पॉप स्टार जस्टिन बीबर हुए 'लाइम रोग' के शिकार, जानिए क्या है यह बीमारी?
punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2020 - 07:46 PM (IST)
कैनेडियन पॉप सिंगर और सॉन्ग राइटर जस्टिन बीबर अपने गानों के अलावा लुक्स और पर्सनल लाइफ को लेकर भी काफी चर्चा में रहते हैं। मगर, फिलहाल वह अपनी बीमारी को लेकर चर्चा का विषय बने हुए हैं। हाल ही में उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट जरिए खुलाया किया कि वो लाइम रोग (Lyme disease) और मोनोन्यूक्लिओसिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।
'लाइम डिजीज' से परेशान हैं जस्टिन
जस्टिन ने कहा, 'बहुत सारे लोग यह कह रहे थे कि जस्टिन बीबर बहुत गंदे नजर आ रहे हैं, वे यह नहीं देख पाए कि मैं बीमार हूं। हाल ही में मेरी बॉडी में लाइम डिजीज पाया गया है। सिर्फ यह नहीं बल्कि क्रॉनिक मोनो का भी सीरियस केस था जिस कारण मेरी स्किन, दिमाग, बॉडी एनर्जी और ओवरऑल हेल्थ प्रभावित हुई।'
आगे वह कहते हैं कि पिछले कुछ साल मेरे लिए मुश्किल रहे लेकिन मैं सही ट्रीटमेंट से जल्द ही इस लाइलाज बीमारी से निजात पा लूंगा। इससे छूटकारा पाने के बाद मैं जल्द ही वापस आऊंगा।'
क्या है लाइम रोग (Lyme Disease)?
बता दें कि लाइम डिसीज बोरेलिया बर्गडॉर्फी बैक्टीरिया के कारण होने वाला संक्रमक रोग है, जो इंफेक्टेड ब्लैकलेग्ड टिक्स, हिरण, भेड़, कुत्ते, पक्षियों या चूहों के काटने या संपर्क में आने से इंसानों में फैलता है। इस बैक्टीरिया का असर त्वचा पर कम से कम 36 घंटे बाद दिखाई देता है।
किन लोगों को होता है अधिक खतरा?
जंगली क्षेत्रों अधिक समय रहने वाले लोगों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। वहीं पालतू जानवरों के साथ रहने वाले लोग भी लाइम रोग की चपेट में आ सकते हैं। अगर लाइम डिजीज को समय रहते पहचानकर इसका ट्रीटमेंट ना किया जाए तो पेशंट को आगे चलकर न्यूरॉलजिक, कार्डिएक और रेयूमेटॉलजिक जैसी बीमारियां घेर सकती हैं।
लाइम रोग के लक्षण
यह बीमारी इसलिए भी खतरनाक मानी जा रही है क्योंकि इसके लक्षण बिल्कुल सामान्य है जैस थकान, जोड़ों में दर्द व सूजन, मांसपेशियों में ऐंठन, सिरदर्द, बुखार, नींद ना आना, एक्रागता की कमी, लिम्फ नोड्स में सूजन, त्वचा पर चकत्ते पड़ा आदि।
लाइम रोग का इलाज
डॉक्टर्स संक्रमण को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का 10- से 14 दिन का एक कोर्स करवाते है। वहीं इंट्रावेनस (IV) एंटीबायोटिक दवाओं का यूज कुछ प्रकार के लाइम रोग के लिए किया जाता है, जिसका पूरा कोर्स आमतौर पर 14-28 दिनों का होता है।
चलिए आपको बताते हैं कि इस बीमारी से बचने के लिए आपको क्या-क्या करना चाहिए...
. सबसे पहले तो घर या बाहर पार्क की घास में बैठते समय कोई कपड़ा बिछा लें।
. किसी जंगली एरिया या पार्क से घर आने के बाद 2 घंटे के अंदर नहा लें।
. किसी जानवर को छूने के बाद हाथ-पैर अच्छी तरह धोएं।
. घर से बाहर जाते समय बॉडी को अच्छी तरह कवर कर लें।
. बरसात के मौसम में कीडों और जानवरों से दूर रहें।
. अगर ऊपर दिए लक्षणों में से कोई संकेत दिखाई दे तो तुरंत ब्लड टेस्ट करवाएं।
आप कुछ सावधानियां बरतकर और समय-समय पर टेस्ट करवाकर भी इस बीमारी को फैलने से रोक सकते हैं।