पीरियड्स पर ज्ञान बांटना पाकिस्तानी प्रोड्यूसर को पड‍़ा उल्टा, महिला ने पूछ लिया पर्सनल सवाल

punjabkesari.in Monday, Mar 28, 2022 - 04:25 PM (IST)

मासिक धर्म शर्म की नहीं, गर्व की बात है...हमारा समाज ​जितना स्वच्छ और सुरक्षित पुरुषों के लिए है उतना महिलाओं के लिए नहीं है। ​आज भी मासिक धर्म के बारे में जानकारी की कमी और गलत धारणाओं के कारण लड़कियों से भेदभाव किया जाता है। उन्हे बार- बार  कलंक और शर्मिंदगी का एहसास कराया जाता है। हालांकि पिछले कुछ सालों से  पीरियड्स को लेकर खुलकर बात की जाने लगी है,  पाकिस्तान के मशहूर म्यूजिक प्रोड्यूसर ने भी इस पर अपने विचार रखने की कोशिश की जो उन पर उलटा पड़ गया। 

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औरतों को पसंद नहीं आया प्रोड्यूसर का ज्ञान


हम बात कर रहे हैं म्यूजिक प्रोड्यूसर रोहैल हयात की, जिन्होंने हाल ही में  एक के बाद एक ट्वीट कर पीरियड्स को लेकर ज्ञान बांटा जो औरतों को पसंद नहीं आया। दरअसल  ट्विटर पर कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान होने पर बदलाव पर बातें कर रही थी, तभी रोहैल ने इस ममाले में कूदते हुए अपनी राय दी। एक महिला यूजर ने लिखा था, हम महिलाओं के जीवन में हार्मोन्स के कारण होने वाले मेंटल और इमोशनल बदलावों पर बात नहीं करते हैं. यह काफी डरावना है कि मैं कुछ केमिकल्स की वजह से रो रही हूं लेकिन फिर से इससे लड़ने के लिए कुछ कर नहीं सकती हूं। 

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 ट्विटर पर दी अपनी राय 

इस ट्वीट पर  म्यूजिक प्रोड्यूसर ने लिखा- इस उदासी और दर्द के पीछे के मनोवैज्ञानिक कारणों को समझना और महसूस करना बेहद जरूरी है. मानव जाति का स्वभाव है कि वह हमेशा अपने अस्तित्व को मजबूत करना चाहता है. ऐसे में पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में बनने वाले एग्स का बर्बाद होना उदासी का भाव जगाता है। ऐसे में इस प्रक्रिया को स्वीकार करना ही महिलाओं को इस दुख से लड़ने में मदद कर सकता है।

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रोहैल को ट्रोल कर रहे लोग 

इस ट्वीट के बाद  रोहैल को जमकर ट्रोल किया गया। एक यूजर ने लिखा- किसी पुरुष का महिलाओं को पीरियड्स के बारे में ज्ञान देना सबसे ज्यादा हास्यास्पद है। इसके जवाब में रोहैल ने लिखा, क्यों नहीं? महिलाएं शिकायत करती हैं कि पुरुष महिलाओं की दिक्कतों को नहीं समझते हैं लेकिन जब कोई इसकी परवाह कर रहा है तो आप उस पर हमला कर रही हैं। 

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प्रोड्यूसर ने अपने ट्वीट पर दी सफाई


प्रोड्यूसर ने अपने ट्वीट पर सफाई देते हुए लिखा- मैं दर्द के मनोवैज्ञानिक पहलू की बात कर रहा हूं। हर दर्द को शांत दिमाग से सहा जा सकता है। जब आप किसी समस्या को स्वीकार कर लेते हैं तो आपको मानसिक सुकून मिल जाता है। स्वीकार्यता किसी भी अनुभव का गुलाम बनने के बजाय उस पर नियंत्रण करना सिखा देती है। इस बीच एक महिला ने तो उनसे यह ही पूछ डाला कि- क्या उनके पास यूट्रस है? इस पर रोहैल ने जवाब दिया- 'नहीं लेकिन हम सभी वहीं से आए हैं। ऐसे बयानों के लिए उन्हे महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़रहा है। 
 


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Content Writer

vasudha

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