देवप्रयाग पुलिस की अनोखी पहल, शादी में दुल्हन करेगी शराब का विरोध तो मिलेंगा इनाम
punjabkesari.in Monday, Mar 01, 2021 - 11:50 AM (IST)
शराब की लत अच्छे-अच्छे घरों को बर्बाद कर देती है लेकिन फिर भी भारत में शादी-ब्याह सहित कोई भी कार्यक्रम शराब के बिना पूरा ही नहीं होता। अगर लड़की वाले शादी में शराब का इंतजाम ना करवाएं तो लड़के वाले बखेड़ा खड़ा कर देते हैं। सदियों से चली आ रही इस परंपरा के कारण कई बार तो बात झगड़े तक पहुंच जाती है। ऐसे में 'शराब पार्टी' को रोकने के लिए उत्तराखंड, देवप्रयाग जिले की पुलिस ने एक अनोखा तरीका निकाला है।
उत्तराखंड पुलिस ने शुरू की अनोखी पहल
दरअसल, जिले की पुलिस ने शादी-ब्याह में शराब पर लगाम लगाने के लिए एक अनोखी पहल शुरु की है, जिसका नाम "भुली कन्यादान" रखा गया है। इसके तहद अगर दुल्हन शादियों में चलने वाले शराब का विरोध करेगी तो उसे 10 हजार रु तोहफा के रूप में दिए जाएंगे।
अपने वेतन से पुलिस देगी इनाम
बता दें कि इस योजना में शराब का विरोध करने पर दुल्हन को यह इनाम कन्यादान के तौर पर दिया जाएगा, जिसका खर्च पुलिस अपने वेतन से अदा करेगी। पुलिस स्टेशन के महिपाल रावत ने कहा कि यह कदम क्षेत्र के लोगों से बात करके शुरू किया गया है, जिसमें थाना क्षेत्र के 101 गांव शामिल है। वहीं, जिले के अलग-अलग गांवों के ग्राम प्रधानों ने भी पुलिस की इस योजना का स्वागत किया। पुलिस का यह कदम उन तमाम घटनाओं पर रोक लगाने के लिए है, जिसका कारण 'शराब पार्टी' है।
इस पहल से हर लड़की होगी प्रेरित
देवप्रयाग पुलिस का यह कदम एक सकारात्मक भारत की पहली पहल है। अगर शादी में एक दुल्हन भी हिम्मत करके शराब का विरोध करती हैं तो उससे देश की बाकी लड़कियां भी प्रेरित होगी। शराब से ना सिर्फ धन की बर्बादी, लड़ाई-झगड़े होते हैं बल्कि यह सेहत के लिए भी हानिकारक है।
लड़ाई-झगड़े का सबसे बड़ा कारण अल्कोहल
पुलिस का दावा है कि शराब ना सिर्फ लड़ाई-झगड़े का कारण है बलकि इससे जिले का लॉ एंड ऑर्डर भी बिगड़ता है. मार्च 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शराब की दुकानें बंद करवाने के लिए क्षेत्र की महिलाओं ने प्रदर्शन किया था, क्योंकि नौजवानों में शराबखोरी के मामले काफी बढ़ रहे हैं।
शराब... एक सामाजिक बुराई के रुप में अपने पैर पसार रही हैं। सिर्फ छोटे गांव ही नहीं बल्कि शहरों में भी वर और वधु पक्ष की तरफ से भी कॉकटेल पार्टियों के नाम पर शराब पी जाती है। कुछ लड़कियां चाहकर भी इसका विरोध नहीं कर पाती। ऐसे में पुलिस का यह कदम लोगों को जागरूक करने में मदद कर सकता है।