अगर आप सिंगल मदर हैं तो यूं रखें अपने बच्चों का ख्याल

punjabkesari.in Monday, Jun 21, 2021 - 05:31 PM (IST)

सिंगल मदर होना एक बड़ी चुनौती है। ये वर्ड सुनने में जितना कूल लगता है, उतना ही ये जिम्मेदारी भरा भी है। आज के मॉडर्न दौर में कई ऐसी महिलाएं मिल जाएंगी जो तलाक के बाद या फिर पति के निधन के बाद सिंगल मदर के तौर पर अपने बच्चे की परवरिश कर रही हैं। उनके कंधों पर मां और बाप दोनों की जिम्मेदारी है। इसलिए सिंगल मदर को कई बातों का ध्यान रखने की खास जरूरत है। आज हम आपको सिंगल मदर के लिए पेरैंटिंग टिप्स बता रहे हैं—

रहें पॉजिटिव

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सिंगल मॉम्स के लिए हमेशा पॉजिटिव रहना जरूरी है। कठिन से कठिन परिस्थिति में उन्हें धैर्य बनाए रखना है और नकारात्मकता से दूर रहना है। तभी वे अपने बच्चे को अच्छी परवरिश और बेहतर जिंदगी दें पाएंगी।

बच्चे को दें समय

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सिंगल मदर को घर और ऑफिस अकेले ही संभालना होता है। ऐसे में बच्चे के लिए समय निकालना मुश्किल हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे सिचुएशन कैसी भी हो बच्चे को समय देना जरूरी है। इसलिए दिनभर में थोड़ा-सा समय ऐसा जरूर निकालें जो आपका और आपके बच्चों का हो।

बनाएं बॉन्डिंग

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सिंगल मॉम्स को अपने बच्चे को मां और बाप दोनों का प्यार देना होता है। ऐसे में आपकी अपने बच्चे के साथ बॉन्डिंग होनी जरूरी है। बच्चे के साथ बॉन्डिंग बनाने के लिए उसे खूब सारा प्यार करें, उससे बातें करें, खेलें और हो सके तो उससे दोस्त जैसा रिश्ता बनाने की कोशिश करें। जिससे वह अपने मन की हर बात बेझिझक आपसे कह सके।

खलने न दें पिता की कमी

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अकेली मां के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है कि बच्चे को पिता की कमी खलने न दें। इसलिए जरूरी है कि आप बच्चे को माता-पिता, दोनों का प्यार दें। उन सभी जरूरी कामों को करने की पूरी कोशिश करें जो एक पिता अपने बच्चे के लिए करता है।  जैसे- बच्चे को आउटिंग पर ले जाना, क्रिकेट आदि जैसी गेम  खेलना और पिकनिक पर जाना।

ट्रैडीशन फॉलो करें और करवाएं

बच्चों को ट्रैडीशन और कल्चर से जोड़े रखना बहुत जरूर है। इसलिए उन्हें पारिवारिक रीति-रिवाज और परंपराओं के बारे में बताएं। जैसे-होली-दीवाली, राखी जैसे त्यौहार उनके साथ मनाएं। उनके महत्व के बारे में बताएं।

हर एक्टिविटी में दें साथ

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मां को चाहिए कि वह बच्चे की हर एक्टिविटी में उसका साथ दे जैसे- जब वह ड्राइंग कर रहा हो, कोई चार्ट बन रहा हो या फिर स्कूल होम वर्क कर रहा हो। बच्चे के हर छोटे-छोटे काम में शामिल होने की कोशिश करें। हो सके तो उसके साथ मिलकर उस काम को करें।

न करें ये काम

-काम की टैंशन का बच्चों पर न पड़ने दें असर
-ऑफिस का काम ऑफिस में ही छोड़कर आएं
-गुस्से पर करें कंट्रोल
-बच्चे की गलती पर डांटे नहीं, प्यार से समझाएं
-फिजूल खर्ची से बचें
-दूसरों का सहारा न ढूंढें, खुद ही उठाएं जिम्मेदारी


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News Editor

Shiwani Singh

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