रसना ब्रांड के Founder अरीज पिरोजशॉ का निधन, 85 की उम्र में ली आखिरी सांस

punjabkesari.in Tuesday, Nov 22, 2022 - 12:05 PM (IST)

भारत में मशहूर सॉफ्ट ड्रिंक से मशहूर होने वाला ब्रांड रसना के चेयरमैन अरीज पिरोजशॉ खंबाटा का देहांत हो गया है। बीते दिन पिरोजशॉ ने अपनी आखिरी सांस ली। सोमवार को रसना के समूह ने लोगों को खुद इस बात की जानकारी दी है कि उनके संस्थापक का निधन हो गया है। पिरोजशॉ की उम्र 85 वर्ष थी। वह अरीज खंबाटा बेनेवॉलेंट ट्रस्ट और रसना फाउंडेशन के चेयरमैन भी रह चुके थे। इसके अलावा अरीज पिरोजशॉ अहमदाबाद पारसी पंचायत के पूर्व अध्यक्ष और भारत के पारसी जोरास्ट्रियन अंजुमन्स फेडरेशन के नायब सद्र भी थे। 

10 लाख खुदरा दुकानों पर बेचा जाता है रसना 

कंपनी ने बात करते हुए बताया कि - 'खंबाटा ने भारत में इंडस्ट्री, कारोबार और समाज सेवा के लिए देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया था।' उनको लोकप्रिय घरेलू पेय ब्रांड रसना के लिए जाना जाता है।  इसके अलावा रसना 18 लाख खुदरा दुकरानों में भी बेचा जाता है। रसना दुनिया में सूखे, गाढ़े शरबत बनाना वाला सबसे बड़ा शीतल पेय है। 

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 93 प्रतिशत बाजारों में रही रसना की हिस्सेदारी 

रसना इस समय दुनिया की सबसे सॉफ्ट ड्रिंक कंस्ट्रेट निर्माता कंपनी है। यह सना पियोमा इंडस्ट्रीज के स्वामित्व वाला एक पेय ब्रांड है। रसना का मुख्यालय गुजरात के अहमदाबादा में है। रसना को 70 के दशक में लॉन्च किया गया था। परंतु इसने 80 के दशक में लोकप्रियता हासिल की। उस समय बाजारों में थम्स अप, गोल्ड स्पॉट और लिम्का जैसे कार्बोनेटेड शीतल पेय पर लोगों को काफी पसंद थे। इसके बावजूद इस ब्रांड भारत में अपनी एक अलग ही जगह बनाई थी। 2009 तक भारत में केंद्रिया बाजार में रसना की 93 प्रतिशत बाजार में हिस्सेदारी थी। गौरतलब है कि 2011 तक कंपनी का कारोबार 3.5 बिलियन रुपये का हो गया था। 

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दुनिया के करीबन 60 मुल्कों में बेचा जाता है रसना 

रसना दुनिया के करीबन 60 मुल्कों में बेचा जाता है। यह बहुराष्ट्रीय निगमों के वर्चस्व वाले पेय खंडों में भी हमेशा से एक मॉर्केट लीडर रहा है। खंबाटा ने 1970 के दशक में महंगी कीमतों पर बेचे जाने वाले सॉफ्ट ड्रिंक उत्पादों के विकल्प के तौर पर आम भारतीयों के लिए रसना के किफायती शीतल पेय पैक भी बनाए थे। उस दौरान बाजार में 5 रुपए के रसना के इस पैकेट को 32 गिलासों वाले शीतल पेय में भी बदला जा सकता था। इसकी कीमत मात्र 15 प्रति रुपये गिलास के हिसाब से बैठती थी। रसना को अब भी काफी याद किया जाता है और ब्रांड का आई लव यू रसना भी लोगों के दिमाग में बैठा हुआ है। 1980 और 90 के दशक में पले बढ़े लोग आज भी इस विज्ञापन को नहीं भूले हैं। 

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palak

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