नए नियम: पुरुष दर्जी अब नहीं लेंगे महिलाओं का नाप, लेडीज सैलून और जिम में भी मर्द होंगे बैन !
punjabkesari.in Saturday, Nov 09, 2024 - 02:39 PM (IST)
नारी डेस्क: उत्तर प्रदेश महिला आयोग के एक हालिया प्रस्ताव पर यदि अमल हुआ तो सिलाई के लिये महिलाओं के कपड़ों के नाप लेने का काम सिर्फ महिला दर्जी ही करेंगी तथा महिलाओं के तमाम जिम और योग केन्द्रों में महिला प्रशिक्षकों की तैनाती अनिवार्य होगी। आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के संरक्षण से जुड़े कई निर्णय लिए हैं, जिसे लेकर चर्चाओं का दौर जारी है।
आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने बताया कि 28 अक्टूबर को हुई आयोग की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया है कि महिलाओं के कपड़ों का नाप सिर्फ महिला दर्जी ही लें और जिस जगह नाप लिया जा रहा हो वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। यह प्रस्ताव महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने रखा था जिसका बैठक में मौजूद सदस्यों ने समर्थन किया। यह पूछे जाने पर कि महिला आयोग ने ऐसा प्रस्ताव क्यों रखा, हिमानी ने कहा- ‘‘हमारा मानना है कि इस तरह के पेशे में पुरुष भी शामिल हैं और नाप लेने के दौरान महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की जाती है। वे (पुरुष) गलत तरीके से छूने की कोशिश करते हैं। कुछ पुरुषों की मंशा भी अच्छी नहीं होती। हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी पुरुषों की मंशा खराब होती है। इसलिए महिलाओं को ही महिलाओं का नाप लेना चाहिए।''
अग्रवाल ने कहा- ‘‘अभी यह प्रस्ताव है और हमने कहा है कि ऐसा होना चाहिए। इसके बाद हम राज्य सरकार से इस संबंध में कानून बनाने का अनुरोध करेंगे। हमने यह भी कहा है कि सैलून में महिला ग्राहकों की देखभाल महिला नाई को ही करनी चाहिए।'' इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया है कि महिला जिम और योग केन्द्रों में महिला प्रशिक्षक होनी चाहिये। साथ ही केन्द्रों में डीवीआर सहित सीसीटीवी कैमरे का चलती हालत में होना अनिवार्य किया जाए।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया है कि स्कूल बसों में महिला सुरक्षाकर्मी या शिक्षिका का होना अनिवार्य किया जाए। साथ ही नाट्य कला केन्द्रों में महिला नृत्य शिक्षिका की तैनाती की जाए और वहां सक्रिय दशा में सीसीटीवी कैमरों का होना अनिवार्य हो। सूत्रों के अनुसार बैठक में कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सीसीटीवी कैमरों एवं शौचालय की व्यवस्था और महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्रों की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। सूत्रों के मुताबिक बैठक में सभी जिलाधिकारियों को अर्द्धशासकीय पत्र भेजते हुये आयोग द्वारा लिये गये निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं।