दुनिया का वो इकलौता देश जहां नहीं होती रात, 40 मिनट बाद ही उग जाता है सूरज

punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 03:41 PM (IST)

नारी डेस्क: नॉर्वे के स्वालबार्ड में एक ऐसी अनोखी प्राकृतिक घटना होती है जो इसे दुनिया के बाकी हिस्सों से अलग बना देती है। यहां सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच का अंतर सिर्फ 40 मिनट का होता है। हम आमतौर पर दिन और रात के सामान्य बदलाव के आदी हैं, लेकिन स्वालबार्ड में यह नियम नहीं चलता। स्वालबार्ड नॉर्वे का एक बेहद खूबसूरत और अनोखा इलाका है। यहां सूरज दोपहर करीब 12:43 बजे डूबता है और सिर्फ 40 मिनट बाद फिर से उग आता है। ये कोई एक-दो दिन की बात नहीं है बल्कि ये नज़ारा ढाई महीने तक चलता है। इस समय के दौरान सूरज रात में भी आसमान में चमकता रहता है। इसी वजह से इस जगह को "कंट्री ऑफ मिडनाइट सन" यानी "आधी रात का सूरज" वाला देश भी कहा जाता है।

कब दिखता है मिडनाइट सन?

यह अनोखी घटना मई से जुलाई तक देखने को मिलती है। करीब 76 दिनों तक सूरज अस्त नहीं होता। इस दौरान लोग रात में भी धूप का आनंद ले सकते हैं क्योंकि अंधेरा पड़ता ही नहीं। इस घटना के पीछे एक खास वैज्ञानिक कारण है। दरअसल, पृथ्वी अपनी धुरी पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है। इसी झुकाव की वजह से पृथ्वी पर मौसम और दिन-रात की लंबाई में अंतर आता है।

PunjabKesari

जब पृथ्वी का उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर झुका होता है, तो स्वालबार्ड जैसे उत्तरी क्षेत्र सूरज की किरणें लगातार पाते हैं। इसी समय वहां सूर्यास्त नहीं होता और रात में भी सूरज चमकता है।

ये भी पढ़े: भारत का एकमात्र मंदिर जो मिटाए राहु-केतु दोष, एक बार जरूर करें दर्शन, जानिए कहां है यह मंदिर

भारत में ऐसा क्यों नहीं होता?

भारत जैसे देशों में भी दिन और रात की लंबाई में फर्क आता है लेकिन उतना ज्यादा नहीं। जैसे 21 जून को भारत में साल का सबसे लंबा दिन होता है। 22 दिसंबर को सबसे लंबी रात होती है। लेकिन भारत भूमध्य रेखा के पास है, जबकि स्वालबार्ड आर्कटिक सर्कल के पास है। इसी कारण वहां दिन और रात में बड़ा अंतर देखने को मिलता है।

PunjabKesari

पर्यटकों के लिए खास आकर्षण

यह नजारा इतना अनोखा है कि दुनिया भर से पर्यटक स्वालबार्ड घूमने आते हैं। लोग रात को भी खुले में घूमते हैं, फोटो खींचते हैं और सूर्य के नीचे पिकनिक करते हैं। यहां के लोग इस अनुभव को खुशी और उत्साह के साथ जीते हैं, क्योंकि हर समय उजाला फैला होता है।

स्वालबार्ड की यह घटना हमें पृथ्वी और ब्रह्मांड की अनोखी व्यवस्था को समझने का मौका देती है। ये सिर्फ एक प्राकृतिक घटना नहीं, बल्कि इंसान को चौंका देने वाला अनुभव है। यही इसे इतना खास बनाता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

PRARTHNA SHARMA

Related News

static