एक-दो नहीं इन 4 तरीकों से किडनी पर अटैक कर सकती है पथरी, पानी ही है Stone का सबसे बड़ा दुश्मन
punjabkesari.in Thursday, Mar 13, 2025 - 05:14 PM (IST)

नारी डेस्क: किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) एक आम समस्या है, जिससे हर 10 में से 1 व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी न कभी प्रभावित होता है। अगर एक बार किडनी स्टोन हो जाए, तो इसके दोबारा होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। वहीं बहुत कम लोग जानते हैं कि गुर्दे की पथरी कितने प्रकार की होती है। हालांकि किडनी स्टोन का इलाज करने के लिए इसके होने का या प्रकार के बारे में सही जानकारी होना जरूरी है। World Kidney Day पर जानते हैं किडनी स्टोन के प्रकार, कारण और उपचार के बारे में विस्तार से।

किडनी स्टोन के 4 प्रमुख प्रकार
कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन: यह सबसे प्रकार 80% मरीज इस समस्या से परेशान है। यह स्टोन ऑक्सालेट और कैल्शियम के मेल से बनता है। खराब डाइट, कम पानी पीना और विटामिन D की अधिकता इसकी प्रमुख वजहें हैं। इससे बचने के लिए ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पालक, चॉकलेट, नट्स और चाय सीमित करें। भरपूर पानी पिएं और सोडियम व प्रोटीन का संतुलन रखें।
यूरिक एसिड स्टोन: यह गंभीर समस्या है,इसमें स्टोन यूरिक एसिड की अधिकतासे बनता है, जो मांस, मछली और शराब के अधिक सेवन से बढ़ता है। यह समस्या गठिया (Gout) या मेटाबोलिक सिंड्रोम वाले लोगों में ज्यादा देखी जाती है। इसे बचने के लिए प्रोटीन युक्त आहार (रेड मीट, सी फूड) सीमित करें। अधिक पानी पिएं और यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल में रखें।
स्ट्रुवाइट स्टोन: यह मूत्र संक्रमण (UTI) से संबंधित स्टोन होता है जो मुख्य रूप से महिलाओं में पाया जाता है, जो बैक्टीरियल इंफेक्शन का कारण बनता है। यह तेजी से बढ़ता है और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। इसका सही इलाज यही है कि यूरिनरी इंफेक्शन (UTI) को जल्द से जल्द ठीक करें।
सिस्टीन स्टोन (Cystine Stones):यह दुर्लभ और अनुवांशिक (Genetic) कारणों से होने वाला स्टोन है। यह Cystinuria नामक जेनेटिक बीमारीके कारण बनता है। इसमेंअमीनो एसिड (Cystine) का मूत्र में अधिक उत्सर्जन होता है, जिससे पथरी बनती है। इससे बचने के लिए प्रोटीन और सोडियम का सेवन सीमित करें। भरपूर पानी पिएं ताकि Cystine का उत्सर्जन कम हो।

किडनी स्टोन का उपचार
छोटी पथरी (5mm से कम) होने पर दवाओं और अधिक पानी पीने से यह अपने आप निकल सकती है। डॉक्टर पेनकिलर और यूरिन को पतला करने वाली दवाएं दे सकते हैं। छोटे और मध्यम आकार के स्टोन (5mm से 20mm तक) के लिए शॉक वेव थेरेपी सबसे लोकप्रिय इलाज है। एक्सट्राकॉर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (ESWL) तकनीक में शॉक वेव्स की मदद से स्टोन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है, जो बाद में यूरिन के साथ बाहर निकल जाते हैं। यह सर्जरी रहित, कम दर्द वाला और प्रभावी इलाज है। अगर स्टोन बड़ा हो या मूत्र नली में फंसा हो, तो यूरोस्कोप के जरिए इसे निकाल दिया जाता है। यह लेजर तकनीक से स्टोन को तोड़कर बाहर निकालने की प्रक्रिया है। जब स्टोन 20mm से बड़ा हो और अन्य तरीकों से न निकले, तो पीसीएनएल सर्जरी (PCNL - Percutaneous Nephrolithotomy) सर्जरी की जाती है। इसमें छोटा चीरा लगाकर किडनी से स्टोन निकाला जाता है।
पानी के फायदे
किडनी का मुख्य कार्य खून को फिल्टर करना और शरीर से विषैले तत्वों (toxins) को बाहर निकालना होता है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो ये विषैले तत्व पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाते और धीरे-धीरे क्रिस्टल (calcium, oxalate, uric acid) के रूप में जमा होकर पथरी का रूप ले लेते हैं। पर्याप्त पानी पीने से यह क्रिस्टल घुलकर आसानी से यूरिन के साथ बाहर निकल जाते हैं और पथरी बनने का खतरा कम हो जाता है। अगर छोटी पथरी बन चुकी है, तो ज्यादा पानी पीने से वह धीरे-धीरे घुलकर यूरिन के जरिए बाहर निकल सकती है। किडनी स्टोन के कारण यूरिन पास करते समय जलन और दर्द हो सकता है। पानी अधिक मात्रा में पीने से यह समस्या कम होती है।
पथरी से बचने के लिए कितना पानी पिएं?
सामान्य व्यक्ति को दिनभर में 2.5 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। अगर आपको पहले से किडनी स्टोन हो चुका है, तो 3-4 लीटर पानी पीना फायदेमंद रहेगा। पानी के अलावा *नारियल पानी, नींबू पानी और हर्बल टी भी फायदेमंद होते हैं। ध्यान रखें कि पूरे दिन थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी पिएं, एक साथ ज्यादा पानी न पिएं। ज्यादा ठंडा या बर्फ वाला पानी न पिएं, यह किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। खाना खाने के तुरंत बाद बहुत ज्यादा पानी न पिएं, इससे पाचन प्रभावित हो सकता है।