तीन साल बिना रुके आते रहे पीरियड्स, महिला की हालत देख डॉक्टर भी हुए हैरान, सामने आई चौंकाने वाली कंडीशन
punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 12:59 PM (IST)

नारी डेस्क: हर महिला को अपने जीवन में हर महीने पीरियड्स का सामना करना पड़ता है। इस दौरान थकावट, पेट दर्द, मूड स्विंग्स और उल्टी जैसी समस्याएं होना आम बात है। लेकिन सोचिए अगर यह पीरियड्स एक या दो दिन नहीं, बल्कि लगातार 1000 दिनों तक चले तो? ऐसा ही हुआ अमेरिका की एक महिला पोपी के साथ। पोपी ने हाल ही में एक वीडियो के ज़रिए बताया कि वह लगभग तीन सालों से बिना रुके पीरियड्स झेल रही हैं। यह कोई साधारण समस्या नहीं थी, बल्कि उनके जीवन को पूरी तरह से बदल देने वाली स्थिति बन चुकी थी।
कई डॉक्टर, कई सलाहें लेकिन नहीं मिला सही जवाब
पोपी ने बताया कि उन्होंने इस परेशानी के लिए कई डॉक्टरों से संपर्क किया, ढेरों टेस्ट करवाए, लेकिन कोई भी डॉक्टर उनकी इस लगातार ब्लीडिंग की असली वजह नहीं समझ पाया। उन्होंने कहा, "मुझे बहुत पहले अल्ट्रासाउंड करवाया गया था जिसमें स्थिति साफ थी, लेकिन किसी ने मुझे इसके बारे में बताया ही नहीं।"
पोपी ने बताया कि पहले तो यह समस्या सिर्फ पीरियड्स के दौरान होती थी लेकिन धीरे-धीरे हालात और भी खराब होने लगे। उन्हें अत्यधिक पेट दर्द होने लगा बार-बार सिरदर्द और उल्टियाँ होती थीं शरीर का आयरन लेवल बहुत गिर गया हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द बना रहने लगा इतनी तकलीफ के बावजूद डॉक्टरों की ओर से पीसीओएस (PCOS) का इलाज भी सफल नहीं रहा।
मेटल हेल्थ भी हुई प्रभावित
लगातार ब्लीडिंग और शरीर में कमजोरी ने पोपी के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। वो डिप्रेशन का शिकार हो गईं और हर दिन एक संघर्ष बन गया। शारीरिक दर्द के साथ-साथ मानसिक तनाव और अकेलेपन ने उनकी ज़िंदगी को और मुश्किल बना दिया।
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आखिरकार सामने आया सच — 'बाइकॉर्नुएट यूट्रस'
करीब 950 दिनों तक लगातार ब्लीडिंग झेलने के बाद आखिरकार पोपी को अपनी असली बीमारी का पता चला। वो एक दुर्लभ स्थिति से जूझ रही थीं जिसे "बाइकॉर्नुएट यूट्रस (Bicornuate Uterus)" कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें महिला का गर्भाशय सामान्य आकार का नहीं होता बल्कि वह दो भागों में बँटा हुआ होता हैलजैसे दो छोटे चैंबर।
कितना दुर्लभ है यह रोग?
बाइकॉर्नुएट यूट्रस एक बहुत ही दुर्लभ स्थिति है। यह समस्या दुनिया भर में 5% से भी कम महिलाओं को प्रभावित करती है। अक्सर इसके लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते, लेकिन जिन महिलाओं में यह उभरता है, उन्हें लंबे समय तक चलने वाले पीरियड्स, पेल्विक दर्द, गर्भधारण में समस्या और लगातार असहजता का सामना करना पड़ता है।
पोपी ने बताया कि इस स्थिति के चलते उन्होंने अपनी ज्यादातर सेविंग्स पीरियड प्रोडक्ट्स, नए कपड़े और बिस्तरों पर खर्च कर दी। हर दिन उन्हें डर लगता था कि कहीं कपड़े गंदे न हो जाएं या लोग उनकी हालत का मज़ाक न उड़ाएं। उन्होंने कहा, "हर दिन मेरे लिए एक सजा की तरह था।"
इलाज की दिशा में उठाए कदम
अब पोपी ने अपने इलाज की दिशा में कई जरूरी कदम उठाए हैं। उनकी मेडिकल जर्नी में शामिल हैं हार्मोनल जांच, IUD सर्जरी, गर्भाशय की परत से असामान्य टिश्यू हटाने की प्रक्रिया। इसके अलावा पोपी और उनके डॉक्टर अब गर्भाशय के आकार को सुधारने के लिए सर्जरी पर भी विचार कर रहे हैं। पोपी ने भावुक होकर कहा, "अब जब मैं सोचती हूँ कि एक दिन ऐसा भी होगा जब मुझे ब्लीडिंग नहीं होगी, तो वह दिन मुझे स्वर्ग जैसा लगता है।"
पोपी की कहानी के ज़रिए यह उम्मीद की जाती है कि लोग महिलाओं की पीरियड्स और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से लेंगे और ऐसे विषयों पर खुलकर बात करेंगे।