मां दुर्गा के 9 अवतारों का वर्णन, जानिए कौन सा रूप देता है क्या वरदान ?
punjabkesari.in Tuesday, Oct 01, 2024 - 02:11 PM (IST)
नारी डेस्क: सनातन धर्म में नवरात्रि को बहुत ही खास माना जाता है। पूरे साल में चार नवरात्रि आती हैं जिसमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि सबसे खास मानी जाती है। पर्व के दौरान माता के भक्त नौ दिनों तक देवी के नौ अलग-अलग रूप की पूजा करते हैं, जिन्हें नवदुर्गा के रूप में जाना जाता है। हर एक रूप का अपना अलग महत्व होता है और हर देवी एक विशिष्ट शक्ति या वरदान प्रदान करती हैं। आइए जानें, मां दुर्गा के हर स्वरूप से कौन-कौन से वरदान प्राप्त होते हैं:
शैलपुत्री (पहला दिन)
अर्थ: पर्वतराज हिमालय की पुत्री
वरदान: इस रूप की पूजा करने से जीवन में स्थिरता और शक्ति प्राप्त होती है। शैलपुत्री से भक्तों को शांति और सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आधारभूत स्थिरता और आत्मविश्वास मिलता है।
ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन)
अर्थ: तपस्या और साधना करने वाली देवी।
वरदान: ब्रह्मचारिणी से तपस्या, संयम, और साधना का आशीर्वाद मिलता है। उनका पूजन करने से जीवन में संकल्प और धैर्य आता है, जिससे साधक कठिनाइयों का सामना दृढ़ता से कर सकता है।
चंद्रघंटा (तीसरा दिन)
अर्थ: चंद्रमा के आकार की घंटी धारण करने वाली देवी।
वरदान: चंद्रघंटा देवी से साहस, वीरता, और आत्मविश्वास प्राप्त होता है। वह भय से मुक्त करती हैं और मानसिक शांति प्रदान करती हैं। साथ ही यह रूप शत्रुओं का नाश करने की शक्ति भी देता है।
कूष्मांडा (चौथा दिन)
अर्थ: ब्रह्मांड की सृष्टि करने वाली देवी।
वरदान: कूष्मांडा देवी की पूजा से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह रूप जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का वरदान देती है। साथ ही लंबी आयु और यश की प्राप्ति होती है।
स्कंदमाता (पांचवां दिन)
अर्थ: भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता।
वरदान: स्कंदमाता से संतान सुख का वरदान मिलता है। यह रूप मातृत्व और परिवार के सुख का प्रतीक है, जो मां की ममता और सुरक्षा का आशीर्वाद देती है।
कात्यायनी (छठा दिन)
अर्थ: महर्षि कात्यायन की पुत्री
वरदान: कात्यायनी की पूजा से दुष्टों का नाश और प्रेम संबंधों में सफलता का आशीर्वाद मिलता है। अविवाहित कन्याओं के लिए यह रूप विशेष रूप से पूजनीय है, जिससे उन्हें योग्य जीवनसाथी प्राप्त होता है।
कालरात्रि (सातवां दिन)
अर्थ: काली रात के समान भयानक देवी।
वरदान: कालरात्रि देवी से भक्तों को भय, शत्रुओं और बुराई से मुक्ति मिलती है। उनका पूजन जीवन की नकारात्मक शक्तियों का नाश करता है और दुश्मनों पर विजय प्राप्त कराता है।
महागौरी(आठवां दिन)
अर्थ: अति गौर वर्ण वाली देवी।
वरदान: महागौरी से शांति, पवित्रता और सुंदरता का आशीर्वाद मिलता है। उनकी पूजा से जीवन के सभी पापों का नाश होता है और भक्त को शुद्धता और मोक्ष प्राप्त होता है।
सिद्धिदात्री (नौवां दिन)
अर्थ: सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली देवी।
वरदान: सिद्धिदात्री से भक्तों को आठों प्रकार की सिद्धियों और नौ प्रकार की निधियों का आशीर्वाद मिलता है। यह रूप भक्तों को ज्ञान, शक्ति, और सफलता का वरदान देती है।
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा करके भक्तों को उनके जीवन में समृद्धि, शक्ति, स्वास्थ्य, और मानसिक शांति का वरदान मिलता है। हर स्वरूप के साथ जुड़ा वरदान जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुख, समृद्धि और कल्याण लेकर आता है।