जा सके। इससे दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है। यह फेफड़ों, दिल या मस्तिष्क में क्लॉट बनने का संकेत हो सकता है।
क्या करें?
अगर आपकी हार्टबीट अचानक तेज हो जाए और सांस लेने में दिक्कत हो, तो इसे हल्के में न लें। डॉक्टर से तुरंत जांच कराएं।
याद रखें ये बातेंः
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, अधिक पानी पिएं, सक्रिय रहें और लक्षणों पर ध्यान दें। ब्लड क्लॉट के लक्षणों को पहचानना जीवन बचा सकता है। अगर आपको सूजन, दर्द, त्वचा का रंग बदलना, सांस लेने में तकलीफ, तेज सिरदर्द या हार्टबीट बढ़ने जैसे लक्षण महसूस हों, तो इसे नजरअंदाज न करें। समय पर सही इलाज लेकर आप गंभीर स्थितियों से बच सकते हैं।
कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए?
पैरों में अचानक सूजन और दर्द हो।
सांस लेने में परेशानी या सीने में तेज दर्द हो।
चेहरे या शरीर के एक तरफ कमजोरी हो।
दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाए या चक्कर आए।
अगर आपको ये लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
ब्लड क्लॉट की समस्या होने के प्रमुख कारण | Blood Clotting Reasons
वैसे तो यह एक नेचुरल प्रोसेस हैं जैसे जब चोट लगती है तो शरीर खून को बहने से रोकने के लिए थक्का बनाता है लेकिन जब वह रक्त वाहिकों में अऩावश्यक रूप में बनता है तो यह खतरनाक हो सकता है जिसके बहुत से कारण हो सकते हैं। चलिए उसी बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
रक्त संचार में रुकावट (Poor Blood Circulation)
जो लोग घंटों एक ही पोजिशन में बैठे रहते हैं, जैसे लंबे समय तक बैठने या लेटे रहने से रक्त का प्रवाह धीमा हो सकता है, जिससे थक्का बनने की संभावना बढ़ जाती है। फ्लाइट, ट्रेन या कार में लंबी यात्रा करने पर भी यह समस्या हो सकती है।
खून गाढ़ा होना (Hypercoagulability)
कुछ लोगों में रक्त सामान्य से अधिक गाढ़ा होता है, जिससे थक्का बनने का जोखिम बढ़ जाता है। आनुवंशिक कारणों, डिहाइड्रेशन (पानी की कमी), गलत खान-पान या कुछ बीमारियों के कारण रक्त गाढ़ा हो सकता है।
रक्त वाहिकाओं की क्षति (Blood Vessel Damage)
कई बार धमनियों और नसों की अंदरूनी दीवारें क्षतिग्रस्त होने पर शरीर स्वाभाविक रूप से ब्लड क्लॉट बना सकता है। चोट, सर्जरी, धूम्रपान, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज इसके कारण हो सकते हैं।
हार्मोनल चेंजेस
कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान, बर्थ कंट्रोल पिल्स या फिर हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के कारण खून गाढ़ा हो सकता है, जिससे क्लॉट बनने की संभावना बढ़ जाती है।
मोटापा (Obesity)
जो लोग बहुत ज्यादा मोटे हैं, उन्हें भी यह समस्या हो सकती है क्योंकि शरीर में अतिरिक्त चर्बी रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालती है, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित हो सकता है और थक्का बनने का खतरा बढ़ जाता है।
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धूम्रपान और अल्कोहल
धूम्रपान से रक्त वाहिकाएं संकरी हो सकती हैं, जिससे रक्त संचार प्रभावित होता है और क्लॉट बनने की संभावना बढ़ती है। अत्यधिक शराब सेवन से भी रक्त का संतुलन बिगड़ सकता है।
कुछ बीमारियों में इसका खतरा
कुछ बीमारियों में भी ब्लड क्लॉट होने का खतरा बना रहता है। जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रैशर आदि ...
डायबिटीज: इससे रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है, जिससे क्लॉट का खतरा बढ़ता है।
हाई ब्लड प्रेशर: उच्च रक्तचाप नसों की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे रक्त का थक्का बन सकता है।
कैंसर: कुछ प्रकार के कैंसर और उनकी दवाएं रक्त को गाढ़ा कर सकती हैं।
ऑटोइम्यून डिजीज: ल्यूपस और रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी बीमारियां रक्त गाढ़ा कर सकती हैं।
पोस्ट-ऑपरेटिव (सर्जरी के बाद का प्रभाव)
किसी बड़ी सर्जरी के बाद शरीर में रक्त के थक्के बनने की संभावना अधिक होती है क्योंकि ऑपरेशन के दौरान नसों को नुकसान हो सकता है और लंबे समय तक निष्क्रिय रहने से रक्त संचार धीमा हो जाता है।
शरीर में पानी की कमी (Dehydration)
पानी की कमी से रक्त गाढ़ा हो सकता है, जिससे थक्का बनने का खतरा बढ़ जाता है।
ब्लड क्लॉट ठीक करने और रोकने के लिए देसी नुस्खे| Blood Clotting Natural Treatment
ब्लड क्लॉट (रक्त का थक्का) बनने की समस्या से बचने के लिए सही आहार और घरेलू उपाय बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में ऐसे कई देसी नुस्खे बताए गए हैं जो खून को पतला करने, रक्त संचार सुधारने और नसों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
1. लहसुन (Garlic) – खून को पतला करने वाला सुपरफूड
लहसुन में ऐलिसिन (Allicin) नामक तत्व होता है, जो खून को जमने से रोकता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और धमनियों की सफाई करता है।
कैसे खाएं?
रोज़ सुबह खाली पेट 1-2 कली कच्चे लहसुन चबाएं।
आप इसे शहद में मिलाकर भी ले सकते हैं।
सब्जियों और दालों में मिलाकर सेवन करें।
2. हल्दी (Turmeric) – प्राकृतिक रक्त पतला करने वाला तत्व
हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन (Curcumin) शरीर में ब्लड क्लॉट बनने से रोकता है। यह सूजन कम करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
कैसे खाएं?
हल्दी दूध (Golden Milk) – 1 गिलास गर्म दूध में 1/2 चम्मच हल्दी मिलाकर रात को सोने से पहले पिएं।
हल्दी को शहद के साथ मिलाकर रोज़ सुबह लें।
इसे सब्जियों, दालों और सूप में मिलाएं।
3. दालचीनी (Cinnamon) – रक्त को पतला करने वाला शक्तिशाली मसाला
इसमें कौमेरिन (Coumarin) नामक तत्व होता है, जो रक्त को पतला करने और धमनियों में प्लाक जमने से रोकने में मदद करता है। यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है।
कैसे खाएं?
रोज़ सुबह गुनगुने पानी में 1/2 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पिएं।
इसे चाय, ओट्स या दलिया में मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
4. आंवला (Indian Gooseberry) – रक्त को साफ करने वाला प्राकृतिक टॉनिक
आंवला में विटामिन C अधिक मात्रा में होता है, जो नसों को मजबूत करता है। यह ब्लड सर्कुलेशन सुधारता है और खून को पतला करने में मदद करता है।
कैसे खाएं?
रोज़ सुबह 1 ताज़ा आंवला खाएं या आंवला जूस पिएं।
आंवले का अचार या मुरब्बा भी खा सकते हैं।
5. अलसी के बीज (Flaxseeds) - ओमेगा-3 फैटी एसिड का बेहतरीन स्रोत
इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर होता है, जो धमनियों में ब्लड क्लॉट बनने से रोकता है। यह कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।
कैसे खाएं?
1 चम्मच भुनी हुई अलसी रोज़ सुबह खाली पेट लें।
इसे सलाद, दही या दलिया में मिलाकर खा सकते हैं।
6. अदरक (Ginger) – प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी हर्ब
ब्लड क्लॉटिंग की समस्या में अदरक भी मददगार साबित हो सकता है। इसमें सैलिसिलेट (Salicylate) होता है, जो खून को पतला करने में मदद करता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है और शरीर से टॉक्सिन निकालता है
कैसे खाएं?
अदरक की चाय – 1 कप गर्म पानी में अदरक के टुकड़े डालकर उबालें और शहद मिलाकर पिएं। अदरक का रस शहद के साथ मिलाकर रोज़ सुबह लें।
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7. तुलसी (Holy Basil) – ब्लड क्लॉट को रोकने वाली औषधि
तुलसी में यूजेनॉल (Eugenol) होता है, जो खून को पतला करने में सहायक है। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और हृदय स्वास्थ्य को सुधारता है।
कैसे खाएं?
रोज़ सुबह 4-5 तुलसी के पत्ते चबाएं। तुलसी की चाय बनाकर पिएं।
8. नींबू (Lemon) – शरीर को डिटॉक्स करने का रामबाण उपाय
नींबू में विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो रक्त वाहिकाओं को साफ रखते हैं। यह खून को पतला करने और कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है।
कैसे खाएं?
गुनगुने पानी में 1/2 नींबू निचोड़कर सुबह खाली पेट पिएं।
सलाद और भोजन में नींबू का उपयोग करें।
9. मेथी (Fenugreek) – रक्त संचार सुधारने वाला सुपरफूड
मेथी में फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो खून को गाढ़ा होने से रोकते हैं।
यह ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।
कैसे खाएं?
रात में 1 चम्मच मेथी के बीज पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट खाएं।
मेथी का साग और दाल में इसका उपयोग करें।
10. सूखे मेवे (Dry Fruits) – स्वस्थ रक्त संचार के लिए जरूरी
बादाम, अखरोट और किशमिश में ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन E होते हैं, जो खून को पतला करने में मदद करते हैं। ये दिल की धमनियों को मजबूत करते हैं और ब्लड सर्कुलेशन सुधारते हैं।
कैसे खाएं?
रात को 4-5 भीगे बादाम और 2 अखरोट खाएं।
किशमिश को पानी में भिगोकर सुबह लें।
ब्लड क्लॉट से बचाव कैसे करें?
लंबे समय तक बैठने से बचें, बीच-बीच में चलें।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि खून गाढ़ा न हो।
धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
नियमित रूप से व्यायाम करें और वजन नियंत्रित रखें।
हार्मोनल दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें।
अगर आप ब्लड क्लॉट बनने की समस्या से बचना चाहते हैं, तो स्वस्थ आहार और देसी नुस्खों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। लहसुन, हल्दी, अदरक, दालचीनी और तुलसी जैसी चीजें खून को पतला करने में मदद करेंगी। अलसी, आंवला, मेथी और सूखे मेवे दिल को स्वस्थ रखेंगे। गुनगुना पानी और नींबू शरीर को डिटॉक्स करेगा।
अगर आपको पहले से ब्लड क्लॉट की समस्या है तो घरेलू उपायों के साथ डॉक्टर की सलाह लेना भी जरूरी है।