शिवजी की तीसरी आंख खुलने पर निकली ऊर्जा से हुआ था राक्षस जालंधर का जन्म
punjabkesari.in Sunday, Dec 03, 2023 - 03:35 PM (IST)
भगवान भोलेनाथ स्वभाव से बहुत ही भोले-भाले हैं इसलिए उन्हें भोलेनाथ कहते हैं। वैसे तो शिवजी गुस्सा करते नहीं लेकिन जब उन्हें गुस्सा आ जाए तो पूरी सृष्टि नष्ट हो सकती है। भोलेनाथ की 3 आंखें है इसलिए उन्हें त्र्यंबकेश्वर भी कहते हैं। एक बार शिवजी ने अपनी तीसरी आंख खोली थी लेकिन यह बात बहुत से कम लोग जानते हैं कि शिवजी ने तीसरी आंख खोली क्यों थी। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि भगवान भोलेनाथ ने अपनी तीसरी आंख क्यों खोली थी....
शिव और इंद्र युद्ध के कारण
एक बार देवराज इंद्र और देवगुरु ब्रहस्पति भगवान शिव से मिलने के लिए कैलाश पर्वत गए। तब शिवजी उनके धैर्य की परीक्षा लेने लगे। शिवजी ने एक ऋषि का रुप धारण किया और इंद्र का रास्ता रोक बीच में ही बैठ गए। इंद्र के बार-बार कहने पर भी वह रास्ते से नहीं हटे। तब इंद्र को गुस्सा आ गया और उन्होंने क्रोधित होकर भगवान शिव पर अपना वज्र चला दिया ये देख शिवजी भी क्रोधित हो गए। शिवजी ने क्रोधित होकर अपनी तीसरी आंख खोल दी। उस समय गृह ब्रहस्पति ने बीच-बचाव कर देवराज इंद्र की जान बचाई थी तब शिवजी ने अपनी तीसरी आंख समुद्र की ओर घुमा दी जिससे निकली ऊर्जा से जालंधर नाम के असुर का जन्म हुआ था।
शिवजी और कामदेव
भगवान शिव की पहली पत्नी देवी सती के पिता ने एक यज्ञ करवाया था जिसमें भगवान शिव को छोड़कर बाकी सभी देवी-देवता आमंत्रित थे। देवी सती को पति का ये अपमान सहन नहीं हुआ और उन्होंने क्रोधित होकर उसी यज्ञ में अपनी आहुति दे दी। अपने प्राण त्याग दिए। देवी सती के प्राण जाने से महादेव क्रोधित हो गए और मोह माया का बंधन छोड़कर लंबी साधना में चले गए। इस दौरान वो कई बरस साधना में रहे। तब सारे देवी-देवताओं ने महादेव को साधना से जगाने का विचार किया ऐसे में कामदेव ने भी शिवजी को जगाने की ठान ली। उसने तीर मारकर शिवजी की साधना तोड़ी। साधना टूटते ही शिवजी की तीसरी आंख खुल गई और उसकी अग्नि से कामदेव भस्म हो गया।
मां पार्वती
एक बार मां पार्वती ने भगवान शिव के साथ खेल-खेल में उनकी दोनों आंखों पर हाथ रखकर उन्हें बंद कर दिया। पार्वती मां से जाने अनजाने में हुई इस भूल से पूरे विश्व में अंधेरा छा गया तब विश्व को बचाने के लिए शिवजी ने अपनी तीसरी आंख खोली थी। ऐसा माना जाता है कि इस तपन से पार्वती के हाथों से जो पसीना आया था उससे अंधक नाम के राक्षस का जन्म हुआ था।