मिलिए 'हिरोईन ऑफ हाईजैक' Neerja Bhanot से, 'अशोक चक्र' पाने वाली पहली महिला
punjabkesari.in Sunday, Oct 30, 2022 - 11:25 AM (IST)
एक खूबसूरत सी चंचल, चुलबुली लड़की जो फिल्मों की शौकीन थी, राजेश खन्ना की एक भी फिल्म मिस नहीं करती थी। किसी ने सोचा भी नहीं होगा की एक दिन वही मलंग सी लड़की बहादुरी की मिसाल देगी और सैंकड़ों लोगों की जान अपनी जान देकर बचाएगी। हम बात कर रहे हैं एयर होस्टेज नीराजा भनोट की, जिन्होंने फ्लाइट हाईजैक करने के दौरान आतंकियों से लोहा लिया और यात्रियों की जान बचाते हुए खुद की जान गँवा दी। आपको बता दें, आतंकियों से लगभग 400 यात्रियों की जान बचाते हुए उन्होंने अपना जीवन बलिदान कर दिया था। नीरजा भनोट 'अशोक चक्र' पाने वाली पहली महिला थीं। आइए जानते हैं उनके बारे में और कैसे बचाई उन्होनें यात्रियां की जान।
नीरजा का बचपन
नीरजा का जन्म 7 सितंबर 1963 को चंडीगढ़ के एक पंजाबी परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई चंड़ीगढ़ के सैक्रेड हार्ट सीनियर सेकंडरी स्कूल (Sacred Heart Senior Secondary School) से की। जिसके बाद उनका परिवार मुंबई में जाकर रहने लगा। उन्होंने मुंबई के बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से अपनी आगे की पढ़ाई की और मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। आपको बता दें, नीरजा के पिता एक पत्रकार थे। उनके माता-पिता ने जन्म से पहले ही तय कर लिया था कि अगर उनके घर बेटी का जन्म हुआ तो वे उसे 'लाडो' कहकर बुलाएंगे।
हुई घरेलु हिंसा की शिकार
साल 1985 में नीरजा के हाथ मेंहदी लगी और एक बिजनेसमैन से उनकी अरेंज मैरिज हुई। लेकिन शादी के बाद वो घरेलू हिंसा की शिकार हुईं। दहेज की लिए पति से यातनाएं झेल-झेल कर वो इतनी परेशान हो गई की सिर्फ 2 महीने बाद वो अपने पति को छोड़ कर मां-बाप के पास वापस आ गई। वापस आने के बाद उन्हें कई मॉडलिंग के ऑफर मिले, जिसके बाद उन्होंने मॉडलिंग करियर की शुरुआत की।
नीरजा ने अपनी सूझबूझ से बचाया यात्रियों को
नीरजा को पैन एम एयरलाइंस में बतौर एयर होस्टेस की नौकरी मिल गई। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन इसी नौकरी की वजह से उन्हें अपनी जिंदगी को अलविदा कह देगी। साल 1986 में कराची में एक विमान उड़ान भरने के लिए पायलट का इंतजार में था, लेकिन अचानक चार आतंकवादियों में पूरे विमान को हाईजैक करते हुए सभी यात्रियों को गन प्वाइंट पर ले लिया। आतंकी बड़ा हमला करने के लिए विमान का अपहरण करने वाले थे और उन्होंने पायलट की मांग की थी। पर रात के अंधेरे में नीरजा ने अपनी सूझबूझ से विमान का दरवाजा खोल दिया और सभी यात्रियों की जान बचाई। हालांकि इस दौरान आतंकियों ने फायरिंग कर दी और नीरजा को भी गोली लगा गई और वो शहीद हो गईं।
नीराज की बायोपिक में नज़र आ चुकी हैं सोनम कपूर
साल 2016 में एक्ट्रेस सोनम कपूर नीराज की बायोपिक में नज़र आई थी, जिसमें एक बार फिर से फिल्म के माध्यम से लोगों को नीरजा की वीरता के बारे में बताया था।
मिले ये सम्मान
नीरजा भनोट को भारत सरकार ने उनको सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'अशोक चक्र' प्रदान किया। वहीं पाकिस्तान की सरकार ने भी नीरजा को 'तमगा-ए-इंसानियत' प्रदान किया। वहीं साल 2004 के सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया गया।