आस्था की डुबकी...रंग बिरंगा आसमान, मकर संक्रांति पर ही देखने को मिलता है ऐसा नजारा
punjabkesari.in Saturday, Jan 14, 2023 - 05:49 PM (IST)
माघ मेला के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर आम दिन से कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। इस खास मौके पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। पिछले दो दिनों से यहां मौसम खुशनुमा रहने से भोर से लोग दूर- दूर से गंगा में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे।
गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। सर्दी के बावजूद श्रद्धालु स्नान और दान कर रहे हैं। हजारों श्रद्धालुओं ने हुगली नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम में सुबह ही डुबकी लगाई और पूजा-अर्चना की।
कड़ाके की ठंड पड़ने के बावजूद श्रद्धालुओं का जोश देखने लायक है। देशभर में अलग-अलग नामों और स्वरूपों में मनाया जाने वाले इस पर्व को लेकर श्रद्धालुओं में उल्लास है। ऐसे में अलग-अलग जगह से कई तस्वीरें सामने आ रही है।
धर्मनगरी हरिद्वार में हर की पौड़ी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने पुहंचे। पुराणों के अनुसार इस दिन तीर्थ या गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
वहीं दूसरी तरफ देश भर में पतंगबाजी भी खूब देखने को मिली। आसमान शनिवार को रंग-बिरंगी पतंगों से ढक गया। दिन भर जयपुर आसमान में नए नए रंगों की पतंगें कुलांचे भरती रहीं और छतों से 'वो काटा वो काटा' का शोर गूंजता रहा।
मकर संक्रांति पतंगबाजी का सबसे बड़ा अवसर माना जाता है और इस त्योहार को लेकर जबरदस्त जुनून रहता है। सुबह होते ही बच्चे व युवा घरों की छतों व खुले मैदानों में पहुंच गए और शहर के आसमान में रंग बिरंगी, अलग-अलग आकार की पतंगें नजर आने लगीं। पतंगों व मांझे की दुकानों के साथ-साथ गजक रेवड़ी व मूंगफली वाली दुकानों पर अच्छी भीड़ रही।
दरअसल र्यदेव की उपासना, उदारता, दान और धर्म परायणता का यह पर्व जीवन में उत्साह और उमंग का संचार बढ़ाता है। सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक पर्व सांस्कृतिक एकता और सद्भाव की मिठास दिलों में घोलता है।