जीभ के रंग और बनावट से पहचाने शरीर में छिपी हुई बीमारियां, जानें कैसे!
punjabkesari.in Monday, May 12, 2025 - 05:28 PM (IST)

नारी डेस्क: जीभ हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है। दांतों की तरह, जीभ का काम खाने को चबाना नहीं बल्कि उसे चखने का होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जीभ सिर्फ स्वाद लेने के अलावा हमारी सेहत के कई बड़े राज भी खोल सकती है? अक्सर हम जीभ से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन ध्यान से देखा जाए तो जीभ हमें कई बीमारियों की चेतावनी दे सकती है। हमारी सेहत के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें बस जीभ को देखना होता है, और इसके रंगों पर ध्यान देना होता है। आइए जानते हैं, जीभ के रंगों का स्वास्थ्य से क्या संबंध है।
जीभ के रंग से क्या पता चलता है?
आचार्य मनीष के अनुसार, आयुर्वेद में जीभ के रंग से कई बीमारियों का पता लगाया जाता है। यह एक पुरानी पद्धति है जिसे पारंपरिक इलाज में अपनाया जाता है। रोज़ाना घर में ही हम अपनी जीभ के माध्यम से कई बीमारियों के बारे में जान सकते हैं।
ग्रीसी कोटिंग (Greasy Coating)
अगर जीभ के ऊपर ग्रे या हल्के काले रंग की परत जमी हुई दिखे तो यह शरीर की खराब सेहत का संकेत हो सकता है। यह आमतौर पर शरीर में टॉक्सिन्स के जमने और पानी की कमी के कारण होता है। साथ ही जीभ में हल्की सूजन भी हो सकती है। यह स्थिति शरीर के अंदर कुछ ठीक नहीं होने का संकेत देती है।
गुलाबी और पतली जीभ (Pink and Thin Tongue)
अगर आपकी जीभ गुलाबी और साफ है, तो यह एक अच्छा संकेत है कि आप स्वस्थ हैं। गुलाबी रंग का मतलब है कि आपका शरीर अंदर से स्वस्थ है। अगर जीभ पतली और हल्की महसूस हो रही है, तो इसका मतलब है कि आपकी सेहत सही दिशा में है और आपके शरीर में पर्याप्त मॉइस्चर है, जो स्वस्थ रहने का एक और संकेत है।
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गर्म और लाल जीभ (Hot and Red Tongue)
अगर शरीर में गर्मी का अहसास हो या पित्त बढ़ने का संकेत हो, तो यह जीभ के रंग से भी पहचाना जा सकता है। गर्मी के कारण जीभ पर लाल रंग दिखाई देता है, जो शरीर के अंदर अधिक तापमान का संकेत होता है। यह स्थिति आमतौर पर शरीर में पानी की कमी के कारण भी उत्पन्न होती है।
चमकीली जीभ (Glossy Tongue)
चमकीली जीभ स्वास्थ्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। यह शरीर में न्यूट्रिशन और खून की कमी का लक्षण हो सकता है। फीकी या चमकीली जीभ विटामिन बी-12 की कमी का संकेत हो सकती है। बुखार या इंफेक्शन के दौरान भी जीभ का रंग चमकीला हो सकता है। इसलिए यह स्थिति नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए।
दरारदार या पपड़ीदार जीभ (Cracked or Coated Tongue)
कुछ लोगों की जीभ हल्के रंग की या पीली दिखाई देती है, और उसमें दरारें भी होती हैं। यह खराब पाचन का संकेत हो सकता है और यह शरीर में ऊर्जा की कमी का भी लक्षण है। इस प्रकार की जीभ में अक्सर सूजन और डाइजेशन से संबंधित समस्याएं दिखाई देती हैं।
ध्यान देने योग्य बातें
रोज़ाना सुबह अपनी जीभ की जांच करें। जीभ की स्थिति आपके शरीर की सेहत के बारे में कई बातें बताती है। जीभ की सफाई का ख्याल रखें और टंग क्लीनर का इस्तेमाल करें। यदि जीभ की स्थिति लगातार बदली हुई लगे या उसमें दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और जांच करवाएं।
कुछ घरेलू उपाय
बॉडी डिटॉक्स: शरीर को डिटॉक्स करने के लिए त्रिफला का सेवन करें। यह आपके शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।
सूजन कम करना: हल्दी का पानी पिए, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है।
हाइड्रेशन: नारियल पानी पिएं, यह शरीर को हाइड्रेट करता है और आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
हमारी जीभ ना केवल स्वाद लेने का कार्य करती है, बल्कि यह हमारे शरीर की अंदरूनी स्थिति का भी एक संकेत देती है। जीभ के रंग और रूप में बदलाव से हम अपनी सेहत के बारे में अहम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपनी जीभ का ध्यान रखें और समय-समय पर इसे जांचते रहें, ताकि किसी भी स्वास्थ्य समस्या का समय पर इलाज किया जा सके।