कल से भक्तों को दर्शन देंगे बाब केदार,  108 क्विंटल फूलों से सजे  केदारनाथ धाम की तस्वीरें देख हो जाएंगे मंत्रमुग्ध

punjabkesari.in Thursday, May 01, 2025 - 06:59 PM (IST)

नारी डेस्क:  केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और इस अवसर के अनुरूप देश-विदेश से लाए गए 108 क्विंटल मिश्रित फूलों से हिमालयी मंदिर को सजाया गया है। मंदिर को सजाने के लिए 150 से अधिक स्वयंसेवकों ने दिन-रात काम किया है और उनमें से प्रत्येक को भगवान शिव की सेवा करने का अवसर मिलने पर खुद को धन्य महसूस हो रहा है, जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र तल से 11,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित सदियों पुराने मंदिर के मुख्य देवता हैं।

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मंदिर को सजाने में लगे स्वयंसेवकों का नेतृत्व करने वाले गुजरात के वडोदरा के श्रीजल व्यास ने बताया कि नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका तथा दिल्ली, कश्मीर, पुणे, कोलकाता और पटना सहित भारत के विभिन्न स्थानों से लाए गए गुलाब और गेंदे सहित 54 किस्मों के फूलों का उपयोग मंदिर को सजाने के लिए किया गया है। व्यास ने बताया कि गेंदे के फूल विशेष रूप से कोलकाता के एक गांव से लाए गए हैं, क्योंकि स्थानीय किस्म के विपरीत ये जल्दी मुरझाते नहीं हैं, औसतन 10-15 दिनों तक टिकते हैं। उन्होंने कहा- "हमें यहां आने में काफी परेशानी हुई। हमारी ट्रेनें रद्द कर दी गईं और हममें से कई लोगों को हवाई मार्ग से आना पड़ा। घोड़ों की अनुपस्थिति में हमें मंदिर को सजाने के लिए इन ऊंचाइयों पर लगभग 80 क्विंटल फूल लाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।" 

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 उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में सर्दियों के दौरान पूजी जाने वाली भगवान शिव की मूर्ति गुरुवार को पुजारियों और बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के पदाधिकारियों के कंधों पर फूलों से सजी पालकी में गौरीकुंड के रास्ते यहां पहुंचेगी।  मंदिर के मुख्य पुजारी रावल भीमाशंकर लिंग ने बताया कि शुक्रवार को सुबह सात बजे मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मंदिर के कपाट खोलने की तैयारियां सुबह छह बजे से ही शुरू हो जाएंगी।  इस बार केदारनाथ में तीर्थयात्रियों के लिए एक आकर्षक नई सुविधा होगी, मंदिर के पास मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के संगम पर वाराणसी, हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा आरती की तर्ज पर भव्य "आरती" की जाएगी।  मंदिर के सामने नंदी की मूर्ति और मंदिर के पास शंकराचार्य की मूर्ति को भी इस बार फूलों से सजाया गया है


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vasudha

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