गुरदासपुर में Blackout के आदेश, रात 9 से 5 बजे तक रहेगा अंधेरा
punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 03:35 PM (IST)

नारी डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी के तहत जिला गुरदासपुर में ब्लैकआउट लागू करने का आदेश जारी किया गया है। गुरदासपुर में 8 मई से हर रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक पूर्ण ब्लैकआउट रहेगा। यह आदेश केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश पर, सिविल डिफेंस एक्ट 1968 के अंतर्गत लागू किया गया है। इस आदेश का उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में सुरक्षा बनाए रखना और संभावित हवाई हमले जैसी स्थितियों से निपटने की तैयारी करना है।
जेल और अस्पताल रहेंगे आदेश से बाहर
यह ब्लैकआउट आदेश केंद्रीय जेल गुरदासपुर और जिले के अस्पतालों पर लागू नहीं होगा। हालांकि, इन संस्थानों को भी निर्देश दिए गए हैं कि रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक खिड़कियां बंद रखी जाएं। खिड़कियों को इस तरह ढका जाए कि कोई भी रोशनी बाहर न जा सके।
पहले बठिंडा में हुआ था ब्लैकआउट अभ्यास
गुरदासपुर से पहले बठिंडा में बुधवार रात ब्लैकआउट ड्रिल की गई थी। यह ड्रिल रात 8:30 से 8:40 बजे तक चली, जिसमें पूरे शहर की सभी लाइटें बंद कर दी गईं। इस दौरान, लोगों को सलाह दी गई कि घरों, दुकानों और सड़कों पर कोई भी लाइट न जलाएं। वाहन चालक जहां हैं, वहीं गाड़ी रोक दें और आगे न बढ़ें।
नागरिकों को सतर्क और तैयार करना है मकसद
ब्लैकआउट ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है कि नागरिकों को किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार किया जा सके। यदि दुश्मन देश की ओर से रात में हवाई हमला होता है, तो लोग जान सकें कि कैसे सुरक्षित रहना है। प्रशासन ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि घबराहट के बजाय सतर्कता रहे। आम जनता को सही समय पर सही फैसला लेने की आदत डाली जा सके।
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लोगों ने किया प्रशासन का सहयोग
बठिंडा में हुए ब्लैकआउट अभ्यास के दौरान अधिकतर लोगों ने निर्देशों का पालन किया। उन्होंने बिजली बंद रखी, सार्वजनिक स्थानों पर रोशनी नहीं जलाई और पूरे शहर में पूर्ण अंधेरा बनाए रखा। इससे प्रशासन को यह अंदाज़ा हुआ कि ऐसी ड्रिल भविष्य में भी सफलतापूर्वक कराई जा सकती है।
पुलिस और प्रशासन रहे मुस्तैद
ब्लैकआउट के दौरान पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें सड़कों पर गश्त करती रहीं। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कहीं कोई लाइट चालू न हो, लोग नियमों का पालन करें और किसी तरह की गड़बड़ी न हो।
प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि ऐसे अभ्यास भविष्य में बार-बार किए जा सकते हैं, ताकि आम जनता पूरी तरह तैयार रहे।