सिर्फ Liver नहीं आपका दिल भी हो सकता है Fatty? कारण, लक्षण और बचाव भी जानिए

punjabkesari.in Thursday, Apr 10, 2025 - 02:57 PM (IST)

 नारी डेस्क: आजकल के खानपान और जीवनशैली में बदलाव के कारण फैटी लिवर एक आम समस्या बन चुकी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हार्ट भी फैटी हो सकता है? जी हां, आपके दिल में भी फैट जमा हो सकता है, जो दिल के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। इसे एपिकार्डियल फैट एक्युमुलेशन (Epicardial Fat Accumulation) कहा जाता है। आइए जानते हैं इस समस्या के बारे में विस्तार से।

फैटी हार्ट (Fatty heart ) क्या होता है?

फैटी हार्ट उस स्थिति को कहा जाता है जब दिल के आसपास या उसके अंदर अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है। यह फैट धीरे-धीरे दिल के सामान्य कामकाज को प्रभावित करता है और इसके परिणामस्वरूप हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर, और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। यह समस्या उतनी ही खतरनाक हो सकती है जितनी कि फैटी लिवर।

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हार्ट में फैट जमा होने के कारण

हार्ट में फैट जमा होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण 

मोटापा (Obesity)

जब शरीर का वजन बढ़ता है, तो शरीर में चर्बी का जमा होना स्वाभाविक है, और यह फैट सिर्फ पेट या जांघों में ही नहीं, बल्कि दिल में भी जमा हो सकता है। मोटापे के कारण एपिकार्डियल फैट (दिल के आसपास फैट) का जोखिम बढ़ता है। यह फैट धीरे-धीरे दिल के कामकाज को प्रभावित करता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर, दिल की धड़कन की अनियमितता और अन्य कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मोटापे के कारण हार्ट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, स्वस्थ वजन बनाए रखना दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

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अनहेल्दी डाइट (Unhealthy Diet)

हमारे आहार में तला-भुना, जंक फूड और वसायुक्त खाना शामिल होने से न केवल वजन बढ़ता है, बल्कि यह दिल में फैट जमा करने का भी एक बड़ा कारण बनता है। ऐसे खाद्य पदार्थ शरीर में अतिरिक्त कैलोरी और फैट का सेवन कराते हैं, जो बाद में दिल के आसपास जमा हो जाते हैं। अधिक कोलेस्ट्रॉल और ट्रांस फैट वाले भोजन का सेवन भी दिल की सेहत के लिए हानिकारक है। इसके कारण, रक्त में फैट का स्तर बढ़ सकता है, जिससे दिल की धमनियों में ब्लॉकेज होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इस कारण, हमें संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार की आवश्यकता होती है, जिसमें ताजे फल, सब्जियां और हेल्दी फैट्स शामिल हों।

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कम शारीरिक  एक्टिविटी (Sedentary Lifestyle)

आजकल की जीवनशैली में शारीरिक गतिविधि की कमी और एक स्थायी जीवनशैली (Sedentary Lifestyle) एक महत्वपूर्ण कारण बन गई है, जिससे दिल में फैट जमा हो सकता है। यदि आप अधिकतर समय बैठकर काम करते हैं, जैसे ऑफिस में घंटों तक कंप्यूटर पर काम करना या टीवी देखने जैसी आदतें, तो आपके शरीर का मेटाबोलिज्म धीमा पड़ सकता है। यह शरीर में अतिरिक्त फैट जमा होने का कारण बनता है, जो अंततः दिल में जमा होने लगता है। शारीरिक सक्रियता की कमी से रक्त संचार भी सही तरीके से नहीं होता, जिससे फैटी हार्ट की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट तक शारीरिक गतिविधि करना आवश्यक है।

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डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल (Diabetes and High Cholesterol)

डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल दो ऐसी स्थितियां हैं जो सीधे तौर पर दिल की सेहत पर असर डालती हैं। डायबिटीज की स्थिति में शरीर में इंसुलिन का असंतुलन होता है, जिससे ब्लड शुगर बढ़ जाता है, और इसके कारण दिल में फैट जमा होने की संभावना बढ़ जाती है। दूसरी ओर, हाई कोलेस्ट्रॉल रक्त में एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को बढ़ाता है, जो दिल की धमनियों में जमकर ब्लॉकेज का कारण बन सकता है। अगर इन दोनों स्थितियों का इलाज समय पर न किया जाए तो दिल में फैट जमा हो सकता है, जिससे हार्ट अटैक और अन्य गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसीलिए, अगर आपको डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो नियमित रूप से इनका इलाज कराना बेहद जरूरी है।

स्मोकिंग और शराब का सेवन (Smoking and Alcohol Consumption)

स्मोकिंग और शराब का अत्यधिक सेवन दिल की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। स्मोकिंग के कारण शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर कम हो जाता है, जिससे दिल की धमनियां संकुचित हो सकती हैं और रक्त का संचार कम हो जाता है। इसके अलावा, धूम्रपान से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ता है, जिससे फैटी हार्ट की समस्या उत्पन्न हो सकती है। शराब के अत्यधिक सेवन से भी शरीर में वसा का जमाव बढ़ता है, खासकर पेट के आसपास और दिल में। इससे न केवल दिल में फैट जमा होता है, बल्कि यह रक्तचाप को भी प्रभावित करता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है। इसलिए, इन आदतों से दूर रहना दिल की सेहत के लिए जरूरी है।

फैटी हार्ट के लक्षण

फैटी हार्ट की शुरुआत में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते। लेकिन जैसे-जैसे यह समस्या बढ़ती है, आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हो सकते हैं:

सीने में भारीपन या दबाव (Chest Pressure): दिल के पास चर्बी जमा होने से सीने में भारीपन महसूस हो सकता है।

जल्दी थकान (Fatigue): शारीरिक रूप से जल्दी थकान महसूस होना।

सांस में तकलीफ (Shortness of Breath): हार्ट में फैट जमा होने से सांस लेने में मुश्किल हो सकती है।

धड़कन तेज़ या अनियमित होना (Irregular Heartbeat): दिल की धड़कन तेज़ या असामान्य हो सकती है।

हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल (High Blood Pressure or Cholesterol): इन समस्याओं का बढ़ना भी फैटी हार्ट का संकेत हो सकता है।

कैसे पता चलेगा कि आपका दिल फैटी हो चुका है?

अगर आपको लगता है कि आपके दिल में फैट जमा हो सकता है, तो आप इन मेडिकल टेस्ट्स से यह जान सकते हैं:

ईसीजी (ECG): यह टेस्ट दिल की इलेक्ट्रिकल गतिविधि को मापता है और आपको दिल की समस्या का पता लगाने में मदद करता है।

इकोकार्डियोग्राफी (Echo): यह टेस्ट दिल के आकार और उसके कामकाज को मापता है।

MRI या CT Scan: इन स्कैन के माध्यम से दिल के आसपास की चर्बी का पता लगाया जा सकता है।

ब्लड रिपोर्ट्स (Blood Reports): लिपिड प्रोफाइल, ब्लड शुगर, और कोलेस्ट्रॉल की रिपोर्ट्स से भी दिल की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

फैटी हार्ट से कैसे बचें?

फैटी हार्ट से बचने के लिए आपको अपनी दिनचर्या और खानपान में कुछ बदलाव करने होंगे। यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:

हेल्दी डाइट अपनाएं (Healthy Diet): अपनी डाइट में बदलाव करें और तला-भुना, जंक फूड को कम करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, फल और सब्जियां ज्यादा खाएं।

शारीरिक सक्रियता (Physical Activity): हर रोज़ कम से कम 30-45 मिनट तक वॉक या एक्सरसाइज करें। योग और मेडिटेशन को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें (Control Cholesterol and Blood Pressure): अगर आपको उच्च रक्तचाप या कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह लें और दवाइयों का सही तरीके से सेवन करें।

स्मोकिंग और शराब से बचें (Avoid Smoking and Alcohol): इन दोनों आदतों से दिल पर बहुत बुरा असर पड़ता है, इसलिए इन्हें अपनी जिंदगी से बाहर करें।

फैटी हार्ट एक गंभीर समस्या है, लेकिन अगर आप समय रहते इसका इलाज और बचाव कर लें, तो इसे रोका जा सकता है। हेल्दी डाइट, नियमित शारीरिक गतिविधि और जीवनशैली में बदलाव करके आप अपने दिल को स्वस्थ और फैट-फ्री रख सकते हैं। अपनी सेहत का ध्यान रखें और किसी भी समस्या के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

यदि आप और जानकारी चाहते हैं या इस पर कोई सवाल पूछना चाहते हैं, तो कृपया बताएं।
 

 


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Content Editor

Priya Yadav

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