दांत और मसूड़ों के कारण भी महिलाओं को हो सकता है माइग्रेन, हर किसी को नहीं होती इसकी जानकारी
punjabkesari.in Wednesday, Apr 09, 2025 - 06:45 PM (IST)

नारी डेस्क: क्या आप माइग्रेन के सिरदर्द और शरीर में दर्द से पीड़ित हैं? एक अध्ययन के अनुसार, इसके लिए अपने खराब मौखिक स्वास्थ्य oral health को दोष दें। बहुत से लोग इस बात से अनजान होते हैं कि मौखिक स्वास्थ्य यानी दांत और मसूड़ों की सेहत का असर सिर्फ मुंह तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि यह पूरे शरीर पर गहरा प्रभाव डालता है खासकर महिलाओं में, जहां हार्मोनल बदलाव, प्रेग्नेंसी, पीरियड्स और मेनोपॉज का असर भी इसमें शामिल होता है। नीचे विस्तार से समझते हैं कि खराब मौखिक स्वास्थ्य महिलाओं में दर्द, माइग्रेन और अन्य समस्याओं को कैसे बढ़ाता है:

67 महिलाओं की हुई जांच
शोध में न्यूजीलैंड की 67 महिलाओं के समूह में स्व-रिपोर्ट किए गए मौखिक स्वास्थ्य, मौखिक माइक्रोबायोम और विभिन्न दर्द प्रस्तुतियों के बीच संबंधों की जांच की गई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संकाय की मुख्य जांचकर्ता एसोसिएट प्रोफेसर जोआना हार्नेट ने कहा- "यह मौखिक स्वास्थ्य, मौखिक माइक्रोबायोटा और फाइब्रोमायल्जिया से पीड़ित महिलाओं में आमतौर पर अनुभव किए जाने वाले दर्द की जांच करने वाला पहला अध्ययन है, हमारे अध्ययन में खराब मौखिक स्वास्थ्य और दर्द के बीच एक स्पष्ट और महत्वपूर्ण संबंध दिखाया गया है।" शोधकर्ता नियमित मौखिक स्वच्छता नियुक्तियों और दंत स्वास्थ्य जांच की सलाह देते हैं, साथ ही दिन में दो बार दांतों को ब्रश करने और फ़्लॉसिंग करने की भी सलाह देते हैं।
ओरल इंफेक्शन से क्यों होता है दर्द और माइग्रेन
अगर दांतों या मसूड़ों में संक्रमण (infection) है, तो शरीर में क्रॉनिक सूजन (chronic inflammation) की स्थिति बन सकती है। यह सूजन शरीर के दूसरे हिस्सों में भी पहुंच सकती है, जिससे पीठ, गर्दन और सिरदर्द जैसी समस्याएं होती हैं। TMJ डिसऑर्डर (Temporomandibular Joint Disorder) जबड़ों का सही से काम न करना दांतों की गलत बनावट या दांत पीसने से होता है। इसका सीधा असर सिर और गर्दन की मांसपेशियों पर पड़ता है और इससे माइग्रेन जैसा सिरदर्द हो सकता है।
हार्मोनल बदलाव और मसूड़ों की बीमारियां
महिलाओं में हार्मोन के कारण मौखिक स्वास्थ्य अधिक प्रभावित होता है, जैसे-पीरियड्स के दौरान मसूड़े सूज जाते हैं, दर्द होता है और रक्तस्राव भी हो सकता है। मेनोपॉज के बाद मुंह सूखने लगता है, जिससे बैक्टीरिया बढ़ते हैं और संक्रमण होता है। इन सभी का असर शरीर में थकान, बदन दर्द और सिरदर्द के रूप में दिखाई देता है। जब दांत या मसूड़े खराब होते हैं, तो रात में दर्द और बेचैनी होती है, जिससे नींद खराब होती है। नींद की कमी और लगातार दर्द से तनाव और माइग्रेन बढ़ते हैं। ओरल इंफेक्शन के बैक्टीरिया खून में घुलकर शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंच सकते हैं। इससे जोड़ों का दर्द (joint pain), शरीर की अकड़न, और यहां तक कि हृदय रोग तक का खतरा बढ़ सकता है।
महिलाओं के लिए सुझाव
- हर 6 महीने में डेंटल चेकअप ज़रूर करवाएं ।
-प्रेग्नेंसी के दौरान ओरल हाइजीन का खास ख्याल रखें।
-ब्रशिंग, फ्लॉसिंग, माउथवॉश को रोज़ाना की आदत बनाएं।
-अगर बार-बार सिरदर्द या माइग्रेन हो रहा है, तो डेंटल कारण भी चेक कराएं।
-हार्मोनल बदलाव के समय (जैसे पीरियड्स, मेनोपॉज) में अपने डेंटिस्ट से सलाह लें।