प्रेग्नेंसी में मेडिटेशन से कम होगा Premature Delivery का खतरा
punjabkesari.in Monday, Feb 25, 2019 - 01:38 PM (IST)
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस, हाई बीपी, कब्ज, खून की कमी, चक्कर आना और नींद ना आना जैसी कई हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है। वहीं कई महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव का शिकार हो जाती है जो बेबी के लिए हानिकारक होता है। बेबी की हेल्थ के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान खुद का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में मेडिटेशन करना अच्छा रहता है। प्रेग्नेंसी के दौरान मेडिटेशन से शारीरिक और मानसिक तौर पर होने वाली प्रॉब्लम्स को कंट्रोल किया जा सकता है। यूं तो मेडिटेशन हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद होता है लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान इसे करने से प्रेग्नेंट महिलाओं को बहुत से लाभ मिल सकते हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाएं
प्रेग्नेंट महिलाओं में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में मेडिटेशन करने से इम्यूनिटी बढ़ती है और इंफेक्शन का खतरा कम होता है। इससे कई बीमारियां दूर रहती हैं और बच्चे की हेल्थ पर बुरा असर बहुत कम पड़ता है।
प्री मैच्योर डिलिवरी का खतरा कम करें
मेडिटेशन से प्रेग्नेंट महिलाओं को हेल्दी प्रेग्नेंसी का आनंद मिलता है। मेडिटेशन शरीर से तनाव को कम करने में मदद करता है और प्री-मैच्योर डिलीवरी के खतरे को कम होता है। यह शरीर के वजन को भी ठीक रखता है।
प्रसव में आसानी
मेडिटेशन प्रसव के दर्द को कम करता है क्योंकि मेडिटेशन करने से शरीर को उचित आराम मिल पाता है। मेडिटेशन के वक्त दिमाग रिलेक्स रहता है जिससे प्रसव के समय भी महिला को दर्द कम महसूस होता है। जो महिला मेडिटेशन करती है उनकी नार्मल डिलीवरी के ज्यादा चांसेस होते है।
स्ट्रेस कम करें
गर्भवती महिला को तनाव से बचना जरूरी होता है। मेडिटेशन ना केवल मानसिक तनाव को कम करता है बल्कि शारीरिक तनाव से बचने में भी मदद करता है। इससे आपको आसानी से नींद लेने में मदद मिलती है। यह गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
मार्निंग सिकनेस
प्रेग्नेंसी में अगर आप रोज मेडिटेशन की आदत डालते हैं तो इससे मार्निंग सिकनेस कम होती है। मेडिटेशन के लिए सुबह-सुबह खुली हवा में 15 मिनट बैठ कर आप मेंटल स्ट्रेस को कम कर सकती हैं और जी मचलाना, चक्कर आना जैसी परेशानियां भी कंट्रोल कर सकती है।