म्यूजिक इंडस्ट्री में शोक की लहर: मशहूर सिंगर की स्कूबा डाइविंग ने ले ली जान,फैंस सदमे में
punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 09:50 AM (IST)
नारी डेस्क: बॉलीवुड और असम म्यूजिक इंडस्ट्री के जाने-माने सिंगर जुबिन गर्ग की स्कूबा डाइविंग के दौरान हुई मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। जुबिन गर्ग, जो अपने गानों और संगीत के लिए लाखों दिलों की धड़कन थे, सिंगापुर में छुट्टियां मना रहे थे। इस दौरान उन्होंने स्कूबा डाइविंग करने का फैसला किया, जो कि एक आम पर्यटक गतिविधि मानी जाती है। लेकिन यह साहसिक एक्टिविटी उनकी ज़िंदगी की आखिरी एक्टिविटी साबित हुई।
बताया जा रहा है कि डाइविंग के दौरान जुबिन का एक्सीडेंट हुआ, उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी हालत इतनी गंभीर थी कि डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके। इस हादसे ने स्कूबा डाइविंग की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से बहस छेड़ दी है – क्या यह एडवेंचर इतना खतरनाक है कि जान तक जा सकती है?
स्कूबा डाइविंग क्या है? एक रोमांचक लेकिन संवेदनशील अनुभव
स्कूबा डाइविंग को आमतौर पर एडवेंचर स्पोर्ट्स की कैटेगरी में रखा जाता है। यह एक ऐसा अनुभव है जहां इंसान समुद्र की अथाह गहराई में उतरकर पानी के भीतर की रहस्यमयी दुनिया को देख सकता है। लेकिन इस रोमांच को अंजाम देने के लिए इंसान को खास तकनीकी उपकरणों की मदद लेनी होती है।
Assamese Brahmin Singer #ZubeenGarg says here "If I die, play this song as it is the most important song for me"
— Based Monk 📢(#Unreserved) (@thatindicmonk) September 19, 2025
Zubeen Garg died during a scuba diving session. Om Shanti 🙏🏻
Your songs were some of the most memorable, #zubeen pic.twitter.com/8ncPq4vGBq
SCUBA का फुल फॉर्म होता है "Self Contained Underwater Breathing Apparatus", यानी ऐसा सिस्टम जिससे आप पानी के नीचे रहते हुए भी सांस ले सकें। इसके लिए डाइवर्स के पास ऑक्सीजन टैंक, सांस लेने के लिए रेगुलेटर, डाइविंग मास्क, फिन्स (पैरों में पहनने वाले विशेष पंख), थर्मल सूट (वेटसूट या ड्रायसूट), और बॉयेंसी कंट्रोल डिवाइस जैसी चीजें होती हैं। स्कूबा डाइविंग करते समय डाइवर्स पूरी तरह से पानी में डूबे होते हैं और किसी भी सहायता के बिना खुद से सांस लेते हुए गहराई में उतरते हैं। यह अनुभव जितना रोमांचक है, उतना ही सावधानी की मांग भी करता है।
स्कूबा डाइविंग से जुड़े खतरे – ये गलतियां बन सकती हैं जानलेवा
ज्यादातर लोग स्कूबा डाइविंग को केवल एक मस्ती या टूरिस्ट एक्टिविटी समझते हैं, लेकिन इसमें तकनीकी पहलू बहुत गहरे होते हैं। अगर इन्हें नजरअंदाज किया जाए, तो यह एक्सपीरियंस जानलेवा भी बन सकता है।
डिकंप्रेशन सिकनेस (Decompression Sickness): डाइविंग के बाद अगर डाइवर बहुत तेजी से सतह पर आ जाता है, तो शरीर में मौजूद नाइट्रोजन गैस जल्दी से बाहर नहीं निकल पाती। इससे गैस के बुलबुले बन जाते हैं जो रक्त की नलियों को ब्लॉक कर सकते हैं। यह स्थिति हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियों को जन्म दे सकती है।
नाइट्रोजन नार्कोसिस (Nitrogen Narcosis): जब डाइवर बहुत गहराई में जाता है, तो वहां दबाव के कारण नाइट्रोजन का असर बढ़ जाता है। इससे डाइवर को भ्रम, चक्कर या निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। यह हालत किसी कोमा या नशे जैसी हो जाती है, जो खतरनाक है।
ऑक्सीजन टॉक्सिसिटी :यदि गहराई में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक हो जाए या किसी वजह से उसका रिएक्शन तेज हो, तो यह शरीर के लिए ज़हर बन सकता है। इससे मस्तिष्क और फेफड़ों पर बुरा असर पड़ सकता है।
एयर एम्बोलिज्म (Air Embolism): यह तब होता है जब फेफड़ों में हवा का दबाव अचानक कम हो जाए और बुलबुले रक्त प्रवाह में चले जाएं। इससे दिल की धड़कन रुक सकती है या दिमाग को ऑक्सीजन मिलना बंद हो सकता है दोनों ही स्थितियाँ जानलेवा हैं। यह सबसे बेसिक खतरा है। अगर डाइविंग के समय उपकरण फेल हो जाएं, डाइवर घबरा जाए या गहराई का सही अंदाजा न हो, तो वह डूब सकता है।
Assamese singer Zubeen Garg died in Singapore after a scuba diving incident.
— Peek TV (@PeekTV_in) September 19, 2025
He had travelled to Singapore as the Cultural Brand Ambassador to attend the North East India Festival.
While diving, he reportedly developed breathing complications. pic.twitter.com/P2xTYi4l5T
जुबिन गर्ग की मौत – लापरवाही या हादसा?
फिलहाल शुरुआती रिपोर्ट्स से यही सामने आया है कि डाइविंग के दौरान जुबिन गर्ग का एक्सीडेंट हुआ। यह हादसा किस कारण हुआ – उपकरणों की गड़बड़ी, गहराई का गलत आकलन, या कोई मेडिकल कंडीशन – इसकी विस्तृत जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। लेकिन यह निश्चित है कि स्कूबा डाइविंग के लिए केवल साहस ही नहीं, बल्कि पूरी ट्रेनिंग, सही मार्गदर्शन और तकनीकी जानकारी की भी आवश्यकता होती है। यदि इनमें से किसी भी एक हिस्से में चूक हो जाए, तो नतीजे गंभीर हो सकते हैं।
स्कूबा डाइविंग को सुरक्षित कैसे बनाएं?
विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर सभी नियमों का पालन किया जाए तो स्कूबा डाइविंग एक बहुत ही सुरक्षित और यादगार अनुभव हो सकता है। इसके लिए कुछ अहम सावधानियों को ध्यान में रखना ज़रूरी है बिना ट्रेनिंग के कभी भी स्कूबा डाइविंग न करें। अनुभवी गाइड के साथ डाइव करें इंडिपेंडेंट डाइविंग केवल बहुत अनुभवी डाइवर्स के लिए सुरक्षित है। सभी उपकरणों की जांच करें ऑक्सीजन टैंक, रेगुलेटर, मास्क आदि पूरी तरह कार्यशील होने चाहिए। मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहें अगर आपको डर, घबराहट या किसी मेडिकल स्थिति की आशंका है, तो डाइविंग से बचें। गहराई और समय की सीमाओं का पालन करें ज्यादा देर तक गहराई में रुकना बेहद खतरनाक हो सकता है। डिकंप्रेशन स्टॉप्स का सख्ती से पालन करें यह शरीर को सतह पर आने के लिए समय देता है।
क्या स्कूबा डाइविंग से अक्सर होती हैं मौतें?
इस सवाल का जवाब है – नहीं। आंकड़ों के मुताबिक, स्कूबा डाइविंग में मौत की दर बहुत कम होती है। लगभग हर एक लाख डाइविंग में 16 मौतें होती हैं। यह आंकड़ा कई अन्य खेलों जैसे जॉगिंग या बाइकिंग से भी कम है। यानी अगर सावधानी बरती जाए, तो स्कूबा डाइविंग सुरक्षित है।
जुबिन गर्ग की मौत – एक चेतावनी
जुबिन गर्ग जैसे अनुभवी और फिट व्यक्ति की स्कूबा डाइविंग में मौत यह दर्शाती है कि प्राकृतिक और तकनीकी जोखिम कभी भी सामने आ सकते हैं। यह घटना हमें यह सिखाती है कि कोई भी एडवेंचर, चाहे वह कितना ही रोमांचक क्यों न हो, उसे करने से पहले पूरी जानकारी और तैयारी ज़रूरी होती है। उनकी मौत से न केवल म्यूजिक की दुनिया को नुकसान हुआ है, बल्कि यह एक बड़ा सबक भी है – साहस ज़रूरी है, लेकिन समझदारी उससे भी ज़्यादा।
स्कूबा डाइविंग एक बेहतरीन अनुभव हो सकता है, लेकिन इसके साथ खतरे भी जुड़े हैं। जुबिन गर्ग की मौत हमें यही याद दिलाती है कि एडवेंचर करने से पहले खुद को शिक्षित करें, प्रशिक्षित करें, और किसी भी तरह की जल्दबाज़ी न करें।

