इतने दिन पीरियड्स का लेट होना है नॉर्मल, बहुत ज्यादा देर होने पर डॉक्टर के पास जाना ही समझदारी

punjabkesari.in Monday, Jun 30, 2025 - 05:01 PM (IST)

नारी डेस्क:  क्या आप भी हर महीने कैलेंडर पर नजर गड़ाए बैठी रहती हैं और सोचती हैं कि 'इस बार पीरियड्स क्यों नहीं आए?' अगर हां, तो आप अकेली नहीं हैं। कभी-कभी एक-दो दिन की देरी आम है, लेकिन जब यह बार-बार होने लगे तो चिंता होना लाजमी है।यहां हम विस्तार से समझते हैं कि पीरियड्स कितने दिन तक लेट होना सामान्य माना जाता है, किन कारणों से ऐसा हो सकता है और कब इसे लेकर इलाज करवाना जरूरी है। 

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पीरियड्स कितने दिन लेट होना नॉर्मल है?

महिलाओं का मासिक चक्र (menstrual cycle) सामान्यतः 28 से 32 दिन का होता है। लेकिन हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए कुछ के लिए यह 21 दिन का हो सकता है तो कुछ के लिए 35 दिन तक का। अगर पीरियड्स 4-5 दिन लेट हो जाएं, तो यह सामान्य माना जाता है। 7 दिन तक की देरी भी कभी-कभी सामान्य होती है, खासकर अगर आपकी जीवनशैली में हाल ही में कोई बदलाव आया हो (जैसे तनाव, वजन आदि)। अगर पीरियड्स 35 दिनों से ज़्यादा नहीं आते हैं, तो उसे "लेट पीरियड्स" या "Irregular Periods" माना जाता है।


पीरियड्स में देरी के मुख्य कारण

न्यूट्रिशनिस्ट्स के अनुसार, अचानक वजन का घटना या बढ़ना पीरियड्स में देरी का बड़ा कारण है। आपके शरीर का वजन हार्मोन्स पर सीधा असर डालता है और प्रजनन से जुड़े हार्मोन्स को प्रभावित करता है। हद से ज्यादा stress भी आपके पीरियड्स को देर करवा सकता है। जब आप बहुत तनाव में होती हैं, तो शरीर कोर्टिसोल हार्मोन छोड़ता है जो पीरियड्स के लिए जरूरी हार्मोन्स में रुकावट डालता है। जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करना भी नुकसानदायक है। अगर आप बहुत कसरत करती हैं और ठीक से नहीं खातीं, तो शरीर प्रजनन से जुड़े कामों को रोक देता है।


आयरन की कमी और हार्मोनल असंतुलन का प्रभाव

आयरन की कमी भी पीरियड्स में देरी का बड़ा कारण है। आयरन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है, खासकर महिलाओं के लिए। अगर आपके शरीर में आयरन की कमी है तो आपको थकान, कमजोरी महसूस होगी और पीरियड्स भी अनियमित हो सकते हैं। हार्मोनल असंतुलन पीरियड्स में देरी का सबसे बड़ा कारण है। PCOS या थायराइड जैसी समस्याएं आपके हार्मोन्स का संतुलन बिगाड़ देती हैं। जब हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ता है तो पीरियड्स का चक्र भी बिगड़ जाता है। गर्भनिरोधक गोलियां लेना या बंद करना भी हार्मोन्स में बदलाव लाता है। शरीर को इन बदलावों के साथ तालमेल बिठाने में समय लगता है। अगर यह समस्या बनी रहे तो किसी अच्छे gynecologist से जरूर सलाह लें।

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अनियमित पीरियड्स के लिए प्राकृतिक उपचार

शतावरी इस समस्या में सबसे असरदार जड़ी-बूटी है। यह आपके हार्मोन्स को नेचुरली बैलेंस  करती है और पीरियड्स को रेगुलर बनाने में मदद करती है। रोजाना एक चम्मच शतावरी पाउडर दूध के साथ लें। अशोक की छाल भी बेहद फायदेमंद है। यह गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और पीरियड्स के दर्द को कम करती है। इसका काढ़ा बनाकर पिएं। एलोवेरा जूस भी नियमित रूप से लें। यह आपके शरीर को detox करता है और हार्मोनल बैलेंस बनाए रखता है।


 कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए?

-पीरियड्स लगातार दो महीने या अधिक समय से नहीं आए।

-पीरियड्स बहुत अनियमित हो गए हों।

-अत्यधिक ब्लीडिंग या बहुत कम ब्लीडिंग हो रही हो।

-पीरियड्स के साथ भारी दर्द या चक्कर आना शुरू हो गया हो।

-आपको प्रेगनेंसी का शक हो और टेस्ट निगेटिव आया हो।

-अचानक चेहरे पर बाल आना, मुंहासे बढ़ना या वजन तेज़ी से बढ़ना/घटना।


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Content Writer

vasudha

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