7 महीने की प्रेग्नेंसी में उठाया 145 किलो वजन! दिल्ली पुलिस कांस्टेबल ने रचा इतिहास

punjabkesari.in Tuesday, Oct 28, 2025 - 02:06 PM (IST)

नारी डेस्क : कहते हैं अगर मन में लगन और हौसला हो, तो कोई भी मंज़िल मुश्किल नहीं होती। दिल्ली पुलिस की कांस्टेबल सोनिका यादव ने इस कहावत को हकीकत में बदल दिया है। सात महीने की प्रेग्नेंसी में भी उन्होंने वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और सबको चौंकाते हुए 145 किलोग्राम का वजन उठाकर कांस्य पदक (Bronze Medal) जीत लिया।

 7 महीने की प्रेग्नेंसी में 145 किलो का डेडलिफ्ट

आंध्र प्रदेश में आयोजित ऑल इंडिया पुलिस वेटलिफ्टिंग क्लस्टर 2025-26 में दिल्ली पुलिस कांस्टेबल सोनिका यादव ने अपने जज़्बे और हिम्मत से सबको हैरान कर दिया। सात महीने की प्रेग्नेंसी के बावजूद उन्होंने 84+ किलोग्राम कैटेगरी में भाग लेते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के दौरान सोनिका ने 125 किलो का स्क्वाट, 80 किलो की बेंच प्रेस, और 145 किलो का डेडलिफ्ट किया। इस तरह उन्होंने कुल 350 किलोग्राम वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया और इतिहास रच दिया।

प्रेग्नेंसी में भी नहीं छोड़ी ट्रेनिंग

सोनिका यादव ने मई महीने में अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में जाना, लेकिन उन्होंने ठान लिया कि वो अपनी फिटनेस और ट्रेनिंग को नहीं छोड़ेंगी। उनके पति को लगा था कि वह अब जिम नहीं जाएंगी, लेकिन सोनिका ने गर्भावस्था के सातों महीनों में वेटलिफ्टिंग की नियमित प्रैक्टिस जारी रखी। सोनिका बताती हैं कि उन्होंने इंटरनेट पर सर्च करके जाना कि लूसी मार्टिन्स (Lucy Martens) नाम की एक वेटलिफ्टर ने भी प्रेग्नेंसी में वेटलिफ्टिंग की थी। प्रेरित होकर सोनिका ने उनसे इंस्टाग्राम पर संपर्क किया और कुछ जरूरी टिप्स लीं।

पूरे स्टेडियम ने बजाई तालियां

कंपटीशन के दौरान जब सोनिका ने डेडलिफ्ट में 145 किलो वजन उठाया, तो किसी को नहीं पता था कि वो प्रेग्नेंट हैं।
उन्होंने ढीले कपड़े पहने थे और सामान्य तरीके से परफॉर्म कर रही थीं। लेकिन जब बाद में सबको उनकी प्रेग्नेंसी का पता चला, तो पूरा स्टेडियम तालियों से गूंज उठा। अन्य राज्यों की महिला पुलिस अधिकारियों ने सोनिका को गले लगाकर बधाई दी और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं।

दिल्ली पुलिस ने की तारीफ

दिल्ली पुलिस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर सोनिका यादव के इस साहस की सराहना की और लिखा —“हमारी कांस्टेबल सोनिका यादव ने दिखाया कि इच्छाशक्ति और समर्पण से कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। वो सिर्फ एक पुलिसकर्मी नहीं, बल्कि प्रेरणा हैं।”

सोनिका यादव ने साबित कर दिया कि मातृत्व कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत की पहचान है। उनका यह साहसिक कदम उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो जिम्मेदारियों और सपनों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती हैं।


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Content Editor

Monika

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