ज्येष्ठ माह के दिन जरूर करें गंगा स्नान, जाने-अनजाने में हुए पापों से मिलेगी मुक्ति
punjabkesari.in Friday, Jun 02, 2023 - 05:02 PM (IST)
हिंदू धर्म की सभी पूर्णिमा में ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को खास माना गया है। भारत के कुछ जगहों पर ज्येष्ठ पूर्णिमा को वट पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। इस साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 4 जून को मनाई जाएगी। मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन स्नान और दान-धर्म करने की परंपरा है। विशेष तौर पर इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से लोगों धन, यश, वैभव और सुख समृद्धि प्राप्त होती है उनके सभी पापों का नाश होता है।
धर्म ग्रंथो और हिंदू प्राचीन धर्मों का कहना है कि इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूरी विधि विधान से पूजा की जाती है। इस शुभ दिन महिलाएं अपने सुहाग, पुत्र, आरोग्यता के लिए यह व्रत करती है। बता दें कि इस दिन स्नान, ध्यान और पुण्य कर्म का महत्व तो है ही लेकिन इस दिन अविवाहित युवक-युवतियां भी विवाह लग्न में आ रही बाधाओं के निवारण के लिए इस दिन विशेष पूजा-अर्चना कर सकते हैं। कहा जाता है कि इस दिन श्वेत वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा और अभिषेक वे करें तो उनके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होने की मान्यता है।
इस दिन क्या करें
1 इस दिन सुबह जल्दी उठकर पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। ऐसा इस लिए क्योंकि पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी वास है।
2 पानी में कच्चा दूध मिलाकर पीपल के पेड़ में अर्पित करें।
3 पीपल और नीम की त्रिवेणी के नीचे विष्णु सहस्त्रनाम या शिवाष्टक का पाठ करने से ग्रह दोष दूर होते हैं।
4 इस दिन शादीशुदा लोगों को चंद्र देव को अन्न, दूध, दही, फूल मिले जल से अर्घ्य देना चाहिए। इससे हर छोटी-बड़ी परेशानी दूर होती है।