रील बनाने के चक्कर में बच्ची से करवाया खतरनाक स्टंट, वीडियो हुआ वायरल
punjabkesari.in Monday, Jul 07, 2025 - 04:32 PM (IST)

नारी डेस्क: राजस्थान के भरतपुर से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक पिता ने सोशल मीडिया पर रील बनाने के चक्कर में अपनी छोटी बेटी की जान को बड़ा खतरा मोल ले लिया। यह मामला भरतपुर के रुदावल थाना इलाके के बांध बारैठा का है।
पिता ने रील के लिए बच्ची को खड़ा किया पानी के ऊपर
जानकारी के अनुसार, 4 जुलाई को उमा शंकर नाम के व्यक्ति अपनी पत्नी और बेटी के साथ बांध बारैठा घूमने गए थे। वहां घूमते-घूमते उमा शंकर को रील बनाने का शौक चढ़ा और उसने अपनी मासूम बेटी को बांध के किनारे बने लोहे के एंगल (खड़े होने वाला हिस्सा) पर खड़ा कर दिया, जो सीधे पानी के ऊपर था।
भारी बारिश से भरा हुआ था बांध, था बड़ा खतरा
बात ये है कि इस समय भारी बारिश के कारण बांध पानी से पूरा भरा हुआ था और पानी की गहराई भी बहुत अधिक थी। ऐसे में बच्ची को इस तरह खड़ा करना किसी भी वक्त बड़े हादसे का कारण बन सकता था।
वीडियो हुआ वायरल, पुलिस कर सकती है कार्रवाई
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए उमा शंकर ने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट से वीडियो हटा दिया। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और बच्ची के माता-पिता की पहचान करने में जुटी है। जांच पूरी होने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना है।
बांध पर बढ़ाई गई सुरक्षा
स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद प्रशासन ने वहां सुरक्षा बढ़ा दी है। अब बांध पर दो पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी खतरनाक हरकतें दोबारा न हो सकें।
ये रील का चक्कर है बाबू भईया!
— Surabhi🇮🇳 (@surabhi_tiwari_) July 7, 2025
राजस्थान के भरतपुर में माता-पिता रील के चक्कर में बेटी की जान को खतरे में डाला।#Rajasthan #BarethaDam #Bharatpur pic.twitter.com/8jTwTrVfT5
लोगों को दी जा रही चेतावनी
प्रशासन की ओर से जनता को चेतावनी भी दी जा रही है कि रील बनाने या सोशल मीडिया पर लोकप्रियता पाने के लिए कभी भी अपनी या अपनों की जान जोखिम में न डालें। सोशल मीडिया पर कुछ लाइक्स के लिए ऐसे खतरनाक स्टंट से बचना चाहिए, क्योंकि यह जीवन के लिए घातक साबित हो सकता है।
यह घटना हमें सिखाती है कि सोशल मीडिया पर फेमस होने की चाह में अपनी सुरक्षा को नजरअंदाज करना बहुत बड़ा खतरा है। बच्चों की सुरक्षा हर परिस्थिति में सबसे पहले होनी चाहिए।