Budget 2025: आठवी बार बजट पेश कर Nirmala Sitharaman रचेगी इतिहास, 8 लाख की Income हो सकती Tax Free!
punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2025 - 09:42 PM (IST)
नारी डेस्कः Budget 2025 का सबको इंतजार है। इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी, 2025 को अपना आठवां आम बजट पेश कर नया इतिहास रचने वाली हैं। यह मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट है और बजट आमतौर पर सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश किया जाता है तथा उसके बाद इससे जुड़ी सारी जानकारी लोगों के साथ साझा की जाती है। वैसे बजट से पहले ही उम्मीद लगाई जा रही हैं कि Budget 2025 में मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में राहत मिल सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹75,000 से बढ़कर ₹1 लाख हो सकता है, जबकि टैक्स फ्री इनकम लिमिट ₹7 लाख से ₹8 लाख तक बढ़ाई जा सकती है।
आठवें केंद्रीय बजट में सरकार से उम्मीद की जा रही हैं कि वह ऐसे बदलाव करेगी जो खासतौर पर मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को राहत देंगे, जिससे उनकी डिस्पोजेबल इनकम (खर्च करने योग्य आय) बढ़े और उन्हें लॉन्ग टर्म फाइनेंसियल स्टेबिलिटी मिले। Mint को दिए इंटरव्यू में Infosys के पूर्व CFO TV Mohandas Pai ने कहा, ”मिडिल क्लास बढ़ती महंगाई, बढ़ती EMI और शिक्षा की बढ़ती लागत से परेशान है। मिडिल क्लास हाई टैक्स और जीवन स्तर की खराब गुणवत्ता से बहुत नाराज और परेशान है।”
संभावित नए टैक्स स्लैब:
₹4 लाख तक – कोई टैक्स नहीं
₹4 लाख से ₹8 लाख – 5%
₹8 लाख से ₹10 लाख – 10%
₹10 लाख से ₹12 लाख – 15%
₹12 लाख से ₹15 लाख – 20%
₹15 लाख से ऊपर – 30%
अगर ये बदलाव लागू होते हैं, तो नए टैक्स रिजीम को अपनाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इससे मिडिल क्लास को ज्यादा टैक्स सेविंग मिलेगी और उनकी डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी।
संतुलित बजट क्या होता है ?
जब एक वित वर्ष में सरकार के आमदनी और खर्च के आंकड़े बराबर हों तो उसको संतुलित बजट कहा जाता है। अर्थशास्त्री सरकार और एक्सपर्ट सरकार के बजट से यही उम्मीद करते हैं। बजट से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि सरकार अपनी आमदनी के हिसाब से ही पैसे खर्च करेगी।
क्या होगी सरकार की बड़ी घोषणाएं?
साल 2025 का बजट कैसा होगा इस पर पूरे देश की नजर है और सरकार किन सुधारों की घोषणा करेगी। खासतौर पर मिडिल क्लास और सैलरीड प्रोफेशनल्स टैक्स में कटौती और इनकम बढ़ाने वाले उपायों की उम्मीद कर रहे हैं।
बजट कितनी तरह का होता है ?
बजट को हम 4 कैटगरी में बांट सकते हैं – संतुलित बजट, असंतुलित बजट, सरप्लस बजट या डेफिसिट बजट। इसे हम अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में भी विभाजित कर सकते हैं हालांकि अर्थशास्त्री बजट का वर्गीकरण अन्य कई तरीकों से भी करते हैं।
केंद्रीय बजट में पूंजी, राजस्व और व्यय बजट शामिल हैं और यह सरकार के वित्तीय रिकॉर्ड और रणनीतियों की रूपरेखा तैयार करने के प्राइमरी टारगेट को पूरा करता है, जिसका लक्ष्य सभी के लिए सामाजिक न्याय और समानता सुनिश्चित करने जैसी संवैधानिक जिम्मेदारियों के निष्पादन को सक्षम करते हुए व्यापक आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
बता दें कि साल 2024-25 वित्त वर्ष का आर्थिक लेखा-जोखा पेश करते हुए कहा गया है कि साल 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए देश को 2 दशक तक 8 प्रतिशत की दर से वृद्धि करनी होगी। हालांकि, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को निवेश दर मौजूदा 31 प्रतिशत से बढ़ाकर जीडीपी का 35 प्रतिशत करना होगा और विनिर्माण क्षेत्र पर अधिक ध्यान देना होगा।