यूरिन से शुरू होने वाली मामूली सी दिक्कत बन जाती Prostate Cancer, जवान मर्द बन रहे शिकार

punjabkesari.in Friday, May 16, 2025 - 06:10 PM (IST)

नारी डेस्कः पुरुषों को होने वाला सबसे आम कैंसर प्रोस्टेट कैंसर है जो प्रोस्टेट ग्रंथि में शुरू होता है जो एक अखरोट के आकार की ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने स्थित होती है और वीर्य (semen) बनाने में मदद करती है लेकिन जब इस ग्रंथि में सैल्स बेकाबू होकर बनने लगते हैं तो प्रोस्टेट कैंसर बन जाता है।

प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण

कैंसर कोई भी हो इसकी शुरुआत में लक्षण हलके होते हैं इसलिए लोग इसे समझ नहीं पाते या फिर नॉर्मल समझकर इग्नोर कर देते हैं। प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है और इसके शुरुआती चरण में इसके लक्षण बहुत हल्के या बिलकुल नहीं दिखते हालांकि कुछ संकेतों पर गौर करना बहुत जरूरी रहता है जैसेः
बार-बार यूरिन जैसे आना महसूस होना
रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना
पेशाब करते समय जलन या दर्द
पेशाब की धार का कमजोर होना या बीच में रुकना
मूत्र या वीर्य में खून आना
पेट के निचले हिस्से या कमर में दर्द
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष)
वजन कम होना।
हड्डियों में दर्द होना। 
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प्रोस्टेट कैंसर होने के मुख्य कारण

पहले उम्रदराज पुरुषों को यह खतरा अधिक रहता था या फिर अगर परिवार में पहले ही इतिहास हो जैसे पिता या भाई को यह कैंसर रहा हो तो जोखिम ज़्यादा होता है।

लेकिन अब यह कम उम्र में हो रहा है जिसका एक कारण बिगड़ा लाइफस्टाइल है। खानपान का सबसे अहम है। जो बहुत ज़्यादा फैट वाला और प्रोसेस्ड खाना खाते हैं उन्हें इसका खतरा बढ़ सकता है। वहीं फिजिकल एक्टिविटी ना करने वाले या कम करने वाले, मोटापा, धूम्रपान और शराब का सेवन अधिक करने वाले लोगों को इसका जोखिम अधिक रहता है। अब 50 साल या उससे कम उम्र ही इसके केसेज भी सुनने को मिल रहे हैं जिसकी वजह अनहैल्दी लाइफस्टाइल ही है। इसी के चलते जवान पुरुषों को भी इसका जोखिम है। 

हार्मोनल बदलाव के चलते भी इस कैंसर को बढ़ावा मिलता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की असंतुलन से खतरा बढ़ सकता है।
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प्रोस्टेट कैंसर का रिस्क बढ़ने के कारण

प्रोस्टेट कैंसर के रिस्क बढ़ने के कारण भी आहार व अनहैल्दी लाइफस्टाइल हैं। बहुत ज्यादा मीट का सेवन करना, हाई फैट वाले डेयरी प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल, बहुत ज्यादा स्ट्रेस में रहना और फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर होना। ये सब इसके जोखिम को बढ़ा देता है। 

कब डॉक्टर से मिलें?

यदि आप ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई भी अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। 50 वर्ष की उम्र के बाद नियमित हेल्थ चेकअप और PSA टेस्ट (Prostate-Specific Antigen Test) करवाना बहुत ज़रूरी है।

इलाज कैसे संभव

यह मरीज की उम्र, हैल्थ स्थिति, कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है। इसके लिए दवाइयां, रेडिकल सर्जरी और रेडिकल थेरेपी शामिल हो सकती है। 

याद रखिए

खानपान सही रखें। 30 के बाद जरूरी टेस्ट करवाते रहे। 
फिजिकल एक्टिविटी पर फोक्स करें। 


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Content Writer

Vandana

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