प्रेरणादायक कहानी: वेद और मंत्र पढ़ने वाला बना साइंटिस्ट, गुरुकुल का यह बच्चा ज्वाइन करेगा ISRO
punjabkesari.in Tuesday, Jul 01, 2025 - 04:45 PM (IST)

नारी डेस्क: केरल के गोविंद कृष्णन एम की कहानी आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है। गुरुकुल में वैदिक शिक्षा लेने वाले गोविंद जल्द ही इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में बतौर स्पेस साइंटिस्ट अपनी नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। उनका सफर इस बात का प्रमाण है कि अगर मेहनत, समर्पण और दिशा सही हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। जड़ से जुड़े रहकर भी आधुनिकता की ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है।
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वैदिक शिक्षा से शुरुआत
गोविंद की पढ़ाई की शुरुआत वैदिक पाठशाला से हुई, जहां उन्होंने संस्कृत, वेद और मंत्र सीखे। उन्होंने 8 साल तक पारंपरिक वैदिक अध्ययन किया, यानी बचपन से ही अनुशासन और ध्यान उनके जीवन का हिस्सा रहा। वैदिक अध्ययन के साथ-साथ गोविंद को विज्ञान की भी गहरी रुचि थी। संस्कृत जैसी क्लासिकल भाषा में गहराई से जाने के बाद उन्होंने गणित और भौतिकी में गहरी पकड़ बनाई, जो उन्हें रॉकेट साइंस की ओर ले गई।
इस महीने ज्वॉइन करेंगे इसरो
साल 2021 में गोविंद ने JEE मेन और एडवांस्ड दोनों पास कर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (IIST) में बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन) में दाखिला लिया। अब वो IIST से पासआउट होकर ICRB चयन प्रक्रिया के जरिए इसरो के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में वैज्ञानिक पद के लिए चयनित हो चुके हैं। वह आधिकारिक रूप से जुलाई में इसरो ज्वॉइन करेंगे।
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IIT में दाखिला और वैज्ञानिक सफर
गोविंद ने अपने दृढ़ निश्चय और मेहनत से IIT में प्रवेश पाया और फिर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में भी योगदान देने लगे। उनका कहना है कि वैदिक शिक्षा से उन्हें एकाग्रता और विचार की गहराई मिली, जो साइंस जैसी विषय में उन्हें बहुत काम आई। उनसे हमें सिखने को मिलता है शिक्षा का कोई एक रास्ता नहीं होता, असली ताकत होती है लगन और दृष्टिकोण।