घर में CCTV लगाने से पहले लेनी होगी पूरे परिवार की परमिशन, कोर्ट ने दिए आदेश

punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 04:17 PM (IST)

नारी डेस्क: हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें घर में सभी रहने वाले सदस्यों की सहमति के बिना साझा आवास में सीसीटीवी कैमरे लगाने पर रोक लगाई गई थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि परिवार के सभी सदस्यों की सहमति के बिना घर में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए जा सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले से सहमति जताई है कि बिना अनुमति के सीसीटीवी कैमरे लगाना निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
 

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जस्टिस दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज कर दिया। यह मामला दो भाइयों के बीच उनके संयुक्त स्वामित्व वाली इमारत के आवासीय हिस्से में निगरानी कैमरों को लेकर विवाद से उपजा था। एक भाई ने मूल्यवान संपत्ति और दुर्लभ प्राचीन वस्तुओं की सुरक्षा की आवश्यकता का हवाला देते हुए पांच सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। दूसरे ने इस पर आपत्ति जताते हुए दावा किया कि इससे उसकी निजता का उल्लंघन होता है।
 

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कलकत्ता हाई कोर्ट ने माना कि सह-रहने वालों या सह-ट्रस्टियों की मंजूरी के बिना की गई ऐसी स्थापना निजता के अधिकारों का उल्लंघन है। ऐतिहासिक जस्टिस के.एस. पुट्टस्वामी (सेवानिवृत्त) बनाम भारत संघ (2017) पर भरोसा करते हुए, न्यायालय ने फिर से पुष्टि की कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार है और यह व्यक्तिगत गरिमा, स्वायत्तता और स्वतंत्रता में निहित है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- “सह-ट्रस्टी/अपीलकर्ता की सहमति के बिना आवासीय भाग के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाना और चलाना, उसकी संपत्ति के स्वतंत्र उपयोग के अधिकार पर प्रतिबंध लगाने और अपीलकर्ता के निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा।”


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vasudha

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