भारत ने सिंधु नदी का पानी रोका, पाकिस्तान बोला- "रेगिस्तान बन जाएगा हमारा इलाका"...

punjabkesari.in Sunday, Apr 27, 2025 - 12:26 PM (IST)

नारी डेस्क: भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को खत्म करने का निर्णय लिया है। यह समझौता दोनों देशों के बीच तीन युद्धों के बावजूद चलता रहा था, लेकिन अब भारत ने यह कदम आतंकवाद के बढ़ते प्रभाव के कारण उठाया है। पाकिस्तान पर आरोप है कि वह आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश बन चुका है और इस वजह से भारत ने यह बड़ा कदम उठाया है। पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुआ है। पाकिस्तान ने इस फैसले का विरोध किया है और इसे युद्ध जैसे एक कदम के रूप में देखा है। इस स्थिति को लेकर पाकिस्तान की सरकार और जनता दोनों ही काफी चिंतित हैं।

पाकिस्तान में मचा डर और चिंता

पाकिस्तान में इस फैसले के बाद डर और चिंता का माहौल बन गया है। पाकिस्तान के एक किसान, होमला ठाकुर, ने मीडिया से बात करते हुए अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सिंधु नदी का जलस्तर पहले ही काफी घट चुका है, और उनकी फसलें सूख रही हैं। अगर भारत ने पानी रोक लिया, तो पाकिस्तान का अधिकांश हिस्सा रेगिस्तान में बदल सकता है। इससे न केवल खेती की स्थिति खराब होगी, बल्कि भूख और अकाल की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।

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इस बारे में पाकिस्तान के एक प्रमुख अर्थशास्त्री और टीम लीडर विकार अहमद ने भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पहले इस निर्णय के असर को हल्के में लिया था, लेकिन अब उन्हें यह समझ में आ रहा है कि भारत का यह कदम बहुत गंभीर है और इसका पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर दूरगामी असर हो सकता है।

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भारत की पानी रोकने की तैयारी

भारत ने इस कदम को लागू करने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब भारत सुनिश्चित करेगा कि सिंधु नदी का एक भी बूंद पानी पाकिस्तान तक न पहुंचे। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए भारत ने नहरों का उपयोग करने का तरीका अपनाया है, जिससे पानी को भारत के खेतों की तरफ मोड़ा जा सके। हालांकि, जलविद्युत बांधों की परियोजना पूरी होने में 4 से 7 साल का समय लग सकता है, लेकिन भारत पहले से ही इस दिशा में काम कर रहा है।

पानी की कमी से पाकिस्तान की आर्थिक संकट

भारत द्वारा पानी रोकने के परिणामस्वरूप पाकिस्तान की कृषि और बिजली उत्पादन दोनों पर गंभीर असर पड़ सकता है। पाकिस्तान के एक शोधकर्ता, गशारिब शौकत, ने कहा कि फिलहाल पाकिस्तान के पास इस स्थिति से निपटने के लिए कोई वैकल्पिक उपाय नहीं है। यदि पानी की कमी बढ़ती है, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भी तगड़ा झटका लग सकता है। इससे न केवल पाकिस्तान की खेती और बिजली उत्पादन प्रभावित होंगे, बल्कि समग्र आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल हो सकती है।

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भारत का सिंधु जल समझौते को खत्म करने का फैसला पाकिस्तान के लिए एक गंभीर संकट का कारण बन चुका है। इस स्थिति में पाकिस्तान को जल्दी ही कोई उपाय ढूंढने की आवश्यकता होगी, अन्यथा इसे गंभीर आर्थिक और सामाजिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, भारत ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, और यह देखना होगा कि आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर क्या नतीजे सामने आते हैं।


 


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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