पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया,  जानिए इस दौरान श्राद्ध कर सकेंगे या नहीं?

punjabkesari.in Monday, Sep 30, 2024 - 09:18 AM (IST)

नारी डेस्क: साल 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।  इस बार सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया मंडरा रहा है।  यह  2 अक्टूबर को लगने जा रहा है, इससे पहले चंद्र ग्रहण हुआ था। हालांकि  सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। 

PunjabKesari

भारत में नहीं दिखाई देगा ग्रहण

हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि का आरंभ 1 अक्टूबर को रात में 9 बजकर 40 मिनट पर होगा। सर्वपितृ अमावस्या तिथि का समापन 2 तारीख की मध्य रात्रि 2 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या 2 अक्टूबर को है। सूर्य ग्रहण का आरंभ 1 अक्टूबर को रात में 9 बजकर 40 मिनट पर आरंभ होगा और रात में 2 अक्टूबर की मध्य रात्रि 3 बजकर 17 मिनट पर सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा। भारत में ग्रहण के समय रात रहेगी, यहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इस वजह से देश में ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। ऐसे में आप इस दिन आराम से श्राद्ध कर्म के कार्य कर सकते हैं।


क्यों लगता है ग्रहण

दरअसल सूर्य ग्रहण लगने के वैज्ञानिक कारण भी हैं। जब भी पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक सीध में आ जाते हैं तो सूर्य ग्रहण लगता है। चंद्रमा तब पृथ्वी और सूर्य के बीच में होता है। इससे सूर्य से आने वाला प्रकाश बाधित हो जाता है। पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले चंद्रमा की दूरी भी समय-समय पर बदलती रहती है।

PunjabKesari

क्या होती है रिंग ऑफ फायर

रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) एक प्रकार का खगोलीय घटना है जो  सूर्य ग्रहण के दौरान देखी जाती है। यह तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है, लेकिन चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढकने में असमर्थ होता है। इस स्थिति में सूर्य का केवल बाहरी किनारा चमकता हुआ दिखाई देता है, जिससे यह आग की अंगूठी या "रिंग ऑफ फायर" जैसा दिखता है। इसे कंकण सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) भी कहा जाता है।

PunjabKesari

रिंग ऑफ फायर की विशेषताएं

-यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण का रूप है, जिसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढकता।
-चंद्रमा के किनारों से सूर्य का प्रकाश चमकता रहता है, जिससे एक जलती हुई अंगूठी या "रिंग ऑफ फायर" दिखाई देती है।
-यह घटना तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी से थोड़ा दूर होता है और उसकी आभा सूर्य को पूरी तरह से ढकने के लिए पर्याप्त नहीं होती, इसलिए सूर्य का बाहरी हिस्सा चमकता रहता है।
- "रिंग ऑफ फायर" केवल कुछ स्थानों से ही दिखाई देता है, जबकि बाकी स्थानों पर यह एक सामान्य आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखता है।

सुरक्षा के उपाय

जैसा कि सामान्य सूर्य ग्रहण के दौरान होता है, रिंग ऑफ फायर को भी नंगी आंखों से देखना सुरक्षित नहीं होता। इसे देखने के लिए विशेष सोलर फिल्टर या सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। रिंग ऑफ फायर  एक अद्भुत और दुर्लभ खगोलीय घटना है जो वैज्ञानिकों और खगोल प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र होती है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static