समय के साथ रिश्तों का बदलता रूप

punjabkesari.in Monday, Jul 06, 2020 - 11:42 AM (IST)

शास्त्रों में कहा गया है कि दुखी परिवार नर्क है और सुखी परिवार स्वर्ग। मगर, आज के समय में परिवार से रिश्ते ही गायब होते जा रहे हैं। जितनी तेजी से समय बदल रहा उतनी ही तेजी से बदल रहे हैं रिश्ते। एक समय था जब परिवार के सभी सदस्य एक छत के नीचे रहते थे लेकिन आजकल जिंदगी बिल्डिंग के एक छोटे से फ्लैट में सिमट कर रह गई है।

न्यूक्लियर फैमिली में रहना पसंद करते हैं लोग

पहले के समय में घर का आंगन दादा-दादी, चाचा-चाची, ताया-ताई जैसे कई रिश्तों से भरा रहता था। मगर, आजकल ज्यादातर लोग न्यूक्लियर फैमिली में रहना पसंद करते हैं इसलिए ज्यादातर लोग तो अलग भी होते जा रहे हैं। नौबत तो यहां तक आ पहुंची है कि आजकल के लोग अपने भाई के साथ भी छत बांटना नहीं चाहते। आजकल लोगों के लिए रिश्तों का कोई खास महत्व नहीं रह गया।

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न्यूक्लियर फैमिली से डिप्रेशन का खतरा

मगर, जितनी तेजी से लोग संयुक्त परिवार से अलग न्यूक्लियर फैमिली में रहने लग गए हैं उतनी ही तेजी से डिप्रेशन, तनाव, एंग्जायटी जैसी मानसिक बीमारियां भी बढ़ी हैं। मानसिक असुरक्षा, अकेलेपन और मन की बात शेयर ना होने की वजह से करीब 60% भारतीय ऐसी ही मानसिक बीमारियों की चपेट में भी आ जाते हैं।

सिर्फ महिलाएं ही नहीं जिम्मेदार

अक्सर लोगों को लगता है कि परिवार से अलग होने की वजह सिर्फ औरतें ही होती हैं जबकि ऐसा नहीं है। कुछ मामलों में पुरुष भी अपने परिवार के साथ बंदिशों में रहना पसंद नहीं करते और अलग हो जाते हैं। वहीं कुछ पुरुष नौकरी के लिए किसी ओर शहर में जाते हैं और फिर वहीं बस जाते हैं। ऐसे में परिवार के अलग होने का कारण सिर्फ महिलाओं को मानना सही नहीं है।

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बच्चों पर भी पड़ता है असर

एकल परिवार में बच्चों को लाड़-प्यार मिलने की वजह से वो जिद्दी हो जाता हैं। मगर, ज्वाइंट फैमिली में उन्हें बड़ों का प्यार व संस्कार, बुजुर्गों का अनुभव मिलता हैं, जो आप उन्हें अकेले नहीं दे सकते।

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भले ही आप अपने परिवार से अलग रहते हो लेकिन कहीं ना कहीं आपको उनकी कमी भी जरूर खलती है। जरा सोचिए... ज्वाइंट फैमिली के साथ त्यौहार सेलिब्रेट करने का मजा आप अकेले उठा सकते हैं। वहीं ज्वाइंट फैमिली में दुख-सुख सांझा करने के इतने लोग होते हैं कि आपको कोई भी मुसीबत बड़ी ही नहीं लगती। फिर आखिर क्यों... लोगों इतने खूबसूरत रिश्तों को छोड़ अलग रहने का फैसला कर लेते हैं। अगर परिवार में अहंकार और ईर्ष्या रहेगी तो रिश्ते टूटेंगे ही। ऐसे में अगर भी अपने खूबसूरत रिश्तों को खोना नहीं चाहते तो अहंकार और ईर्ष्या त्याग दें। आपका एक कदम आपके रिश्तों को बचा सकता है।

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Content Writer

Anjali Rajput

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